रांची : झारखंड में बुधवार 20 मई की देर रात कुल 42 कोरोना पॉजिटिव मामलों की पुष्टि हुई. जमशेदपुर से कुल 9 मामले सामने आये और जमशेदपुर में कुल संक्रमितों की संख्या 15 हो गयी है. जमशेदपुर उपायुक्त ने इसकी पुष्टि की. इसके साथ ही झारखंड में संक्रमितों की कुल संख्या अब 290 हो गयी है.
झारखंड में बुधवार 20 मई को गढ़वा से 18, जमशेदपुर से 9, हजारीबाग से 6, कोडरमा से 5, गिरिडीह से 2, गुमला और सरायकेला से 1-1 मामलों की पुष्टि हुई और राज्य का आंकड़ा 290 हो गया.
जमशेदपुर में अब कुल 11 संक्रमित हो गये हैं. वहीं गिरिडीह में कुल संक्रमितों की संख्या 12 हो गयी है. वहीं 1 मरीज स्वस्थ हो चुका है. गिरिडीह से मिले दोनों कोरोना पॉजिटिव मरीज जमुआ प्रखंड के हैं और दोनों प्रवासी मजदूर है. वो सूरत से हाल ही में लौटे थे. गिरिडीह सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार सिन्हा ने गिरिडीह के संक्रमितों की पुष्टि की है.
वहीं जमशेदपुर में आज निकले 5 संक्रमितों में 3 पुरूष व 2 महिलाएं हैं. बता दें कि इनमें 3 मरीज गोविंदपुर के है, जो आपस में पति-पत्नी और बेटी हैं. 10 मई को युवती अपने माता पिता के साथ दिल्ली से जमशेदपुर आई थी. गोविंदपुर में ये लोग 14 तारीख तक होम क्वारांटीन थे, उसके बाद तीनों को एमजीएम के आईसोलेशन में रखा गया था. वहीं चौथा मरीज गोलमुरी का है. यह व्यक्ति मुंबई से 18 मई को ट्रक से जमशेदपुर लौटा था और सीधे एमजीएम चला गया था. वह अपने घर नहीं गया था और किसी के संपर्क में भी नहीं आया था. 5वां मरीज मानगो का है. यह व्यक्ति 13 मई को बैंगलोर से टाटा आया था और सीधे एमजीएम चला गया. इन सभी को टीएमएच में दाखिल कराया गया है. इससे पहले मंगलवार को कुल 17 नये मरीजों की पुष्टि हुई थी.
रांचीः मीडिया में ये खबरें वर्तमान में काफी उफान पर है, कि फलां राशन डीलर ने घपला किया, गरीबों का राशन काला बाजारी कर बेच दिया, राशन डीलर कालाबाजारी करते रंगे हांथ गिरफ्तार इत्यादि इत्यादि और जांच में कई पकड़े भी गएं और कईयों के लाईसेस भी रद्द हुए हैं, लेकिन इन सब के बीच कांके प्रखंड, बोडेया की राशन डीलर सह “दीया सेवा संस्थान” की अध्यक्ष, दशमी टोप्पो एक अलग ही मिसाल कायम कर रही है। दशमी टोप्पो कार्डधारियों और अन्य लोगों के बीच राशन वितरण करने के बाद बचे अनाज को जरुरतमंदों के बीच बांट रही है।
इंट भट्ठा मजदूरों के बीच-10-10 किलोग्राम चावल का वितरण कियाः
लॉक डाउन के कारन बोड़ेया क्षेत्र में भी काफी मजदूर फंसे हुए हैं। जिसकी जानकारी राशन डीलर दशमी टोप्पो को मिली। इसके बाद दशमी टोप्पो ने 2 दर्जन से अधिक मजदूरों के बीच प्रति मजदूर 10-10 किलोग्राम चावल का वितरण किया। इसके अलावा बोडेया में फंसे हुए दर्जनों मजदूरों को अपने घर से खाना बना कर उन तक पहुंचाने का काम कर रही है।
जो कार्डधारी राशन नही ले गए हैं, उस बचे हुए राशन को गरीबों के बीच बांट रही हूः दशमी टोपनो
