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मुद्दा अपराध

अननोन लिंक या यूआरएल पर ना करें क्लिक, अन्यथा आप भी हो सकते हैं ठगी के शिकार.

रिपोर्ट- बिनोद सोनी….

रांचीः अपराध अनुशंधान विभाग ने बैंक फ्रॉड करने वाले साइबर ठग को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।

दरअसल साईबर थाना में बीते 18 मई को icici बैंक द्वारा शिकायत दर्ज करवाया गया था कि अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा Phishing SMS मैं लोगों को अकाउंट, पैन कार्ड अपडेट करने के नाम पर एक Malicious Fake Android (apk) फाइल भेजा जा रहा है, जो प्रथमदृष्टया icici बैंक के इंटरनेट बैंकिंग से मिलता जुलता एप्लीकेशन की ही तरह है। मामला दर्ज होने के बाद भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र गृह मंत्रालय से सहयोग प्राप्त करने के बाद अनुसंधान करते हुए जामताड़ा के एक साइबर अपराधी, करण मंडल को गिरफ्तार किया गया।

इस मामले की जानकारी देते हुए अपराध अनुशंधान विभाग के एसपी, कार्तिक एस ने लोगों से अपील की है कि, किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गए अननोन लिंक या यूआरएल पर क्लिक ना करें, ना ही किसी अन्य नंबर पर फॉरवर्ड करें। बैंकों के यूपीआई एप्लीकेशन से संबंधित रजिस्ट्रेशन के लिए बैंकों के ऑफिशियल नंबर से ही मैसेज आता है। वहीं कार्तिक एस ने कहा कि साइबर अपराध का शिकार होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर अविलंब शिकायत करें।

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अपराध मुद्दा

यश मॉडल कंपनी के मालिक, तनवीर खान पर युवती ने लगाया आरोप, ब्लैकमेल कर धर्म परिवर्तन करने और शादी का बना रहा है दबाव.

रिपोर्ट- बिनोद सोनी….

राँची: महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा रांची पुलिस को एक केस ट्रांस्फर किया गया है, जिसमें बिहार की रहने वाली एक मॉडल ने रांची स्थित यश मॉडल कंपनी के मालिक, तनवीर खान पर ब्लैकमेल करने के साथ-साथ धर्म परिवर्तन कर जबरन शादी करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है।

पीड़िता का आरोप, यश नाम बता कर तनवीर ने दोस्ती की थीः

पीड़िता ने बताया कि, आरोपी तनवीर खान ने पहली मुलाकात में उसे अपना नाम यश बताया था। जब उसका असली नाम तनवीर खान पता चला, तो उसने दूरी बनानी शुरू कर दी, इसके बाद से उसे ब्लैकमेल करने और मारपीट का सिलसिला शुरू हो गया। वहीं इस मामले में युवती ने सीएम को ट्वीट कर सुरक्षा की गुहार लगाई है।

नशे की गोली खिला कर कुछ फोटो तनवीर ने खिंचा थाः पीड़िता

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि होली त्योहार के दौरान तनवीर ने नशे की गोलियां खिलाकर उसके कुछ फोटो खींचे थे। इसके बाद से तनवीर उसे, उसी फोटो को आधार बना कर ब्लैकमेल करने लगा और मारपीट का सिलसिला भी शुरू हो गया। आरोपी तनवीर उस पर धर्म बदलने और शादी करने का दबाव बनाने लगा। इसके बाद उसने इसकी शिकायत मुम्बई के बरसोवा थाने में दर्ज कराई।

आरोपी, तनवीर खान ने सभी आरोपों को खारिज कियाः

आरोपी, तनवीर खान पीड़िता के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं।  तनवीर ने पीड़िता पर आरोप लगाया कि, वह अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिलकर उसे ब्लैकमेल कर रही है। मुझे झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश कर रही है। तनवीर ने कहा कि इस युवती ने मेरे बिजनेस को काफी नुकसान पहुंचाया। जब मैंने इससे भरपाई की मांग की तो वो मुझे ब्लैकमेल करने पर उतर आई है। आगे अपने बयान में कहा कि इससे पहले इस युवती ने मेरी न्यूड तस्वीर मेरे फैमिली और फ्रेंड्स को भेजा था, लेकिन मैंने इग्नोर कर दिया था।

तनवीर पर रांची के गोंदा थाना में केस दर्जः एसएसपी

मामले की जानकारी देते हुए रांची एसएसपी, कौशल किशोर ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा भेजे गए मामले पर संज्ञान लिया गया है और उसके बाद उसपर 376 समेत अन्य धाराओं का केस गोंदा थाना में दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है।

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अपराध ब्रेकिंग न्‍यूज

आरवीएनएल के 6 मजदुरों की 25,000 वोल्ट करंट लगने से मौत, धनबाद-गोमो रेल लाईन के बीच हुई घटना, सभी मजदुर लातेहार जिले के…

रिपोर्ट- मनोज प्रसाद…

बाघमाराः रेलवे विभाग की लापरवाही आज एक बार फिर उजागर होते देखी गई। रेलवे विभाग की लापरवाही का खामियाजा 6 ठेका मजदूरों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा है।

बताते चलें कि हावड़ा-नई दिल्ली रेलवे मुख्य मार्ग रामकनाली ओपी अंतर्गत झारखोर फाटक के पास रेलवे लाईन के किनारे हाईटेंशन पोल लगाने के क्रम में 25000 वोल्ट के तार की चपेट में आने से 6 मजदूरों की दर्दनाक मौत घटनास्थल पर ही हो गई। सभी मजदूर इस कदर झुलस गए थें कि, उनकी शिनाख्त होना भी मुश्किल हो रहा है।

बताया जाता है कि सभी मजदूर लातेहार जिले के रहने वाले थें। आरवीएनएल कंपनी के 8 मजदूरों की टीम इस साइट पर रेलवे के लिए बिजली का पोल लगाने का काम कर रहे थें, इसी क्रम में लगाया जा रहा बिजली का पोल रेलवे लाईन के उपर उपर लगे 25,000 वोल्ट की तार के संपर्क में आ गया, जिससे 6 मजदुरों ने झुलस कर घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया।

घटना की सूचना पाकर धनबाद डीआरएम, बाघमारा डीएसपी निशा मुर्मू सहित कई आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। डीआरएम ने बताया कि बिना परमिशन और बिजली सट डाउन लिए आरवीएनएल कंपनी द्वारा काम करवाया जा रहा था। पोल लगाने से पूर्व बिजली सट डाउन करवाना आवश्यक होता है, लेकिन कंपनी द्वारा ना ही पोल लगाने के लिए प्रमिशन लिया गया था और ना ही बिजली ही सट डाउन करवाया गया था।  आरएम ने आगे कहा कि सारे तथ्यों के जांचोपरांत ठोस निर्णय पर पहुंचा जाएगा। घटनास्थल से आरपीएफ ने लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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अपराध मुद्दा

पलामू जिला, करसो पंचायत के मुखिया पति, शंकर साव पर अवैध हथियार के बल पर दलित समुदाय को धमकाने का आरोप, पीड़ित ने आवेदन एसपी को दिया.

