सिर्फ नाम के लिए क्वारंटीन सेन्टर, कांके के राढ़ा और इचापीड़ी पंचायत में प्रवासी मजदूरों को भोजन तक की सुविधा नहीं…
रिपोर्ट- वसीम अकरम…
राँचीः वैश्विक महामारी, के दौर में लाखों की संख्या में झारखंड पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों को 14 दिनों के क्वारंटीन पर रखने के लिए पंचायत स्तर पर सरकारी स्कूल और पंचायत सचिवालयों में क्वारंटीन सेन्टर बनाया गया है। क्वारंटीन सेन्टर बनाने का मुख्य मक्सद कोरोना वायरस के विस्तार को रोकना है। इन सेन्टरों में 14 दिनों तक मजदूरों को रख कर उनकी निगरानी की जाएगी। अगर उनमें कोरोना के लक्षण दिखाए पड़ते हैं तो उन्हें आईसोलेशन पर भेजा जाता है अन्यथा सुरक्षित रहने पर उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी जाएगी।
क्वारंटीन सेन्टर में प्रवासी मजदूरों को हर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को आदेश दिया गया हैः
क्वारंटीन सेन्टर में रखे गए प्रवासी मजदूरों को 14 दिनों तक पूरी सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए सरकार द्वारा गाईडलाईन भी जारी किया गया है। इसके तहत क्वारंटीन सेंटर में बिजली, शुद्ध पेयजल, और शौचालय की व्यवस्था होनी अनिवार्य है इसके अलावा, मजदूरों के सोने के लिए प्रोपर रुप से बेड की सुविधा प्रदान करनी है, साथ ही स्टेट एक्सक्यूटिव कमिटी द्वारा निर्धारित कॉस्ट के अनुसार सभी मजदूरों को पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध करवाना है। क्वॉरंटीन सेंटर के संचालन के लिए कमेटी का भी गठन किया गया है जिसमें नोडल पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया है, क्वारंटीन सेंटर के सभी सुविधा और कार्यों की निगरानी करेंगे।
सरकार द्वारा निर्देशित कोई सुविधा मजदूरों को क्वारंटीन सेन्टरों में उपलब्ध नहीः
मंगलवार को ताजा खबर झारखंड की टीम ने कांके प्रखंड के इचपीड़ी पंचायत और राढ़हा पंचायत में बनाए गए क्वॉरंटीन सेंटरों का दौरा किया, जहां पता चला कि सरकार के आदेश का इन क्वारंटीन सेंटरों में कोई पालन नहीं किया जा रहा है। जब हमारी टीम ने सेंटर में क्वॉरेंटाइन किए गए लोगो से बात की तो पता चला कि यहां पर इन्हें सरकार द्वारा कोई भी सुविधा मुहैया नहीं कराया गया है। बल्कि नाम के लिए स्थापित इन क्वारंटीन सेन्टरों में मजदूरों के परिजन ही हर सुविधा प्रदान कर रहे हैं। सिर्फ इतना ही नही क्वारंटीन सेन्टर में शौचालय नही रहने के कारण मजदूर अहले सुबह खुले में शौच और गांव के सामुदायिक कुवां और तालाब में स्नान करने के लिए विवश हैं, जिसके कारन गांव में भी कोरोना के सामुदायिक संक्रमण का खतरा बढ़ता नजर आ रहा है।
राढ़ा पंचायत के क्वारंटीन सेन्टर में मजदूरों को विस्तर तक मुहैया नही करवाया गया हैः
राढ़ा पंचायत के कर्म घाट गांव में बनाए गए क्वॉरंटीन सेंटर मैं मजदूरों को सोने के लिए बिस्तर तक मुहैया नही करवाया गया है और ना ही भोजन ही उपलब्ध करवाया जा रहा है। जबकि अब इनके क्वारंटीन का समय भी पूरा होने वाला है। मजदूरों ने बताया कि 12 दिनों में अब तक एक बार भी कोई सरकारी कर्मचारी इनकी सुध लेने के लिए नही पहुंचे हैं।
सरकारी गाईडलाईन के अनुशार रेड जॉन से आ रहे मजदूरों का कोरोना जांच अनिवार्य, लेकिन यहां नहीं किया गयाः
सरकार के गाईड लाइन में साफ निर्देश दिया गया है, कि जो भी मजदूर रेड जोन से आ रहे हैं उन लोगों का कोरोना जांच कराना अनिवार्य है, यहां रेड जॉन से पहुंचे मजदूरों का स्क्रीनिंग के अलावा कोई टेस्ट नही हुआ है, जो अधिकारियों के लापरवाही को दर्शाता है।