अमुमन राशन डीलर कार्डधारियो द्वारा राशन का उठाव नही करने पर, उस बचे हुए राशन को बेच कर मुनाफा कमाते हैं, लेकिन दशमी टोप्पो ने महामारी के इस दौर में बचे हुए राशन को बेच कर पैसा कमाना जरुरी नही समझा। अगर दशमी चाहती तो उस राशन को बेच कर मुनाफा कमा सकती थी, लेकिन दशमी टोप्पो ने इन्सानियत को ज्यादा महत्व देते हुए बचे हुए अनाज का वितरण जरुरतमंद गरीबो के बीच कर दिया। इसके अलावा भी गरीबों को घर पर खाना बना कर अपने हांथों से परोस रही है।
बताते चलें कि लॉक डाउन लागू होने के बाद से अब तक दीया सेवा संस्थान की अध्यक्ष, दशमी टोप्पो कांके प्रखंड के 885 परिवारों को राशन उपलब्ध करवा चुकी हैं, इसके अलावा सीडब्लूसी द्वारा चिन्हित विभिन्न शेल्टर हॉम में रह रहे 130 बच्चों के बीच भी इनके द्वारा राशन का वितरण किया गया है। वहीं पंचायत के मुखिया और सरपंच द्वारा चिन्हित जरुरतमंदो को भी दशमी टोप्पो राशन उपलब्ध करवा रही हैं।
पलामूः पलामू जिला, करसो पंचायत के मुखिया पति, शंकर साव पर अपने 4-5 गुर्गों के साथ अवैध हथियार लेकर दलितों को धमकाने का आरोप लगा है। करसो पंचायत निवासी पीड़ित शिवलाल सिंह ने इस बारे में जिले के एसपी से लिखित शिकायत की है। 30 वर्षीय शिवलाल सिंह, पिता मोहन सिंह ने एसपी को दिये आवेदन में कहा है कि, दिनांक 1 मई 2023 को शंकर साव, अपने 4-5 गुर्गों के साथ हथियार लेकर रात के नौ बजे मेरे घर पहुंचे और कहा कि, तुम मेरे साथ मेरे लिये काम करो, नहीं तो जान मार देंगे। जब मैंने ईन्कार किया कि, मैं आपके साथ नही रहुंगा, तो कॉलर पकड़ कर मुझे मारने लगें। इसके बाद मां-बहन की गाली देते हुए कहा कि साला खेरवार, हरिजन तुम लोगों का कोई कीमत नहीं है। पांच दिन का समय दे रहे हैं। मेरे साथ जुड़ जाओ नहीं तो दूसरी बार आ गएं, तो गोली मार देंगे।
पीड़ित़, शिवलाल सिंह द्वारा जिले के एसपी को सौंपा गया आवेदन की कॉपी.
शंकर साव की धमकी से मेरे परिवार के लोग रोने-चिलाने लगे और शंकर साव मुझे लात घुसे से मारते रहें। जब गांव के लोग वहां जमा होने लगे तो शंकर साव अपने गुर्गों को लेकर वहां से चले गएं। पांच मई को शंकर साव दुबारा शायं के 7 बजे मेरे घर पहुंचे और बोला कि क्या निर्णय लिया? मेरे साथ जुड़ोगे की नहीं? जब मैने फिर इन्कार कर दिया, तो उसने कहा कि तुम नहीं मानोंगे, तुमको भी अब और लोगों की तरह जेल भेजवाना पड़ेगा, तब तुम मानोंगे। शंकर साव ने ये भी कहा कि मेरे पास हथियारों की कमी नहीं है। मैं अपने हथियार वायरल भी कर चुका हूं, कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ लेगा।
शिवलाल सिंह ने अपने आवेदन में एसपी से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा है कि, इस घटना से मैं काफी डरा हुआ हूं। चुंकि मैं समाजिक कार्यों में ज्यादा व्यस्त रहता हूं और लगातर समाज के कार्यों को लेकर मेरा घुमना-फिरना लगा रहता है। मुझे डर है कि शंकर साव मुझे मरवा सकता है या फिर किसी ना किसी बहाने झुठा केस में मुझे फंसा सकता है। अतः महाशय से निवेदन है कि शंकर साव के विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई करते हुए मुझे न्याय दिलाया जाए।