रिपोर्ट- संजय वर्मा…

पलामूः पलामू जिला, करसो पंचायत के मुखिया पति, शंकर साव पर अपने 4-5 गुर्गों के साथ अवैध हथियार लेकर दलितों को धमकाने का आरोप लगा है। करसो पंचायत निवासी पीड़ित शिवलाल सिंह ने इस बारे में जिले के एसपी से लिखित शिकायत की है। 30 वर्षीय शिवलाल सिंह, पिता मोहन सिंह ने एसपी को दिये आवेदन में कहा है कि, दिनांक 1 मई 2023 को शंकर साव, अपने 4-5 गुर्गों के साथ हथियार लेकर रात के नौ बजे मेरे घर पहुंचे और कहा कि, तुम मेरे साथ मेरे लिये काम करो, नहीं तो जान मार देंगे। जब मैंने ईन्कार किया कि, मैं आपके साथ नही रहुंगा, तो कॉलर पकड़ कर मुझे मारने लगें। इसके बाद मां-बहन की गाली देते हुए कहा कि साला खेरवार, हरिजन तुम लोगों का कोई कीमत नहीं है। पांच दिन का समय दे रहे हैं। मेरे साथ जुड़ जाओ नहीं तो दूसरी बार आ गएं, तो गोली मार देंगे।

पीड़ित़, शिवलाल सिंह द्वारा जिले के एसपी को सौंपा गया आवेदन की कॉपी.

शंकर साव की धमकी से मेरे परिवार के लोग रोने-चिलाने लगे और शंकर साव मुझे लात घुसे से मारते रहें। जब गांव के लोग वहां जमा होने लगे तो शंकर साव अपने गुर्गों को लेकर वहां से चले गएं। पांच मई को शंकर साव दुबारा शायं के 7 बजे मेरे घर पहुंचे और बोला कि क्या निर्णय लिया? मेरे साथ जुड़ोगे की नहीं? जब मैने फिर इन्कार कर दिया, तो उसने कहा कि तुम नहीं मानोंगे, तुमको भी अब और लोगों की तरह जेल भेजवाना पड़ेगा, तब तुम मानोंगे। शंकर साव ने ये भी कहा कि मेरे पास हथियारों की कमी नहीं है। मैं अपने हथियार वायरल भी कर चुका हूं, कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ लेगा।

शिवलाल सिंह ने अपने आवेदन में एसपी से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा है कि, इस घटना से मैं काफी डरा हुआ हूं। चुंकि मैं समाजिक कार्यों में ज्यादा व्यस्त रहता हूं और लगातर समाज के कार्यों को लेकर मेरा घुमना-फिरना लगा रहता है। मुझे डर है कि शंकर साव मुझे मरवा सकता है या फिर किसी ना किसी बहाने झुठा केस में मुझे फंसा सकता है। अतः महाशय से निवेदन है कि शंकर साव के विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई करते हुए मुझे न्याय दिलाया जाए।

पीड़ित शिवलाल सिंह ने फोन पर बात करते हुए ताजा खबर झारखंड के संवाददाता को बताया कि, मुखिया पति, शंकर साव पंचायत चुनाव के समय से ही मुझ से नाराज हैं। उसने मुझे अपने समुदाय(खेरवार) का वोट अपनी पत्नी के पक्ष में दिलवाने के लिए कहा था, लेकिन मैंने इस बारे में खेरवार समुदाय के लोगों से कोई बात नहीं कि और सभी ने अपने मन से अपने मत का प्रयोग किया था। शंकर सिंह पूर्व में गांव के कई युवकों को झुठा केस करके जेल भिजवा चुका है। गांव वाले जब उन्हें ग्रामसभा की बैठक में बुला कर उनसे बात करना चाहते हैं, तो वे ग्रामसभा की बैठक में भी नहीं आते हैं। शंकर साव स्पष्ट कहता है कि कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ लेगा।

कूल मिला कर ये मामला संविधान के अनुच्छेद-21 का हनन है। अनुच्छेद-21 में स्पष्ट है कि देश के हर नागरीक को गरीमा के साथ जीवन जीने का अधीकार है। अगर कोई भी व्यक्ति, व्यक्ति विशेष के संवैधानिक अधीकारों का उल्लंघन करता है तो, निश्चित तौर पर उसके उपर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

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Education अपराध मुद्दा

जी.एस. पब्लिक स्कुल विद्यालय प्रबंधन समिति में अध्यक्ष पिता और पुत्र सचिव, शिक्षा अधिकार कानून के धारा 21 का खुला उल्लंघन : ओंकार विश्वकर्मा

ब्यूरो रिपोर्ट…

डोमचांच (कोडरमा) : डोमचांच स्थित ज्ञान सरोवर पब्लिक स्कुल में शिक्षा अधिकार कानून 2009 का पालन नहीं किया जा रहा है। स्कूल का ये मामला राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली में विचाराधीन है।  उक्त बाते मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा ने कही। ओंकार विश्वकर्मा ने बताया कि, विद्यालय को मान्यता मिलने के बाद, शिक्षा अधिकार कानून का पूर्ण रूपेन पालन करना अनिवार्य है।

विद्यालय के प्रबंधन समिति में अध्यक्ष के पद पर पिता प्रदीप सिंह और सचिव के पद पर पुत्र नितेश सिंह हैं काबिजः

आगे ओंकार विश्वकर्मा ने बताया गया कि इस पुरे मामले की क्रॉस जाँच मेरे द्वारा की गई थी, जिसमे यह पुष्टि हुआ था कि, उक्त विद्यालय शिक्षा अधिकार कानून का पालन नहीं कर रहा है। स्कूल में जिन बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने की बात कही जा रही थी, जांच में ये पाया गया की बच्चों से शुल्क लिया जा रहा था। जिसके बाद माननीय आयोग ने पुनः उक्त विद्यालय के जाँच के आदेश दिए थे, जिस पर दिनांक 15 मई 2023 को उपायुक्त, कोडरमा द्वारा आयोग को सौंपे गए रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हुई है कि, उक्त विद्यालय के प्रबंधन समिति में अध्यक्ष के पद पर प्रदीप सिंह एवं सचिव के पद पर नितेश सिंह है जो रिश्ते में पिता और पुत्र हैं, जो शिक्षा अधिकार कानून 2009 के धारा 21 का उलंघन है। अधिनियम की धारा 21 के तहत खून के रिश्ते के लोग पद पर सदस्य नहीं हो सकते हैं।

कोडरमा उपायुक्त द्वारा बाल संरक्षण आयोग को सौंपा गया जांच प्रतिवेदन का पत्र.

