खूंटी के अड़की में रात भर हो रही है बालू की निकासी और ढुलाई, पुलिस और खनन विभाग नतमस्तक…

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

खूंटीः जब सईयां भए कोतवाल, तो डर काहे का….फिर चाहे संवैधानिक संस्था एनजीटी(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) का फरमान हो या फिर सरकार का, आदेश की धज्जियां उड़ाने से कोई रोक नहीं सकता। फरमान की धज्जियां उड़ाने वालों के साथ कोतवाल खड़े हैं, जबकि इनका काम कानून का उल्लंघन करने वालों को दंडित करने में न्यायालय का मदद करना है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नदियों से बालू के उठाव पर रोक लगा रखा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का ये फरमान पुरे मॉनसून सीजन तक जारी रहेगा। सिर्फ उसी बालू का उठाव हो सकता है, जो मॉनसून से पूर्व बालू घाटों से उठाव कर स्टॉक कर रखा हुआ है। नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल द्वारा बालू उठाव पर रोक के बावजुद इस मॉनसून में खूंटी जिला अड़की प्रखंड के करकरी नदी से कई स्थानों पर बालू माफियाओं बालू का उठाव रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन द्वारा किया जा रहा है। बालू का स्टॉक चन्दुरा, बांदुगढ़ा, चन्दुरा और लेबेद गांव के बीच और साऊ गांव के अलावा लेबेद और लोगो गांव के बीच जंगलों में हजारो सीएफटी बालू का स्टॉक बालू माफियाओं के द्वारा जमा कर रखा हुआ है। बालू की ढुलाई रात में तीन हाईवा और दर्जनों ट्रैक्टर द्वारा किया जा रहा है।


करकरी नदी से रात को जेसीबी मशीन से निकाल कर बांदुगड़गा सरकारी स्कूल के पीछे रखा गया बालू का स्टॉक।


चंदुरा गांव में अवैध तरीके से निकाल कर रखा गया बालू का स्टॉक।

दिन के उजाले में दर्जनों ट्रैक्टर और रात के अंधेरे में तीन हाईवा और ट्रैक्टर से हो रही है बालू की ढुलाईः

बालू के इस अवैध कारोबार पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए ताजा खबर झारखंड की टीम ने बीते सप्ताह गांव में रह कर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार किया। सबसे महत्वपूर्ण जानकारी ये है कि बालू के इस अवैध कारोबार में स्थानीय पुलिस की भी संलिप्तता प्रतित होती है। क्योंकि जिस रास्ते से होकर हाईवा और ट्रैक्टर बालू लेकर जाती है, उन रास्तों पर पुलिस की कोई पेट्रोलिंग नहीं होती। हाईवा और ट्रैक्टर चन्दुरा, बांदुगड़ा साउ, लेबेद और लोगे गांव से बालू का उठाव कर कोरबा के रास्ते पक्की सड़क से बालू लेकर सरायकेरा और खरसावां की ओर जाती है। तीन हाईवा जिससे बालू ढुलाई हो रही है, वो रात में दो से तीन ट्रीप करती है और दर्जनों ट्रैक्टर भी इस कार्य में लगा हुआ है। अड़की से कोरबा और अड़की से खूंटी जाने वाली सड़क रात 10 बजे के बाद इन्हीं बालू लदे वाहनों की आवाज से गुंजयमान रहता है।


कोरवा के रास्ते बालू लेकर जाते हाईवा और ट्रैक्टर।

ग्राम प्रधानों को है जानकारी, लेकिन साधे हुए हैं मौनः

पेशा कानून के तहत लघु खनीजों पर ग्राम सभा को अधिकार दिया गया है। लेकिन कुछ ग्राम प्रधान बालू माफियाओं के साथ साठ-गांठ कर बालू के अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। अड़की प्रखंड अंतर्गत बांदूगड़ा में जिस जगह बालू माफिया ने लाखों सीएफटी बालू का स्टॉक रखा है, वो जमीन बांदूगड़ा के ग्राम प्रधान यादव मुंडा की नीजि जमीन है। इस मामले में ग्राम प्रधान, यादव मुंडा से उनके मोबाईल नम्बर-8986732372 पर तीन बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया।

अड़की थाने का चौकीदार सह वाहन चालक भी बालू के अवैध कारोबार में संलिप्तः ग्रामीण

स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि थाने का चौकीदार चैला मिर्धा जो कोरवा का निवासी है, वह भी अपने दो-दो ट्रैक्टर से बालू का अवैध कारोबार करवा रहा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक ग्रामीण ने बताया कि चैला मिर्धा साउ ग्रामसभा से साठगांठ कर बालू का अवैध कारोबार कर रहा है। चुंकि वह अड़की थाना का चौकीदार और वाहन चालक है, इसलिए ग्रामीण उसके खिलाफ विरोध करने से डरते हैं।

पुलिस सहयोग नहीं करती हैः राम सिंह, जिला खनन पदाधिकारी, खूंटी

इस मामले में जिला खनन पदाधिकारी राम सिंह से बात की गई। उन्होंने बताया की बालू के अवैध कारोबार से जुडे लोगों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। दो दिन पूर्व ही कई ट्रैक्टर जप्त किया गया है, जो बालू से भरा हुआ था। रात के अंधेरे में बालू की ढुलाई ज्यादा हो रही है, इस पर हमलोग कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। स्थानीय पुलिस हमें सहयोग नहीं करती है।

जिले में अवैध कारोबारियों को पुलिस का संरक्षणः मंगल सिंह मुंडा, सामाजिक कार्यकर्ता

अड़की प्रखंड के स्थानीय निवासी सह सामाजिक कार्यकर्ता मंगल सिंह मुंडा का कहना है कि, खूंटी जिला के कई क्षेत्रों में बालू का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है, लेकिन पुलिस मौन है। इस जिले में अफीम की खेती बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन इस पर भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है। जहां तक बात है स्थानीय जनप्रतिनिधियों का, तो इनमें से कुछ जनप्रतिनिधि भय वश अपनी जुबान नहीं खोलते हैं और कुछ लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से लकड़ी, बालू और अफीम के अवैध कारोबार से जुडे हुए हैं। जिले में लगभग हर गांव में पुलिस के मुखबीर हैं। इनके माध्यम से पुलिस को हर अवैध कार्य की जानकारी मिलते रहती है, बावजुद इसके पुलिस सिर्फ आई वॉश के लिए एक दो कार्रवाई करके चुपचाप बैठ जाती है, जिससे पता चलता है कि अवैध कारोबारियों से पुलिस को लाभ होता होगा, इसलिए पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है।

मंगल सिंह मुंडा आगे बताते हैं कि कई बार पुलिस मेरे द्वारा सूचना दिये जाने के बाद कार्रवाई करती है, जबकि पुलिस को पूर्व से ही मामले की जानकारी रहती है। स्थानीय लोग मुझे कहते हैं कि पुलिस कुछ नहीं करती है,फिर आप क्यों पुलिस को हमलोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहते हैं। स्थानीय लोग मुझे अपना दुश्मन मानने लगे हैं, जबकि मैं उस कार्य का विरोध करता हूं, जिसका समाज और समुदाय पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

थाने से मात्र कुछ किलोमीटर की दूरी पर अनेकों जगह बालू का अवैध स्टॉक का होना, रात के अंधेरे में हाईवा और ट्रैक्टरों से बालू की ढुलाई किया जाना और जिला खनन पदाधिकारी का ये कहना कि, पुलिस बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने में सहयोग नहीं करती है, पुलिस महकमें के उपर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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