पीड़ित शिवलाल सिंह ने फोन पर बात करते हुए ताजा खबर झारखंड के संवाददाता को बताया कि, मुखिया पति, शंकर साव पंचायत चुनाव के समय से ही मुझ से नाराज हैं। उसने मुझे अपने समुदाय(खेरवार) का वोट अपनी पत्नी के पक्ष में दिलवाने के लिए कहा था, लेकिन मैंने इस बारे में खेरवार समुदाय के लोगों से कोई बात नहीं कि और सभी ने अपने मन से अपने मत का प्रयोग किया था। शंकर सिंह पूर्व में गांव के कई युवकों को झुठा केस करके जेल भिजवा चुका है। गांव वाले जब उन्हें ग्रामसभा की बैठक में बुला कर उनसे बात करना चाहते हैं, तो वे ग्रामसभा की बैठक में भी नहीं आते हैं। शंकर साव स्पष्ट कहता है कि कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ लेगा।
कूल मिला कर ये मामला संविधान के अनुच्छेद-21 का हनन है। अनुच्छेद-21 में स्पष्ट है कि देश के हर नागरीक को गरीमा के साथ जीवन जीने का अधीकार है। अगर कोई भी व्यक्ति, व्यक्ति विशेष के संवैधानिक अधीकारों का उल्लंघन करता है तो, निश्चित तौर पर उसके उपर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
डोमचांच (कोडरमा) : डोमचांच स्थित ज्ञान सरोवर पब्लिक स्कुल में शिक्षा अधिकार कानून 2009 का पालन नहीं किया जा रहा है। स्कूल का ये मामला राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली में विचाराधीन है। उक्त बाते मानवाधिकार कार्यकर्ता ओंकार विश्वकर्मा ने कही। ओंकार विश्वकर्मा ने बताया कि, विद्यालय को मान्यता मिलने के बाद, शिक्षा अधिकार कानून का पूर्ण रूपेन पालन करना अनिवार्य है।
विद्यालय के प्रबंधन समिति में अध्यक्ष के पद पर पिता प्रदीप सिंह और सचिव के पद पर पुत्र नितेश सिंह हैं काबिजः
आगे ओंकार विश्वकर्मा ने बताया गया कि इस पुरे मामले की क्रॉस जाँच मेरे द्वारा की गई थी, जिसमे यह पुष्टि हुआ था कि, उक्त विद्यालय शिक्षा अधिकार कानून का पालन नहीं कर रहा है। स्कूल में जिन बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने की बात कही जा रही थी, जांच में ये पाया गया की बच्चों से शुल्क लिया जा रहा था। जिसके बाद माननीय आयोग ने पुनः उक्त विद्यालय के जाँच के आदेश दिए थे, जिस पर दिनांक 15 मई 2023 को उपायुक्त, कोडरमा द्वारा आयोग को सौंपे गए रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हुई है कि, उक्त विद्यालय के प्रबंधन समिति में अध्यक्ष के पद पर प्रदीप सिंह एवं सचिव के पद पर नितेश सिंह है जो रिश्ते में पिता और पुत्र हैं, जो शिक्षा अधिकार कानून 2009 के धारा 21 का उलंघन है। अधिनियम की धारा 21 के तहत खून के रिश्ते के लोग पद पर सदस्य नहीं हो सकते हैं।
कोडरमा उपायुक्त द्वारा बाल संरक्षण आयोग को सौंपा गया जांच प्रतिवेदन का पत्र.