स्कूल में कई ऐसे शिक्षकों का नाम दिया गया है, जो दुसरे राज्यों में काम कर रहे हैः

विद्यालय प्रबंधक ने इस बात की जानकारी नहीं दी है, कि उनके विद्यालय में कितने बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे है और कितने बच्चे शिक्षा अधिकार कानून के सेक्शन 12 (1) (c) के तहत नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे है। वहीं स्कूल में कई ऐसे शिक्षकों का नाम दिया गया है, जो दुसरे राज्यों में काम कर रहे है, और उनका नाम विद्यालय के शिक्षण कार्य में दिखाया गया है

क्या कहता है शिक्षा अधिकार कानून का धारा 12 (1) (c)

शिक्षा अधिकार कानून के धारा 12 (1) (c) कहता है कि गैर अल्पसंख्यक निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूल ऐसे बच्चों को जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से हैं और शिक्षा से वंचित हैं ऐसे बच्चों को प्रवेश स्तर ग्रेड में कम से कम 25 प्रतिशत सीटों को आरक्षित किया जाए, और वर्ग 8 अर्थात 14 वर्ष के उम्र तक के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाए|

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अपराध

पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप नेपाल से गिरफ्तार, लाया गया रांची…

 

रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

रांचीः लंबे समय से झारखंड में आतंक का पर्याय रहे पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिनेश गोप को एनआईए ने आईबी की सूचना पर नेपाल से गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।

दिनेश गोप नेपाल में अपना भेष बदल कर सरदार की भेष में रह रहा था। इसी दौरान आईबी को मिली सूचना के आधार पर एनआईए रांची की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद दिनेश गोप को नेपाल से दिल्ली लाया गया, उसके बाद दिल्ली से एयर एशिया के विमान से रविवार की शाम पांच बजे रांची एयरपोर्ट लाया गया। एनआईए द्वारा दिनेश गोप को गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ की जाएगी। पुछताछ के  दौरान कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। दिनेश गोप के ऊपर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम घोषित किया था। वहीं एनआईए ने उसपर पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था।

रांची लाने के क्रम में दिनेश गोप की ली गई तस्वीर.

दिनेश गोप विदेशी हथियारों का शौकिन था और उसके दस्ते के पास कई विदेशी हथियार मौजुद है। पूर्व में विदेशी रॉकेट लांचर से लेकर एके-47 तक उसके दस्ते के सदस्यों के पास से बरामद किया जा चुका है। ये विदेशी हथियार कौन और किस तरह दिनेश गोप तक पहुंचाया करते थें, इस बारे में भी दिनेश गोप से पुछताछ की जाएगी। इसके अलावे लेवी की रकम वो कहां और किसके माध्यम से इंवेस्ट किया करता था, उसने कितनी संपत्ति लेवी से अर्जित की है, इसके बारे में भी पुछताछ होगी।

फिलहाल दिनेश गोप को कोर्ट में पेशी के बाद रिमांड में लेने की तैयारी हो चुकी है।

जानकारी देते चलें कि, दिनेश गोप लेवी की रकम से कोल्हान और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में आधा दर्जन से अधीक स्कूलों का संचालक करता है, पुछताछ में उन स्कूलों के नाम का भी खुलाशा होने की संभावना है।

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अपराध Latest News

“ताजा खबर झारखंड” के खबर का असर, बाल संरक्षण आयोग द्वारा उच्च विद्यालय, उरुगुट्टू में हुई घटना की जांच शुरु, जांच में प्रधानाचार्या को पाया गया दोषी…

रिपोर्ट- वसीम अकरम

राँचीः कांके प्रखंड के ऊरुगुट्टू पंचायत स्थित राज्यकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय में छात्रो को प्रधानानचार्य, अंजना ज्योत्सना तिग्गा द्वारा विद्यालय परिसर में ईंट ढुलवाया जा रहा था। ईंट ढ़ोने का क्रम में 8वीं कक्षा का छात्र गीर कर जख्मी होने के बाद बेहोश हो गया था, जिसका ईलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है। इस खबर का प्रसारण घटना के दिन 6 मई को “ताज़ा खबर झारखंड” में प्रमुखता के साथ प्रसारित करने के साथ ही साथ घटना की जानकारी झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव को ताजा खबर के मुख्य संवाददाता वसीम अकरम द्वारा ट्वीट कर दिया गया था।आयोग की टीम की मदद से बेहतर ईलाज के लिए घर से रिम्स ले जाते पीड़ित बच्चे के अभिभावक.

आयोग की टीम ने घटना के दौरान स्कूल में मौजुद लोगों से ली जानकारीः

आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव ने ताजा खबर झारखंड के इस खबर को गंभीरता से संज्ञान में लिया और गुरुवार को आयोग की टीम राज्यकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय, उरुगुट्टू पहुँची। अध्यक्ष, काजल यादव और सदस्य सुनील कुमार ने विद्यालय परिसर में भ्रमण कर पूरे मामले की गंभीरता से जांच की। इस दौरान घटना के वक्त स्कूल में मौजुद शिक्षक, रसोईया और अन्य लोगों से बात कर पुरे मामले की जानकारी ली। इसके अलावे पंचायत के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों और पीड़ित छात्र के माता-पिता से भी बात कर घटना की जानकारी ली।

स्कूल में प्रत्यक्षदर्शियों से घटना की जानकारी लेते आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव

पैसे के अभाव में घायल बच्चा घर में ही पड़ा था, आयोग की टीम ने रिम्स में करवाया भर्तीः

पीड़ित छात्र बेहद गरीब परिवार से है और उनके परिजन निजी अस्पताल में बच्चे का ईलाज करवा रहे हैं, जिसमें उनका काफी पैसा खर्च हो चुका है। यहां तक की बच्चे के पिताजी जो दैनिक मजदुरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं उन्हें बच्चे के ईलाज के लिए कर्ज तक लेना पड़ा है। कर्ज में डुबे पीड़ित बच्चे के अभिभावक ने पुरा ईलाज करवाए बिना ही बच्चे को घर ले आए थें, जहां उसकी स्थिति अब भी ठीक नहीं थी। आयोग की अध्यक्ष काजल यादव जब बच्चे के घर पहुंची तो बच्चे की नाजुक स्थिति को देखते हुए तुरंत उन्होंने सबसे पहले बच्चे को बेहतर ईलाज के लिए रिम्स में भर्ती करवाया।

पीड़ित बच्चे के घर में आयोग की टीम अभिभावकों से जानकारी लेते.

