दुर्गोत्सव की तरह यहां मनाया जाता है बसंत पंचमी का त्योहार…

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रिपोर्ट- अन्नू साहू…

रांची(बुड़मू प्रखंड)- देश में हर एक किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले लोगों के रहन-सहन, परंपरा-संस्कृति के साथ-साथ अनेक प्रकार की विविधताएं देखने को मिलती है। ठीक इसी तरह राजधानी रांची के ठाकुरगांव थाना क्षेत्र में भी बसंत पंचमी के अवसर पर अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा अलग तरह से बसंत पंचमी का त्योहार मनाने की परंपरा रही है।

दुर्गोत्सव में नही बनता भव्य पंडाल, इसलिए बसंत पंचमी में बनाया जाता है विशाल पूजा पंडालः

यहां मां सरस्वती की अराधना छोटे- छोटे पूजा पंडालों में नहीं, बल्कि भव्य और विशाल पूजा पंडालों में की जाती है। यहां दुर्गोंत्सव की तरह बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यहां के लोग बताते हैं की ठाकुरगांव में दुर्गोत्सव के दौरान भव्य पंडाल का निर्माण नहीं किया जाता है, क्योंकि इस गांव में साक्षात मां भवानी शंकर विराजमान हैं, इसलिए बसंत पंचमी में इस गांव में भव्य पंडालों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर भव्य तरीके से मां की अराधना की जाती है।

भव्य पंडाल निर्माण में यहां के किसानों का रहता है अहम योगदानः

ठाकुरगांव, जो कांके विधानसभा अंतर्गत बुड़मू प्रखंड में पड़ता है, इस गांव में बसंत पंचमी के दौरान दुर्गोत्सव सा माहौल रहता है। यहां दर्जन भर से भी अधीक बड़े-बड़े पूजा पंडालों का निर्माण किया जाता है, जिसमें लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं। सप्ताह भर यहां का माहौल दुर्गोत्सव की तरह भक्तिमय बना रहता है। श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल बना रहता है, विशेष कर यहां के छात्र-छात्राओं में। कृषि प्रधान क्षेत्र होने के बावजुद यहां की पूजा में किसानों का भी अहम योगदान रहता है। किसान वर्ग पंडाल निर्माण के लिए दिल खोल कर पुरे श्रद्धा के साथ चंदा देते हैं। यहां कुछ पूजा पंडाल ऐसे भी है, जिसके निर्माण में 5 लाख से भी अधीक की राशी खर्च की गई है।

पश्चिमी विक्षोभ के कारन पंडाल निर्माण में हुई परेशानीः

पूजा समिति के आयोजक बताते हैं कि इस वर्ष पश्चिमी विक्षोभ के कारन काफी वर्षा हुई है, जिसके कारन पूजा पंडाल निर्माण कार्य में काफी परेशानी हुई है, बावजुद इसके लोगों का उत्साह बना हुआ है।

रामनवमी त्योहार की तरह निकाली जाती है भव्य विसर्जन शोभा यात्राः

यहां मां सतस्वती के प्रतिमा विसर्जन के दौरान भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है, जो देखने लायक होता है। इस शोभा यात्रा को देख कर ऐसा प्रतित होता है मानों रामनवमी की शोभा यात्री निकाली गई है। सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शोभा यात्रा में शामिल होकर मां की प्रतिमा विसर्जन करने के लिए जाते हैं। इस तरह कई मायनों में ठाकुरगांव की बसंत पंचमी अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा काफी विशेष होती है।

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