स्कूल में कई ऐसे शिक्षकों का नाम दिया गया है, जो दुसरे राज्यों में काम कर रहे हैः
विद्यालय प्रबंधक ने इस बात की जानकारी नहीं दी है, कि उनके विद्यालय में कितने बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे है और कितने बच्चे शिक्षा अधिकार कानून के सेक्शन 12 (1) (c) के तहत नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे है। वहीं स्कूल में कई ऐसे शिक्षकों का नाम दिया गया है, जो दुसरे राज्यों में काम कर रहे है, और उनका नाम विद्यालय के शिक्षण कार्य में दिखाया गया है
क्या कहता है शिक्षा अधिकार कानून का धारा 12 (1) (c)
शिक्षा अधिकार कानून के धारा 12 (1) (c) कहता है कि गैर अल्पसंख्यक निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूल ऐसे बच्चों को जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से हैं और शिक्षा से वंचित हैं ऐसे बच्चों को प्रवेश स्तर ग्रेड में कम से कम 25 प्रतिशत सीटों को आरक्षित किया जाए, और वर्ग 8 अर्थात 14 वर्ष के उम्र तक के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाए|
रांचीः लंबे समय से झारखंड में आतंक का पर्याय रहे पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिनेश गोप को एनआईए ने आईबी की सूचना पर नेपाल से गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।
दिनेश गोप नेपाल में अपना भेष बदल कर सरदार की भेष में रह रहा था। इसी दौरान आईबी को मिली सूचना के आधार पर एनआईए रांची की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दिनेश गोप को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद दिनेश गोप को नेपाल से दिल्ली लाया गया, उसके बाद दिल्ली से एयर एशिया के विमान से रविवार की शाम पांच बजे रांची एयरपोर्ट लाया गया। एनआईए द्वारा दिनेश गोप को गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ की जाएगी। पुछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। दिनेश गोप के ऊपर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम घोषित किया था। वहीं एनआईए ने उसपर पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
रांची लाने के क्रम में दिनेश गोप की ली गई तस्वीर.
दिनेश गोप विदेशी हथियारों का शौकिन था और उसके दस्ते के पास कई विदेशी हथियार मौजुद है। पूर्व में विदेशी रॉकेट लांचर से लेकर एके-47 तक उसके दस्ते के सदस्यों के पास से बरामद किया जा चुका है। ये विदेशी हथियार कौन और किस तरह दिनेश गोप तक पहुंचाया करते थें, इस बारे में भी दिनेश गोप से पुछताछ की जाएगी। इसके अलावे लेवी की रकम वो कहां और किसके माध्यम से इंवेस्ट किया करता था, उसने कितनी संपत्ति लेवी से अर्जित की है, इसके बारे में भी पुछताछ होगी।
फिलहाल दिनेश गोप को कोर्ट में पेशी के बाद रिमांड में लेने की तैयारी हो चुकी है।
जानकारी देते चलें कि, दिनेश गोप लेवी की रकम से कोल्हान और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में आधा दर्जन से अधीक स्कूलों का संचालक करता है, पुछताछ में उन स्कूलों के नाम का भी खुलाशा होने की संभावना है।
रांचीः “ग्लोबल एक्सेसिबिलिटी अवेयरनेस डे” के अवसर पर गुरुवार, दिनांक 18.05.2023 को “टेक्नोलॉजी एक्सेसिबल फॉर एवरीवन” थीम पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन दीपशिखा रांची में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय न्यास के द्वारा 10 सी. पी. चेयर दीपशिखा स्टेट नोडल एजेंसी को प्रदान किया गया है, जिसे झारखंड के विभिन्न जिलों के सीपी बच्चों को प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम में ग्लोबल एक्सेसिबिलिटी अवेयरनेस डे के बारे में विस्तार से चर्चा किया गया और इसके महत्व के बारे में बताया गया। एक्सेसिबिलिटी प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। दिव्यांग व्यक्ति जहां कहीं भी जाना चाहें, घूमना चाहे वे जा सकते है, लेकिन वर्तमान समय में एक्सेसिबिलिटी की समस्या हर स्थान पर होने के कारण दिव्यांग व्यक्ति नहीं जा पाते हैं, जिससे बच्चों और व्यक्ति का विकास अवरूद्ध होता है और समाज में समावेशित नहीं हो पाते हैं, इस पर विचार किए जाने की आवश्यकता है।
10 सी. पी. चेयर दीपशिखा स्टेट नोडल एजेंसी को दिया गया.
इस कार्यक्रम में सेरेब्रल पाल्सी उसके विभिन्न प्रकार ,कारण और प्रबंधन के बारे में विस्तार से चर्चा किया गया, साथ ही राष्ट्रीय न्यास के विभिन्न स्कीम एवं राष्ट्रीय न्यास द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम में डॉ अनुराधा वत्स क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, प्रमोद कुमार स्टेट कोऑर्डिनेटर राष्ट्रीय न्यास एवं अमिता सिन्हा विशेष तौर पर उपस्थित रहें।
रांची(नामकुम प्रखंड)- आदिवासियों के धार्मिक जमीन की ना तो बिक्री हो सकती है ना ही इसका हस्तांतरण हो सकता है। ऐसी जमीन पर गांव का सामुहिक मालिकाना हक होता है। लेकिन जमीन कारोबारियों का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि, जबरन हथियार के बल पर नामकुम प्रखंड अंतर्गत मल्टी गांव में पहनई, धार्मिक एवं सामाजिक जमीन पर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। गांव की सामाजिक, धार्मिक जमीन की लूट के खिलाफ कई बार गांव में ग्रामसभा किया गया जिसमें एक स्वर में धार्मिक, सामाजिक जमीन पर जबरन कब्जा का विरोध किया गया था, बावजूद अपने पहुंच, पैसे और दबंगई के बल पर जमीन पर खुलेआम कब्जा करने का काम जारी है।
रांची उपायुक्त को जमीन लूट मामले से अवगत करवाते प्रतिनिधिमंडल.