दोषी प्रधानाचार्या पर कार्रवाई करने के लिए अनुशंसा की जाएगीः अध्यक्ष, बाल संरक्षण आयोग, झारखंड

आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव ने ताजा खबर झारखंड से बात करते हुए बताया कि, मामला काफी संगीन है, बच्चों के पढ़ाई के समय में ईंट ढुलवाया जा रहा था, ये जानकारी घटना के दौरान स्कूल में मौजुद रसोईया समेत अन्य लोगों ने दी है। घटना की जांच गंभीरता से की जा रही है। दोषी पर कार्रवाई जरुर होगी।

प्रधानाचार्या, मामले को रफादफा करने के लिए अभिभावक पर दबाव बनवा रही थीः 

प्रधानाचार्य मामले को दबाना चाहती थी, इसीलिए अपने सहयोगियों से मिलकर मामले को दबाने के लिए छात्र के अभिभावक को इलाज के लिए 25 हजार रुपये देने काम किया। इतना ही नहीं अभिभावक द्वारा ठाकुरगांव थाना में लिखित शिकायत भी किया गया था, लेकिन प्रधानाचार्या अंजना ज्योत्सना तिग्गा ने अपने सहयोगियों के माध्यम से पीड़ित बच्चे के अभिभावक पर दबाव डाल कर थाना में दर्ज करवाए गए शिकायत को वापस लेने के लिए मना लिया। आयोग की टीम घटना की पूरी जांच करने के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए अनुशंसा करेगी।

6 मई को इंट ढुलवाने के क्रम में हुई थी घटनाः

जानकारी देते चले की 6 मई को कांके प्रखंड के ऊरगुट्टू पंचायत स्थित राज्य उत्क्रमित उच्च विद्यालय में आठवीं कक्षा का छात्र साहिल अंसारी स्कूल परिसर में बेहोशी की हालत में पाया गया था। जिसे आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में पता चला कि विद्यालय में प्रधानाचार्य के द्वारा विद्यालय के टूटे बाथरूम के ईट को छात्रों द्वारा ढुलवाया जा रहा था। इसी दौरान हादसा में साहिल अंसारी गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गया था और प्रधानाचार्या ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाने के बजाय घायल हो कर बेहोश पड़े बच्चे को रसोईया के कमरे में बिस्तर पर सुला दिया और उसके होंश में आने का ईंतेजार करते रही। किसी तरह घटना की जानकारी बच्चे के अभिभावकों को मिली और उन्होंने ही बच्चे को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था।

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Education अपराध

कांके के उरुगुट्टू स्थित स्कूल में छात्रों से ढुलवाया जा रहा था ईंट, एक छात्र गंभीर रुप से हुआ घायल, अस्पताल में चल रहा है ईलाज…

रिपोर्ट- वसीम अकरम…

राँची(कांके प्रखण्ड)- कांके प्रखंड के ऊरगुट्टू पंचायत स्थित राज्यकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय के 8वीं कक्षा का छात्र साहिल अंसारी शनिवार को बेहोशी की हालत में स्कूल में पाया गया। बच्चे के चेहरे और सर में चोट का निशान है। स्थानीय लोगों से बच्चे के अभिभावक को जानकारी मिली कि उनका बच्चा स्कूल में बेहोश पड़ा हुआ है, जिसके बाद बच्चे के अभिभावक ने स्कूल पहुंच कर बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां बच्चे का ईलाज चल रहा है।

खबर लिखे जाने तक छात्र का उपचार अस्पताल में चल रहा है, लेकिन बच्चे को अब तक होंश नही आया था। छात्र साहिल अंसारी के चेहरे पर गंभीर चोट के निशान है। बच्चे के पिता आलम अंसारी ने स्कूल के प्रधानाध्यापिका अंजना ज्योत्सना बाड़ा पर आरोप लगाते हुवे कहा कि, रोजाना की तरह वह स्कूल गया हुआ था। सुबह साढ़े नौं से दस बजे के बीच गांव वालों से सूचना मिली कि आपका बेटा स्कूल में जख्मी हालत में बेहोश पड़ा है। हम लोग तुरंत स्कूल पहुंचे, तो देखा कि मेरा बेटा स्कूल में बेहोश पड़ा हुआ है। जब पता किया तो पता चला कि स्कूल में बाथरूम का रिपेयरिंग का काम चल रहा है। और इसी कार्य के लिए बच्चों से ईंट ढुलवाया जा रहा था। ईंट ढोने के क्रम में ही मेरा बेटा गीर कर गंभीर रुप से घायल हो गया और अपनी होंश खो बैठा। मैंने कुछ लोगों के सहयोग से बच्चे को नजदिकी अस्पताल में भर्ती करवाया है, जहां वो अब तक बेहोश है।

बच्चा कक्षा से भाग गया थाः प्रधानाचार्या

इस घटना के बारे में जब स्कूल की प्रधानाचार्या से जब जानकारी लिया गया, तो उन्होंने कहा कि यह हादसा स्कूल में नहीं हुआ है। स्कूल से छात्र भाग गया था और साइकिल चलाने के दौरान बाहर बेहोश होकर पड़ा हुआ था।

अपनी जिम्मेवारी से मुकर नही सकती प्रधानाचार्याः

घटना कैसे हुई? ये जांच का विषय है। चुंकि घटना छात्र के स्कूल में जाने के बाद हुई है और प्रधानाचार्या का ये कह कर पल्ला झाड़ना कि बच्चा स्कूल से भाग कर साईकिल चलाने के दौरान चोटिल हुआ है, तो फिर आप स्कूल में किस काम के लिए बैठी हुई हैं। बच्चे बढ़ाई के दौरान अगर स्कूल से भाग जा रहे हैं, तो उन्हें कक्षा के अंदर रखना, ये किसकी जिम्मेदारी है?  इसलिए मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई, ताकि इस तरह के घटना क पुनर्रावृति ना हो।

