प्रकृति पर्व, सरहुल को लगी कोरोना की नजर, सोशल डिस्टेन्सिंग के कारन महात्मा गांधी पथ पर नहीं निकाला गया शोभायात्रा…

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

प्रकृति पर्व, सरहुल को लगी कोरोना की नजर, सोशल डिस्टेन्सिंग के कारन महात्मा गांधी पथ पर छाया रहा विराना…  

राँची: सरहुल के दिन राजधानी रांची के मुख्य पथ, महात्मा गांधी पथ पर झारखंडी परंपरा और संस्कृति की अद्भुत झलक देखने को मिलती थी, ढ़ोल-नगाड़ा और मांदर के साथ अन्य पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर आवाज पुरे राजधानी रांची वासी को झारखंडी होने का अहसास कराता था, यहां निकलने वाले शोभा यात्रा में राजधानी रांची के कोने-कोने से आदिवासी समुदाय के लोग अपने-अपने अखड़ा से सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे थें, जिनकी संख्या महात्मा गांधी पथ पहुंच कर लाखों में हो जाती है और ये नजारा देखते ही बनता था, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के प्रकोप के कारन सभी कार्यक्रम स्थगीत कर दिया गया है। पर्व त्योंहरों में ढ़ोल मांदर की थाप पर थिरकने वाले कदमों में मानों बेड़ियां जकड़ चुकी है। हर चेहरे मायुस हैं।

प्रकृति पर्व सरहुल के बारे में ऐसी मान्यता है कि इसी दिन धरती और आकाश का विवाह हुआ था, इस लिए इस दिन प्रकृति के इन देवताओं से आदिवासी समाज सुख, शांति और समृद्धि की कामना करता है, साथ ही प्रकृति की रक्षा के लिए भी संकल्प लेता है।

https://youtu.be/APKVqcSI0R0

कोरोना वायरस के भय के कारन इस वर्ष सरना स्थलों पर पूजा पाठ के दौरान भी भीड़ नही जुटी। किसी किसी सरना स्थल पर पाहन के अलवा चार-पांच लोग ही पूजा करते नजर आएं वो भी दूरी बना कर। हातमा स्थित सरहुल चौक पर भी कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला, जहां केंद्रीय सरना समिति के मुख्य पाहन द्वारा पूरे विधि विधान के साथ पूजा सम्पन्न कराया गया। पूजा सम्पन्न कराने के बाद मुख्य पाहन ने कहा की कोरोना मुक्त देश और झारखंड प्रदेश की कामना करते हुए पूजा सम्पन्न की गयी है, ताकि हमारा समाज इस विश्व व्यापी संकट से निकल सके।

जानकारी देते चलें कि आदिवासियों की जीवन की शुरुआत ही प्रकृति के बीच होती है, इनके हर संस्कार में सबसे पहले प्रकृति की पूजा होती है, यूं कहें कि आदिवासी समाज प्रकृति के सबसे ज्यादा नजदीक है। ये पर्व एकता और भाई चारे का भी सन्देश देता और झारखण्ड में न सिर्फ जनजातीय समाज बल्कि सारे समाज के लोग इसमें पुरे उत्साह और उमंग के साथ भाग लेते हैं।

2 Comments
  1. Justin says

    Long time supporter, and thought I’d drop a comment.

    Your wordpress site is very sleek – hope you don’t mind me asking what theme you’re using?
    (and don’t mind if I steal it? :P)

    I just launched my site –also built in wordpress like yours– but the theme slows
    (!) the site down quite a bit.

    In case you have a minute, you can find it by searching
    for “royal cbd” on Google (would appreciate any feedback)
    – it’s still in the works.

    Keep up the good work– and hope you all take care of yourself during the coronavirus scare!

  2. Ariel Brockwell says

    Thanks for sharing your thoughts on meta_keyword. Regards|

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