पूर्व में रांची उपायुक्त सहित जमीन मामले से जुड़े संबंधित अधिकारी और पदाधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई, इसके बाद भी धार्मिक, सामाजिक जमीन पर कब्जा का गोरख धंधा चल रहा है। गुरुवार को पूर्व जिप सदस्य सह भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती कुजूर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल रांची के उपायुक्त राहुल कुमार से मुलाकात कर मामले की गंभीरता से अवगत करवाते हुए ध्यान आकृष्ट कराया साथ ही गांव की सामाजिक जमीन को बचाने का आग्रह किया। उपायुक्त से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने ये भी कहा कि, यदि पदाधिकारी जमीन बचाने में सहयोग नही करेंगे तो ग्रामीण खुद ही जमीन पर उतर कर अपनी जमीन बचाने का काम करेंगे। उपायुक्त महोदय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई का भरोसा दिया है।
रांचीः कर्नाटका में मिली अप्रत्याशित जीत को लेकर प्रदेश कांग्रेस पार्टी कार्यालय में उत्साह का महौल देखने के मिलाल वहीं प्रदेष भाजपा के वरीष्ठ नेताओं के चेहरे उतरे हुए नजर आएं। कर्नाटका में कांग्रेस पार्टी को बहुमत का आंकड़ां प्राप्त हुआ है, जिसके कारन कांग्रेस पार्टी की खुशी दोगुणी हो चुकी है। झारखंड राजधानी रांची स्थित प्रदेश कार्यालय शनिवार को जय बजरंबली के नारों से गूंजता रहा।
कांग्रेस के भारत जोड़ो यात्रा को कर्नाटका की जनता ने सराहा हैः
मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, राजेश ठाकुर ने इस जीत को बजरंगबली की जीत बताया साथ ही भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि जिस तरह कर्नाटक चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजरंगबली के नाम का सहारा लिया, उसी का परिणाम है आज कर्नाटका में कांग्रेस की जीत हुई है।
मोदी जी के उपलब्धियों को जनता के बीच नहीं पहुंचा पाए होंगेः दीपक प्रकाश
इधर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जनता जनार्दन सर्वोपरि है। हम मोदी जी के उपलब्धियों को जनता के बीच नहीं पहुंचा पाए होंगे, इस लिए हार का सामना करना पड़ा है। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने हार की समीक्षा करने की बात कहते हुए कांग्रेस को नसीहत दी है कि, कांग्रेस को ज्यादा खुश नहीं होना चाहिए। हार-जीत लगी रहती है यूपी में भी जरा कांग्रेस को निकाय चुनाव के नतीजे को देखना चाहिए।
नफरत की राजनीति को जनता ने अस्वीकार कर दिया हैः झामुमो
झारखँड में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी झामुमों ने भी कांग्रेस की जीत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, नफरत की राजनीति को जनता ने नकार दिया है। इस रिजल्ट से भाजपा को सबक लेना चाहिए। झामुमो नेता सुप्रियो का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो पर भाजपा युवा मोर्चा के नेता पर केस दर्ज करवाया गया है। सुप्रीयो भट्टाचार्या ने वायरल वीडियो पर भाजपा के नेताओं से जवाब मांगा है। सुप्रीयो भट्टाचार्या ने आगे कहा कि नफरत फैलाने का प्रशिक्षण बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास और दीपक प्रकाश ने कार्यकर्ताओं को दिया है, इसी नफरत को लेकर भाजपा के कार्यकर्ता एक वीडियो जारी कर नफरत फैला रहे है। उन्होंने बताया कि उनकी तबियत कुछ दिन पूर्व खराब थी वह वैध पर इलाज कराने गए थे तो वहां वैध ने एक वीडियो अपने प्रोमोशन के लिए बनाया था, लेकिन उस वीडियो को एडिट कर भाजपा के लोगों ने वायरल किया है। इससे इनकी मानशिकता साफ जाहिर होती है। उन्होंने कहा कि केस दर्ज होने के बाद उस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया, लेकिन अब पुलिस जांच में स्पष्ट हो जाएगा की कैसे और कौन-कौन भाजपा के नेता काम करते है। इस वायरल वीडियो पर बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास और दीपक प्रकाश से इस मामले में जवाब मांगा है.