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अपराध

पूर्व रांची उपायुक्त, छवि रंजन ED द्वारा हिरासत में लेकर भेजे गएं जेल…

रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

रांचीः सेना की जमीन सहित राजधानी रांची के कई चर्चित जमीन घोटालों के आरोपी राँची के पूर्व उपायुक्त एवं वर्तमान कल्याण निदेशक, छवि रंजन को ईडी द्वारा कोर्ट में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

गुरुवार को लगभग 10 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद रात्रि लगभग 10 बजे पूर्व उपायुक्त व वर्तमान कल्याण निदेशक, छवि रंजन को भूमि घोटाला मामले में ED ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद आज उनकी मेडिकल जांच विधि कार्यालय में ही मेडिकल टीम बुलाकर करवाया गया फिर विशेष न्यायाधीश दिनेश राय के कोर्ट में पेशी के बाद न्यायिक हिरासत में उन्हें होटवार जेल भेज दिया गया।

गुरु पूर्णिमा का अवकाश होने के कारण ईडी द्वारा पेश किए गए रिमांड पिटिशन पर सुनवाई नहीं हो सकी, जिसके कारन आज उन्हें रिमांड पर नहीं लिया जा सका।

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अपराध Latest News

कालाबाजारी करने वाले राशन डीलर को बचाने नशे में धुत्त हो कर पहुंचे थें सिमडेगा सीओ और अनुमंडल कार्यपालक दंडाधिकारी, भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले ग्रामीणों पर दर्ज करवाया झुठा केस…

ब्यूरो रिपोर्ट….

सिमडेगाः खांकी वर्दी पर से आम लोगों का, विशेष कर गरीब तबके के लोगों का विश्वास उठता जा रहा है। खांकी वर्दी उसी पक्ष में खड़े नजर आते है, जिधर पैसे वाले, रसुखदार और सफेदपोश खड़े होते हैं। सिमडेगा जिला कोचेडेगा पंचायत में 9 मार्च 2023 को घटित घटना से ये साफ हो चुका है कि पुलिस उसी रसुखदार, अधिकारियों की बात मानती है, जो संविधान के रक्षक नहीं बल्कि भक्षक हैं। जो लोग अपने संवैधानिक हक् अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं, उन्हें भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी झुठे केस में फंसाने का काम करते हैं और भ्रष्टाचारियों का पोषण करते हैं।

बीते दिनों सोशल मीडिया में सिमडेगा जिले के सीओ और अनुमंडल कार्यपालक दंडाधिकारी का नशे की हालत में ग्रामीणों के साथ बदसलुकी करने का वीडियो वायरल होने के बाद कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ता, अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ताओं की नजर इस वीडियो पर पड़ी, जिसके बाद इस मामले की जांच करने का निर्णय लिया गया। जांच टीम में मानवाधिकार कार्यकर्ता तारामणि साहू, डॉक्टर एंटोनी, एडवोकेट शिव प्रसाद सिंह,  भुनेश्वर केवट,  नंदिता भट्टाचार्य और सुनीता लकड़ा शामिल थीं।

जांच टीम, मामले की जांच के लिए सिमडेगा जिला के कोचेडेगा पंचायत पहुंची, जहां 9 मार्च की रात्रि में ग्रामीणों ने जनवितरण प्रणाली के एक राशन डीलर को चावल की काला बाजारी करते रंगे हांथ पकड़ा था। ग्रामीणों ने जांच टीम को बताया कि पंचायत के राशऩ डीलर लेतारेस टोप्पो के दुकान से जीतराम प्रधान नामक व्यक्ति राशन की एक बोरी लेकर जा रहा था, जिसे देख कर एक ग्रामीण ने पूछा, कि आप यह राशन कहां लेकर जा रहे हैं? तभी उसने कहा कि हमारे घर पर शादी है, इसलिए मैं यह चावल ₹1000 रूपये में डीलर लेतारेस टोप्पो से खरीद कर लेकर जा रहा हूं। ग्रामीणों ने कहा कि यह राशन हजार रूपये में क्यों दिया गया? यह डीलर किसी की मदद नहीं कर रहा है,बल्कि यह कालाबाजारी है। 1 हजार रुपए लेकर रात के अंधेरे में चावल देना पुरी तरह से कालाबाजारी है। डीलर कार्डधारियों को ये कह कर कार्डधारियों को चावल नहीं दे रहा है कि चावल आया ही नहीं है, फिर उसने सरकारी चावल कैसे रुपये लेकर दे दिया? मौके पर उस मजदूर व्यक्ति को रोका गया और मुखिया को फोन द्वारा सूचित किया गया।

कालाबाजारी किये जाने की सूचना पाकर जब मुखिया घटनास्थल पर पहुंचे, तब उन्होंने देखा कि, सभी ग्रामीण वहां चावल की बोरी को लेकर सवाल कर रहे थें। तभी मुखिया शिशिर टोप्पो ने सदर अंचल  CO प्रताप मिंज को फोन द्वारा सूचित किया कि, यहां कालाबाजारी का 1 बोरा चावल पकड़ा गया है । इसका क्या करें? जिसमें प्रताप मिंज ने बताया कि मैं इसका इंचार्ज नहीं हूं। फिर मुखिया ने जिला खाद्य आपूर्ति विभाग को फोन द्वारा संपर्क किया और इस घटना के बारे में जानकारी दी। तभी DSO मैडम पूनम कच्छप द्वारा यह बताया गया कि, मैं छुट्टी पर हूं आप MO से बात कर लीजिए। इसके बाद    मुखिया के पास MO का फोन आया। फिर MO से बात करने पर उन्होंने बताया कि, वह अभी छुट्टी पर आए हुए हैं, वापस आने में रात हो जाएगी, मैं कल सुबह जांच के लिए आऊंगा, तब तक आप इस बोरी को जब्त कर लें और अपने पास रख लें।‘

तब तक वहां काफी ग्रामीण जमा हो चुके थे और मुखिया से सवाल कर रहे थे कि, इस बोरी का क्या करें? तभी मुखिया ने उन्हें MO की सारी बातें बताई परंतु ग्रामीण काफी नाराज हो रहे थें। क्योंकि हर बार राशन डीलर अपनी चोरी से बचता रहा है। इसलिए फिर मुफस्सिल थाना को फोन द्वारा सूचित किया गया कि, हमारे यहां राशन की कालाबाजारी की एक बोरी पकड़ी गई है,जिसे आप जब्त करें।

कालाबाजारी करने वाले राशन डीलऱ लेतारेस टोप्पो की दुकान.

