भाजपा को बहुमत से दूर रखने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने मतदाताओं को दी बधाई…

0

ब्यूरो रिपोर्ट ताजा खबर झारखंड…

भाजपा की उन सभी स्थानों पर करारी हार हुई, जहां-जहां किसान आंदोलन व्यापक और मजबूत था।

एसकेएम ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की हार पर खुशी का इज़हार किया और उसके खिलाफ उचित आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की.

गारंटीकृत खरीद, ऋण माफी और बिजली क्षेत्र के निजीकरण को निरस्त करने के साथ-साथ सी-2+50% पर एमएसपी आदि लंबित मांगों पर ठोस कार्रवाई की जताई उम्मीद.



संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाजपा को लोकसभा चुनाव में बहुमत से वंचित करके उसे करारी शिकस्त देने के लिए आम जनता को बधाई देते हुए खुशी व्यक्त किया है। देश की आम जनता ने मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को कड़ी सजा और करारी शिकस्त दी है, खासकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में, जहां किसान आंदोलन सबसे ज्यादा मजबूत था। इन सभी क्षेत्रों में भाजपा भारी अंतर से हारी है और कई जगहों पर वह अपना प्रचार अभियान भी नहीं चला पाई।

संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं, विशेषकर किसानों और मजदूरों को लखीमपुर खीरी जनसंहार के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हराने के लिए विशेष बधाई दी है। इस जघन्य घटना में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या वाहन से कुचल कर, कर दी गई थी। प्रधानमंत्री मोदी टेनी को मंत्रिमंडल में बनाए रखकर उनकी रक्षा कर रहे थें। एसकेएम उनके खिलाफ उचित आपराधिक मुकदमा चलाने और लखीमपुर खीरी के शहीदों को न्याय सुनिश्चित करने की पुरजोर मांग करता है।

लखीमपुर खीरी जनसंहार का बदला लिया वहां के किसान और मजदुरों ने अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ मतदान करः एसकेएम

एसकेएम ने भाजपा सरकार द्वारा किसानों के साथ विश्वासघात करने के खिलाफ और उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए उन पर लाठीचार्ज करने, वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल करने, उनके खिलाफ गंभीर मामले दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने के खिलाफ और अंततः 3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर एसयूवी चलाकर जनसंहार करने के खिलाफ और उन पर फासीवादी दमन करने के खिलाफ भाजपा को बेनकाब करने, विरोध करने और दंडित करने के लिए एक व्यापक अभियान का आह्वान किया था।

भाजपा के फासीवादी तौर-तरीकों के कारन बहुमत नहीं मिलाः एसकेएम

भाजपा के खिलाफ लोगों का गुस्सा और दृढ़ संकल्प मुख्य रूप से इसके अलोकतांत्रिक शासन, किसान नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, किसान आंदोलन के समर्थकों के खिलाफ यूएपीए के दुरुपयोग और आरएसएस-भाजपा सरकार द्वारा उनके दमन के फासीवादी तौर-तरीकों का नतीजा था। इस अभियान में किसानों, औद्योगिक मजदूरों, छात्रों, महिलाओं, शिक्षकों, युवाओं, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं और सभी तबकों के लोगों ने सक्रिय भूमिका निभाई है।

एसकेएम ने भाजपा द्वारा धर्म के दुरुपयोग और सांप्रदायिक प्रचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत के चुनाव आयोग से भी शिकायत की थी, जिस पर उसने कोई ध्यान नहीं दिया। लेकिन आम जनता भाजपा के इस शातिर और असंवैधानिक आचरण का शिकार नहीं हुई और इस तरह की विभाजनकारी रणनीति को खारिज करके उसने समझदारी से मतदान किया, जिसका परिणाम हुआ कि भाजपा बहुमत से दूर रही।

जनता ने गोदी मीडिया के प्रचार को नकाराः एसकेएम

लोगों ने मुख्यधारा के मीडिया घरानों द्वारा प्रचारित किए जा रहे सभी तरह के प्रचार और जुमलों को भी पूरी तरह से नकार दिया। इसे सही मायने में गोदी मीडिया कहना उचित है, क्योंकि उसने भाजपा के झूठे आख्यानों को खूब कवरेज दिया और आम जनता और किसानों के मुद्दों को कोई जगह नहीं दी। एग्जिट पोल में भाजपा की जीत के बड़े अनुमानों को झुठलाकर लोगों ने साबित कर दिया कि, उसने भाजपा द्वारा मीडिया के इस दुरुपयोग को पूरी तरह से नकार दिया है।

किसानों को बधाई देते हुए, एसकेएम यह दोहराना चाहती है कि भारत के किसान अपनी जायज मांगों पर अपने आंदोलन को तेज करने के अपने संकल्प पर अडिग हैं और एसकेएम को उम्मीद है कि नई सरकार निम्न सभी लंबित मांगों को हल करेगी :

1. सभी फसलों के लिए सी-2+50% के स्वामीनाथन फार्मूले पर सुनिश्चित खरीद के साथ एमएसपी देना।

2. भूमिहीन और छोटे किसानों के निजी और माइक्रोफाइनेंस ऋणों सहित सभी किसानों के सभी ऋण माफ करना।

3. बिजली की दरें कम करना और ट्यूबवेल को मुफ्त बिजली देना साथ ही सभी घरेलू उपयोगकर्ताओं और दुकानदारों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देना।

4. किसानों के खिलाफ सभी लंबित मामलों को वापस लेना।

5. यह सुनिश्चित करना कि अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ आपराधिक आरोपों को आगे बढ़ाने के लिए कानून का इस्तेमाल किया जाए, न कि टेनी की मदद करने के लिए इसका दुरुपयोग किया जाए।



एसकेएम ने सरकार को तीन काले कृषि कानूनों के किसी भी प्रावधान को पिछले दरवाजे से फिर से लागू करने के किसी भी दुस्साहस के खिलाफ चेतावनी दी है, जैसा कि हाल ही में अमेरिकी खाद्य प्रसंस्करण दिग्गजों के साथ बड़े सौदों की अनुमति देने के उसके प्रयासों से स्पष्ट है।

एसकेएम आगामी सरकार की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करने के बाद स्थिति का जायजा लेगा।

नोट- संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी…

Leave A Reply

Your email address will not be published.