रांचीः झारखंड स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी, रांची द्वारा गुरुवार दिनांक 11.05.2023 को दीपशिखा का निरीक्षण किया गया। “डिप्लोमा इन काउंसेलिंग” कोर्स के लिए दीपशिखा द्वारा आवेदन एक माह पूर्व विश्वविद्यालय को दिया गया था।
निरीक्षक के रूप में डॉक्टर प्रेम सागर केशरी, कोऑर्डिनेटर, झारखंड स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी और विकास मौर्य ने दीपशिखा द्वारा संचालित किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी ली और यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित किए जाने वाले पाठ्यकर्मो के बारे मैं जानकारी साझा किएं। टीम ने संस्थान में संचालित कार्यक्रमों की सराहना की और विशेष बच्चों से मिलकर काफी अभिभूत हुएं। मौके पर इस नेक कार्य के लिया दीपशिखा प्रबंधन एवं शिक्षिकाओं को धन्यवाद दिएं।
डॉक्टर प्रेम सागर केशरी, कोऑर्डिनेटर, झारखंड स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी और विकास मौर्य ने आश्वासन दिया की जल्द ही मिलकर विशेष बच्चों के पुनर्वास के लिए और पाठयक्रम को शामिल किया जाएगा।
राँचीः कांके प्रखंड के ऊरुगुट्टू पंचायत स्थित राज्यकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय में छात्रो को प्रधानानचार्य, अंजना ज्योत्सना तिग्गा द्वारा विद्यालय परिसर में ईंट ढुलवाया जा रहा था। ईंट ढ़ोने का क्रम में 8वीं कक्षा का छात्र गीर कर जख्मी होने के बाद बेहोश हो गया था, जिसका ईलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है। इस खबर का प्रसारण घटना के दिन 6 मई को “ताज़ा खबर झारखंड” में प्रमुखता के साथ प्रसारित करने के साथ ही साथ घटना की जानकारी झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव को ताजा खबर के मुख्य संवाददाता वसीम अकरम द्वारा ट्वीट कर दिया गया था।आयोग की टीम की मदद से बेहतर ईलाज के लिए घर से रिम्स ले जाते पीड़ित बच्चे के अभिभावक.
आयोग की टीम ने घटना के दौरान स्कूल में मौजुद लोगों से ली जानकारीः
आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव ने ताजा खबर झारखंड के इस खबर को गंभीरता से संज्ञान में लिया और गुरुवार को आयोग की टीम राज्यकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय, उरुगुट्टू पहुँची। अध्यक्ष, काजल यादव और सदस्य सुनील कुमार ने विद्यालय परिसर में भ्रमण कर पूरे मामले की गंभीरता से जांच की। इस दौरान घटना के वक्त स्कूल में मौजुद शिक्षक, रसोईया और अन्य लोगों से बात कर पुरे मामले की जानकारी ली। इसके अलावे पंचायत के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों और पीड़ित छात्र के माता-पिता से भी बात कर घटना की जानकारी ली।
स्कूल में प्रत्यक्षदर्शियों से घटना की जानकारी लेते आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव
पैसे के अभाव में घायल बच्चा घर में ही पड़ा था, आयोग की टीम ने रिम्स में करवाया भर्तीः
पीड़ित छात्र बेहद गरीब परिवार से है और उनके परिजन निजी अस्पताल में बच्चे का ईलाज करवा रहे हैं, जिसमें उनका काफी पैसा खर्च हो चुका है। यहां तक की बच्चे के पिताजी जो दैनिक मजदुरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं उन्हें बच्चे के ईलाज के लिए कर्ज तक लेना पड़ा है। कर्ज में डुबे पीड़ित बच्चे के अभिभावक ने पुरा ईलाज करवाए बिना ही बच्चे को घर ले आए थें, जहां उसकी स्थिति अब भी ठीक नहीं थी। आयोग की अध्यक्ष काजल यादव जब बच्चे के घर पहुंची तो बच्चे की नाजुक स्थिति को देखते हुए तुरंत उन्होंने सबसे पहले बच्चे को बेहतर ईलाज के लिए रिम्स में भर्ती करवाया।
पीड़ित बच्चे के घर में आयोग की टीम अभिभावकों से जानकारी लेते.