फिर थोड़ी ही देर बाद मुफस्सिल थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और नम्र भाव से ही बात करते हुए कहती है कि आप हमें लिखित में शिकायत दे दीजिए। जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा एक लिखित शिकायत दी गयी, लेकिन फिर मुफस्सिल थाना के पुलिस अधिकारी ने कहा कि, अभी कुछ अधिकारी आ रहे हैं आप उन्हीं को लिखित शिकायत दे दीजिएगा। पुलिसकर्मी द्वारा ग्रामीणों को यह नहीं बताया गया था कि, कौन-कौन अधिकारी आ रहे हैं।

करीबन 2 घंटे बाद, लगभग 9:00 बजे रात्रि में अंचल के CO प्रताप मिंज और अनुमंडल कार्यपालक दंडाधिकारी अधिकारी पंकज कुमार भगत घटना स्थल पर पहुंचे। इस दौरान दोनों ही अधिकारी नशे में धुत्त थें। स्थिति ये थी कि दोनों ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहे थें और बार बार लड़खड़ा रहे थें। नशे की हालत में ही सिमडेगा CO प्रताप मिंज ने मुखिया से बात की और उनसे कहने लगे कि, जिस व्यक्ति को आपने चावल का बोरा लेते हुए पकड़ा है वह व्यक्ति आप ही के घर का मजदूर था। आपके साथ काम नहीं कर रहा है इस वजह से आप उसे पकड़ रहे हैं। फिर प्रताप मिंज ने यह कहा कि, जब कुछ दिन पहले ट्रैक्टर में चावल की बोरी जा रही थी, तब क्यों नहीं पकड़ा गया, तब क्यों नहीं शिकायत की गई? और अभी 1 बोरा चावल क्यों पकड़ा जा रहा है? सीओ ऊंची आवाज में मुखिया को कहने लगे। तभी मुखिया ने कहा कि, उस वक्त हमारे पास कोई भी फोटो या वीडियो नहीं था और वह गाड़ी तेज गति से आगे बढ़ गई थी, जिस वजह से हम लोग रोक नहीं पाए। बिना सबूत के कोई भी कानून किसी को भी कसूरवार नहीं मानता तो हम लोग कैसे करते आपके पास शिकायत? मुखिया का जवाब सुन कर कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत ने नशे की हालत में लड़खड़ाते हुए कहा धमकी भरे लहजे में कहा कि, 144 धारा याद है ना! इस बात पर सीओ ने पीछे मुड़कर उंगली दिखा कर पंकज भगत को चुप रहने का इशारा किया।

9 मार्च को घटित घटना के बारे में ग्रामीणों से जानकारी लेते जांच टीम के सदस्य.

दोनों की अधिकारियों की बात सुन कर ग्रामीण थोड़े आक्रोशित हो गएं, और कहा कि, आप लोग जांच करके कार्रवाई करने आए हैं या मुखिया को धमकाने के लिए आए हैं?  इस पर सीओ प्रताप मिंज आगबबुला हो गएं और नशे की हालत में ग्रामीणों को अपशब्द(मां-बहन की गालियां)कहने लगें, जो वीडियों में स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है। सीओ और कार्यपालक दंडाधिकारी के इन्हीं अपशब्दों की वजह से ग्रामीण आक्रोशित हो गएं। जब ग्रामीणों ने नशापान का मेडिकल जांच कराने की मांग करने लगें तो, ग्रामीणों की इस मांग से डर कर कार्यपालक दंडाधिकारी, पंकज भगत नशे की हालत में ही लड़खड़ाते हुए अपनी गाड़ी की ओर भागने लगें इस दौरान वो कई बार जमीन पर गीर पड़ें। घटना स्थल पर मौजुद पुलिस कर्मियों ने पंकज भगत को हर बार उठाया, जो वीडियों में दिखाई पड़ रहा है। यहां किसी भी ग्रामीण ने पंकज भगत के साथ कोई बदसलुकी नहीं की, ग्रामीण सिर्फ नशापान की जांच करने की मांग कर रहे थें, जिससे डर कर कार्यपालक दंडाधिकारी भागते हुए हर बार गिर जा रहे थें। भागते समय पंकज भगत महिलाओं के ऊपर भी गिरे। वे नशे में थें, इसलिए सभी लोग उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थें ताकि वो किसी दुर्घटना का शिकार ना हो जाएं। लेकिन वो लड़खड़ाते हुए भागते ही रहें। अंतिम बार वे एक खेत में गिरें, जहां से उन्हें उठा कर पुलिसकर्मियों ने सीओ के वाहन में बैठाया, जो सीसीटीवी कैमरे में भी रिकॉर्ड है।

ग्रामीणों ने सिमडेगा एसपी से फोन पर बात कर नशापान की जांच कराने की मांग कीः

इस बारे में एसपी सिमडेगा, सौरभ कुमार को फोन करके उनसे बात की गई। एसपी सिमडेगा ने कहा कि जरूर जांच की जाएगी, लेकिन वह जांच गांव में नहीं होगी, उन्हें सिमडेगा लाना पड़ेगा। वहीं मुफस्सिल थाना के पुलिस की निगरानी में CO की गाड़ी में बैठे हुए पंकज भगत वहां से कब और कहां भाग गये यह ग्रामीणों को पता नहीं चला। पंकज भगत के गायब होने के बाद वहां कई और वरीय पदाधिकारी पहुंचें। जब ग्रामीणों द्वारा उन्हें खोजने का जिद किया गया और कहा गया कि मजिस्ट्रेट को कुछ हो जाता है तो आप लोग कल को ग्रामीणों पर ही दोष लगायेंगे, रात के अँधेरे में कहीं कुँए, खेत इत्यादि में न गिर जाएँ या फिर उनके साथ कोई हादसा हो जाये और इसके लिए ग्रामीणों को जिम्मेदार ठहराया जायेगा। इस पर मौके पर मौजुद पुलिस अधिकारी और SDM ने कहा कि, हमलोग उनको देख लेंगेग्रामीणों पर कोई दोष नहीं लगाया जायेगाघटनास्थल पर मौजुद SDO, SDPO, BDO और थाना प्रभारी ने ग्रामीणों के साथ कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत को ढूंढने से मना करने लगें।

SDM, SDPO, और थाना प्रभारी को लिखित शिकायत किया गयाः

इसके बाद SDM, SDPO, और थाना प्रभारी को शराब के नशे में धुत्त होकर रात के अंधेरे में PDS जांच करने आए कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत और सीओ प्रताप मिंज के मेडिकल जांच कराने के संबंध में और गरीबों के बीच वितरण किया जाने वाला 40 किलो चावल डीलर द्वारा 1000 रूपये में की जा रही कालाबाजारी की पकड़ी गई बोरी से संबंधित 2 लिखित आवेदन दिया गया।

