ईडी की टीम पर प. बंगाल में टीएमसी नेता के सैंकड़ों समर्थकों ने किया हमला, ईडी के अधिकारी घायल, सियाशी बवाल शुरु…

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ताजा खबर, ब्यूरो रिपोर्ट…

पश्चिम बंगाल से एक बड़ी घटना सामने आई है। बंगाल प्रदेश भाजपा ने इस घटना की जांच एनआईए से कराने की मांग रखी है।

घटना के बारे में बताया जा रहा है कि ईडी के अधिकारी पारा मिलिट्री फोर्स के साथ टीएमसी नेता, शाहजहां शेख के घर जांच के लिए पहुंचे थें। यहां दरवाजा नहीं खोलने पर ईडी के अधिकारियों ने ताला तोड़ना शुरु कर दिया। इसे देख वहां सैंकड़ों की संख्या में मौजुद शाहजहां शेख के समर्थकों ने इंट और पत्थरों से हमला कर दिया। इस पत्थर बाजी में ईडी अधिकारी के सर में चोट लगी है। ग्रामीणों के हमले के बाद ईडी के अधिकारी वहां से भाग खड़े हुए। इस दौरान शाहजहां शेख के समर्थकों ने उन वाहनों को भी छत्तिग्रस्त कर दिया, जिसमें सवार हो कर ईडी के अधिकारी जांच के लिए पहुंचे थें। टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर राशन घोटाला करने का आरोप है।

टीएमसी नेता शाहजहां शेख के समर्थकों द्वारा किये गए हमले में छत्तिग्रस्त बाहन.
समर्थकों के हमले में छत्तिग्रस्त ईडी अधिकारियों के वाहन.

मीडियाकर्मी भी हुए हमले में घायलः

घटना प. बंगाल के दक्षिण 24 परगना में हुई है। ग्रामीणों ने पत्थराव करते हुए ईडी की टीम को काफी दूर तक खदेड़ दिया। शाहजहां शेख के घर पर जांच के लिए पहुंचे ईडी के टीम की खबर पाकर कुछ मीडिया की टीम भी वहां पहुंची थी। ग्रामीणों ने मीडिया की टीम को भी वहां से खदेडा। इस दौरान जी मीडिया के रिपोर्टर और उनके कैमरामेन भी घायल हुए हैं।

मुख्यमंत्री, ममता बैनर्जी से इस्तिफे की मांगः

इस घटना से कोलकता से दिल्ली तक सियाशी बवाल शुरु हो चुका है। बंगाल भाजपा ने टीएमसी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी से इस्तिफे की मांग कर डाली है। वहीं बंगाल में ही कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सत्तारुढ़ पार्टी के गुंडों ने ईडी के उपर जो हमला किया है, उससे पता चलता है कि बंगाल में गुंड़ों का राज है।

टीएमसी हमले का समर्थन नहीं करतीः शशि पांजा, मंत्री, प. बंगाल

दूसरी तरफ ममता बैनर्जी सरकार की मंत्री शशि पांजा ने केन्द्र सरकार पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि, ईडी की टीम पर जो हमला हुआ है, उसका समर्थन टीएमसी कतई नहीं करती है। ग्रामीण कह रहे थें कि ईडी की टीम के साथ जो फोर्स मौजुद थें वे वहां मौजुद लोगों के साथ गलत बयानी कर भड़का रहे थें। इसलिए संघीय ढांचे की दुहाई मत दिजिए। संघीय ढ़ांचे में केन्द्र और राज्य सरकार, दोनों को मील कर काम करना है। राजनीतिक कारनों से केन्द्र सरकार ने स्टेट का फंड रोक रखा है। इस हालात में आपका संघीय़ ढ़ांचा कहां गायब हो गया?

स्प्ष्ट है कि ये मामला जल्द थमने वाला नहीं है, बल्कि ये मामला उपर तक जाएगी।

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