दोषी प्रधानाचार्या पर कार्रवाई करने के लिए अनुशंसा की जाएगीः अध्यक्ष, बाल संरक्षण आयोग, झारखंड
आयोग की अध्यक्ष, काजल यादव ने ताजा खबर झारखंड से बात करते हुए बताया कि, मामला काफी संगीन है, बच्चों के पढ़ाई के समय में ईंट ढुलवाया जा रहा था, ये जानकारी घटना के दौरान स्कूल में मौजुद रसोईया समेत अन्य लोगों ने दी है। घटना की जांच गंभीरता से की जा रही है। दोषी पर कार्रवाई जरुर होगी।
प्रधानाचार्या, मामले को रफादफा करने के लिए अभिभावक पर दबाव बनवा रही थीः
प्रधानाचार्य मामले को दबाना चाहती थी, इसीलिए अपने सहयोगियों से मिलकर मामले को दबाने के लिए छात्र के अभिभावक को इलाज के लिए 25 हजार रुपये देने काम किया। इतना ही नहीं अभिभावक द्वारा ठाकुरगांव थाना में लिखित शिकायत भी किया गया था, लेकिन प्रधानाचार्या अंजना ज्योत्सना तिग्गा ने अपने सहयोगियों के माध्यम से पीड़ित बच्चे के अभिभावक पर दबाव डाल कर थाना में दर्ज करवाए गए शिकायत को वापस लेने के लिए मना लिया। आयोग की टीम घटना की पूरी जांच करने के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए अनुशंसा करेगी।
6 मई को इंट ढुलवाने के क्रम में हुई थी घटनाः
जानकारी देते चले की 6 मई को कांके प्रखंड के ऊरगुट्टू पंचायत स्थित राज्य उत्क्रमित उच्च विद्यालय में आठवीं कक्षा का छात्र साहिल अंसारी स्कूल परिसर में बेहोशी की हालत में पाया गया था। जिसे आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में पता चला कि विद्यालय में प्रधानाचार्य के द्वारा विद्यालय के टूटे बाथरूम के ईट को छात्रों द्वारा ढुलवाया जा रहा था। इसी दौरान हादसा में साहिल अंसारी गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गया था और प्रधानाचार्या ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाने के बजाय घायल हो कर बेहोश पड़े बच्चे को रसोईया के कमरे में बिस्तर पर सुला दिया और उसके होंश में आने का ईंतेजार करते रही। किसी तरह घटना की जानकारी बच्चे के अभिभावकों को मिली और उन्होंने ही बच्चे को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था।
रांचीः मंगलवार को गृह, कार्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड सरकार द्वारा आयोजित समारोह में 107 अभ्यर्थियों के बीच सहायक लोक अभियोजकों को नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया। इस दौरान लोक अभियोजकों के चेहरे में खुशी, इरादों में आत्मविश्वास और आंखों में नौकरी मिलने की सुकून स्पष्ट दिखाई पड़ रही थी।
साल 2018 से शुरू हुई निय़ुक्ति प्रक्रिया 2023 में आ कर पूर्ण हुई। तकरीबन 5 साल के लंबे इंतजार के बाद जब नियुक्ति का रास्ता साफ हुआ और लोकअभियोजकों की नियुक्ति हुई। नियुक्ति पत्र वितरण के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, लोग डॉक्टर और वकील को भगवान मानते है। पर इस विश्वास को बनाना और कायम रखना आप सभी नव नियुक्त लोक अभियोजकों का काम है। सीएम हेमंत सोरेन ने लोक अभियोजकों से कहा कि जनता आप सभी को भगवान का दर्जा देती है। आप सभी जनता के हित मे काम करें, ताकि जनता को न्याय मील सके। सीएम ने कहा कि, झारखंड के लोग ठीक से हिंदी तक नहीं जानते। स्थानीय भाषा की जानकारी होना बहुत जरूरी है। आज आदिवासी और गरीब लोग कानून की जानकारी और पैसे के अभाव में जेल में बंद है, उनको मदद करने की जरुरत है।