एसडीएम का आश्वासन- ग्रामीण के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं किया जाएगाः

इस पूरी घटना को देखते हुए SDM, SDPO और BDO ने कहा कि अगर, कोई अधिकारी गलत करता हैं तो, उसके ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी और डीलर के ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी। किसी ग्रामीण के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं किया जाएगा। यह कह कर ग्रामीणों को सांत्वना देते हुए सारे अधिकारी वहां से चले गएं।

ग्रामीणों के साथ अधिकारी और पुलिस सुबह चार बजे तक उन्हें खोजते रहेः

वहां से रवाना होते समय पेट्रोलिंग करने की बात कहते हुए अधिकारीगण पंकज भगत को गाँव के चारों तरफ खोजने लगे। और वहां बचे हुए कुछ ग्रामीणों से खोजने के लिए साथ देने की अपील कियें। पंकज भगत सुरक्षित हों इसलिए ग्रामीण काफी देर रात तक उन्हें सभी अधिकारियों के साथ ढूंढते रहे। उन्हें खोजते खोजते सुबह के 4:00 बज गए थें। लगभग 4:00 बजे सुबह में खोजबीन में जुटे लोगों को खबर मिली कि नशापान कर ग्रामीणों को अपशब्द कह कर भागने वाला कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत अपने घर में सही सलामत पहुंच गया हैं और आराम कर रहे हैं।

डीलर, लेतारेस टोप्पो के खिलाफ पूर्व में भी किया जा चुका है शिकायतः

ग्रामीणों ने जांच टीम को ये भी बताया कि, कुछ माह पहले से डीलर लेतारेस टोप्पो द्वारा राशन की प्राप्ति रसीद दी जा रही थी, जिसमें लिखा हुआ था कि, इन्हें राशन दे दिया गया है। परंतु यह राशन कार्डधारियों को मिले ही नहीं थे। दो महीने पहले कार्ड धारियों की यह भी शिकायत थी कि, कुछ नए राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिसमें 200 से ढाई सौ रूपये की मांग की जाती है और उन्हें देना पड़ता है। जबकि राशन कार्ड बनाने के लिए कोई राशि नहीं ली जाती है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि 3 माह से मिलने वाले जो राशन थे, वह राशन लेतारेस टोप्पो डीलर के माध्यम से कार्ड धारियों को नहीं दिए जा रहे थें, जबकि सभी राशन डीलरों ने वह राशन अपने-अपने कार्ड धारियों को वितरण कर दिया था। परंतु इस गांव में अब तक उस माह का राशन वितरण नहीं किया गया। इन सभी विषयों से तंग आकर सभी ग्रामीणों ने मुखिया से शिकायत की और सभी परेशानियों से अवगत कराया।

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि,  कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने एक ट्रैक्टर सरकारी राशन से भरी बोरियों को इसी रोड से गुजरते हुए देखा और लोगों ने इसे रोकने की कोशिश भी की थी. लेकिन अचानक से कोई सुविधा ना होने पर वह ट्रैक्टर को नहीं रोक पाएं और ट्रैक्टर चालक बड़ी ही तेज गति से सारे राशन को ले कर फरार हो गया। ट्रैक्टर में भरे सरकारी राशन की बोरियों की फोटो खींची गई थी और मुखिया को सूचना दी गई, तभी मुखिया ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को सूचित किया था। परंतु किसी तरह की कोई भी कार्रवाई नहीं हुई।

ग्रामीणों की गलती रहती, तो मौके पर मौजुद पुलिस उसी समय उन्हें गिरफ्तार कर सकती थीः

घटना के दूसरी ही दिन 10 लोगों के ऊपर जिनमें मुखिया शिशिर टोप्पो, मुखिया के पिताजी हनुक टोप्पो उनके भाई तिमोथियुस टोप्पो, पंकज टोप्पो, अतीत टोप्पो और ग्रामीण बिलोकन खेस्स, अरुण एक्का, अर्नेस्ट लकड़ा, प्रदीप टोप्पो पर,कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत के साथ मारपीट करने और उनके उपर जानलेवा हमला करने का झुठा केस दर्ज करवा दिया जाता है। ग्रामीण बताते हैं कि प्रदीप टोप्पो नाम का कोई भी व्यक्ति गांव में नहीं है। अगर किसी तरह की जानलेवा हमला या अप्रिय घटना हुई होती, तो सिमडेगा जिले के सभी अधिकारी, वरीय पदाधिकारी, घटनास्थल पर मौजूद थें और काफी संख्या में पुलिस के जवान भी मौजुद थें, तो फिर उसी वक्त उन्हें क्यों नहीं गिरफ्तार कर लिया गया। ग्रामीण वरीय अधिकारियों के साथ पुरी रात पंकज भगत को ढुंढने में लगे हुए थें, जो अधिकारी भी देख और जान रहे हैं, फिर क्यों इस तरह का झुठा केस ग्रामीणों पर दर्ज करवाया गया है। जानलेवा हमला करने का आरोप पूरी तरीके से झूठा और गलत है।

शराब के नशे में धुत्त दोनों अधिकारियों पर खड़े हो रहे हैं कई प्रश्नः

  1. जिला सिमडेगा के कोचेडेगा पंचायत में हुए घटना क्रम में जब CO प्रताप मिंज और अधिकारी पंकज भगत को बुलाया ही नहीं गया था, तो यह दोनों अधिकारी रात को नशे की हालत में घटनास्थल पर क्यों पहुंचे?

  2. एफआईआर में दर्शाया गया है कि पंकज कुमार भगत को बेरहमी से मारपीट किया गया पर जब घटनास्थल पर मुफस्सिल थाना प्रभारी देव कुमार दास, अन्य थाना के प्रभारी, इंस्पेक्टर रवि प्रकाश,एसडीपीओ डेविड डोडराय और प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम महेंद्रकुमार, बीडीओ अजय कुमार रजक, सीओ प्रताप मिंज और साथ में आये इतने सारे पुलिस बल पीडीएस जांच करने के लिए मौजूद थे। तब अधिकारी पंकज कुमार भगत को ग्रामीण कैसे मार सकते थें? और अगर मारपीट किया गया तो उसी दौरान घटनास्थल पर ही उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?