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने नव नियुक्त लोक अभियोजकों से कहा कि जटिल प्रक्रिया से त्वरित न्याय दिलाने के लिए रणनीति बनानी होगी। किसी निर्दोष को हम जेल नहीं भेजें, और दोषी बचे नहीं, ये ध्यान रखने की जरूरत है।
जानकारी देते चलें कि साल 2018 में सहायक लोक अभियोजक पद के लिये विज्ञापन प्रकाशित हुई थी, उसके बाद से तमाम अड़चनों और प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए नियुक्ति पत्र इन युवाओं के हाथों तक पहुंची है। सहायक लोक अभियोजक बनने वाले युवा झारखंड के लोगों के साथ न्याय करने का संकल्प दोहराते नजर आएं।
राँची(कांके प्रखण्ड)- कांके प्रखंड के ऊरगुट्टू पंचायत स्थित राज्यकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय के 8वीं कक्षा का छात्र साहिल अंसारी शनिवार को बेहोशी की हालत में स्कूल में पाया गया। बच्चे के चेहरे और सर में चोट का निशान है। स्थानीय लोगों से बच्चे के अभिभावक को जानकारी मिली कि उनका बच्चा स्कूल में बेहोश पड़ा हुआ है, जिसके बाद बच्चे के अभिभावक ने स्कूल पहुंच कर बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां बच्चे का ईलाज चल रहा है।
खबर लिखे जाने तक छात्र का उपचार अस्पताल में चल रहा है, लेकिन बच्चे को अब तक होंश नही आया था। छात्र साहिल अंसारी के चेहरे पर गंभीर चोट के निशान है। बच्चे के पिता आलम अंसारी ने स्कूल के प्रधानाध्यापिका अंजना ज्योत्सना बाड़ा पर आरोप लगाते हुवे कहा कि, रोजाना की तरह वह स्कूल गया हुआ था। सुबह साढ़े नौं से दस बजे के बीच गांव वालों से सूचना मिली कि आपका बेटा स्कूल में जख्मी हालत में बेहोश पड़ा है। हम लोग तुरंत स्कूल पहुंचे, तो देखा कि मेरा बेटा स्कूल में बेहोश पड़ा हुआ है। जब पता किया तो पता चला कि स्कूल में बाथरूम का रिपेयरिंग का काम चल रहा है। और इसी कार्य के लिए बच्चों से ईंट ढुलवाया जा रहा था। ईंट ढोने के क्रम में ही मेरा बेटा गीर कर गंभीर रुप से घायल हो गया और अपनी होंश खो बैठा। मैंने कुछ लोगों के सहयोग से बच्चे को नजदिकी अस्पताल में भर्ती करवाया है, जहां वो अब तक बेहोश है।
बच्चा कक्षा से भाग गया थाः प्रधानाचार्या
इस घटना के बारे में जब स्कूल की प्रधानाचार्या से जब जानकारी लिया गया, तो उन्होंने कहा कि यह हादसा स्कूल में नहीं हुआ है। स्कूल से छात्र भाग गया था और साइकिल चलाने के दौरान बाहर बेहोश होकर पड़ा हुआ था।
अपनी जिम्मेवारी से मुकर नही सकती प्रधानाचार्याः
घटना कैसे हुई? ये जांच का विषय है। चुंकि घटना छात्र के स्कूल में जाने के बाद हुई है और प्रधानाचार्या का ये कह कर पल्ला झाड़ना कि बच्चा स्कूल से भाग कर साईकिल चलाने के दौरान चोटिल हुआ है, तो फिर आप स्कूल में किस काम के लिए बैठी हुई हैं। बच्चे बढ़ाई के दौरान अगर स्कूल से भाग जा रहे हैं, तो उन्हें कक्षा के अंदर रखना, ये किसकी जिम्मेदारी है? इसलिए मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई, ताकि इस तरह के घटना क पुनर्रावृति ना हो।