  3. नशे में धुत्त सीओ, प्रताप मिंज ने सिमडेगा में दिनांक 10 मार्च 2023 को सिमडेगा के एक स्थानीय संवाददाता को बताया है कि, मुखिया द्वारा अधिकारी पंकज भगत को लाठी-डंडे और तलवार से मार कर जख्मी किया गया, जबकि घटनास्थल पर लगभग 20-25 की संख्या में हथियारबंद पुलिसकर्मी थाना प्रभारी और इंस्पेक्टर मौजुद थें। सवाल ये कि पुलिस ने लाठी-डंडा और तलवार जप्त क्यों नहीं किया? क्यों पुलिस उस समय मूकदर्शक बनी रही।

  4. इन अधिकारियों के झूठे आरोप से संबंधित सवाल– अगर यह दोनों अधिकारी नशे की हालत में नहीं थें, तो CO प्रताप मिंज और अधिकारी पंकज भगत दोनों ही युवा अधिकारी है। F.I.R में दर्शाए गये 71 वर्षीय वृद्ध हनुक टोप्पो को भी आरोपी बनाया गया है। उनसे भी ये लोग कैसे अपनी सुरक्षा नहीं कर पाए?, पुलिसकर्मियों का सहयोग रहते हुए भी उन्होंने कैसे खुद को नहीं बचाया?

  5. पंकज भगत के मेडिकल रिपोर्ट पर साफ-साफ लिखा गया है कि उनके दोनों हाथ के कोहनी पर और पैर के दोनों घुटने पर भी घीसटने की चोट है। और सभी जख्म सामान्य हैं। क्योंकि इस मेडिकल रिपोर्ट में कहीं भी लाठी-डंडे तलवार छुरी से जख्म लगने का कोई उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि सिमडेगा सीओ प्रताप मिंज ने आरोप लगाया है कि अधिकारी पंकज भगत पर जानलेवा हमला किया गया है, जिसमें लाठी-डंडे और तलवार से मारा गया है।

  6. सिमडेगा जिला के सभी वरीय अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे थे और सभी ने ग्रामीणों को सांत्वना देते हुए कहा कि उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और अचानक से सारे स्टेटमेंट बदल गए। बेकसूर ग्रामीण और मुखिया, जिन्होंने सच्चाई और ईमानदारी को लेकर सवाल खड़ा किया। जनता के अधिकारों के लिए आवाज उठाई, उन पर ही आरोप लगाया गया, आखिर क्यों? क्या राशन डीलर को इन अधिकारियों का सह प्राप्त है?

  7. जहां डीलर और ऐसे नशेबाज अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए वहां आम जनता के ऊपर केस दर्ज किया गया, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति झूठ और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिष ना करे। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले आम जनता पर झूठा केस दर्ज किया जाएगा।

  8. 8. F.I.R में सिर्फ मुखिया के परिवार को ही क्यों आरोपी बनाया गया? जबकि CO के स्टेटमेंट और F.I.R में ग्रामीणों का जिक्र किया गया है?

पीड़ित मुखिया, शिशिर टोप्पो से हुई बातचीत:

मुखिया ने बताया कि मैं जनप्रतिनिधि हूं और जनता के हित में काम करने के लिए मुझे चुना गया है। इसलिए जनता के साथ हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ मैंने CO,DSO,MO को सूचित किया। पर मुझे नहीं पता था, कि CO प्रताप मिंज और पंकज भगत द्वारा इस तरह से घटना को अंजाम दिया जाएगा और उल्टे मुझे और जनता को ही दोषी बनाया जाएगा।

आरोपी सीओ, प्रताप मिंज का बयानः

जांच टीम ने सीओ प्रताप मिंज से उनका पक्ष लिया। उन्होंने बताया कि सभी ग्रामीणों ने उन पर और पंकज भगत पर जानलेवा हमला किया। प्रताप मिंज का कहना था कि, मुखिया और उसके परिवार वालों का कसूर है। अधिकारियों को टारगेट करके बुलाया गया था। उन्होंने कहीं भी ग्रामीणों का जिक्र नहीं किया और ना ही डीलर के भ्रष्टाचार पर कोई चर्चा किया। सीओ से जब सवाल किया गया कि आपका आरोप पुरे मुखिया परिवार के ऊपर था, तो फिर अब तक मुखिया के परिवार के एक भी सदस्य को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? इस पर सीओ प्रताप मिंज का जवाब है कि जेएमएम का प्रेशर है। लेकिन सीओ प्रताप मिंज ने ये स्वीकार किया कि घटना स्थल पर मेरा स्लिप ऑफ़ टंग(जुबान फिसलना) हुआ था। सीओ ने ये भी कहा कि कोई भी अधिकारी घटनाक्रम में नशे में नहीं था।

सिमडेगा डीएसओ पुनम कच्छप का बयानः

फैक्ट फाइंडिंग टीम ने पूनम कच्छप से वार्ता किया। जिसमें पूनम कच्छप ने बताया कि वह छुट्टी पर थी और उन्हें इस मामले की कोई भी जानकारी नहीं है। फिर उन्होंने यह भी बताया कि MO ने घटना की जांच की है, जिसमें डीलर ने स्पष्टीकरण दिया है कि, डीलर लेतारेस टोप्पो ने शादी कार्यक्रम के लिए मजदूर परिवार जीतराम प्रधान को 40 किलो चावल दिया था। टीम के द्वारा पूछा गया कि न्यूज़ चैनल के माध्यम से देखा गया कि CO और कार्यपालक दंडाधिकारी नशे के हालत में थे इस पर DSO पुनम कच्छप ने कहा कि ये उनका व्यक्तिगत मामला है, मैं कुछ नहीं कह सकती।

सिमडेगा डीसी और एसपी से जांच टीम की मुलाकात नहीं हो सकीः  

डीसी सिमडेगा से जांच टीम इस घटना पर बात करने के लिए सिमडेगा समाहरणालय पहुंची, जहां जांच टीम से विषय पूछा गया। इसके बाद डीसी की ओर से कहलवाया गया कि अभी व्यस्त हैं, मुलाकात नहीं हो सकती है। वहीं एसपी सिमडेगा से भी हमारी टीम मिलने के लिए उनके ऑफिस पहुंची थी, लेकिन किसी काम से एसपी फील्ड में गए हुए थें, जिसके कारन एसपी से भी इस मामले में बात नहीं हो सकी।

जांच टीम की मांगः

  1. 10 लोगों पर लगाया गया झूठा केस वापस लिया जाए।
  2. डीलर एवं राशन माफिया पर केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए।
  3. मुखिया के ऊपर लगाए गए सारे झूठे आरोप को सम्मान पूर्वक वापस लिया जाए।
  4. नशे की हालत में आए पदाधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए ।
  5. झूठा केस दर्ज करने वाले, अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
  6. 3 महीने से जिन कार्डधारियों को राशन नहीं मिला है, उन्हें मुआवजा के साथ राशन वितरण किया जाए।