सीएम हेमंत सोरेन को ईडी का बुलावा, सीएम की बढ़ी परेशानी, झामुमो सड़क से सदन तक करेगा आंदोलन.
रिपोर्ट- बिनोद सोनी..
मुख्य हाईलाईट
15 नवंबर तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का प्रस्तावित कार्यक्रम तय। 11 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र, स्थानीयता विधेयक पारित कराएगी सरकार। अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने भेजा समन। 3 नवंबर को बुलाया गया ईडी कार्यालय। ईडी ने डीजीपी को पत्र लिख कर 3 नवंबर को सुरक्षा का विशेष प्रबंधन करने का अनुरोध किया। इडी की छापेमारी के दौरान पंकज मिश्रा के घर से एक लिफाफा मिला था जिसमें मुख्यमंत्री के बैंक खाते से जुड़ा चेक भुगतान जिसमें दो चेक बुक हस्ताक्षरित पाया गया था। सुबे के कई बड़े अधिकारियों को भी नोटिस देकर ईडी बुला सकती है।
रांचीः राज्य के जनता की समस्याओं के निष्पादन के लिए राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन 2 नवंबर से 15 नवंबर 2022 तक विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत् करेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय ने मुख्यमंत्री के आगामी कार्यक्रमों की सूची जारी की है। मुख्यमंत्री 3 नवंबर को रायपुर में आयोजित आदिवासी नृत्य महोत्सव में उपस्थित होकर आदिवासी परंपराओं को प्रोत्साहित करेंगे। 4 नवंबर से 7 नवंबर तक क्रमशः पलामू, रामगढ़ और जमशेदपुर में आयोजित आपकी योजना-आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में भाग लेंगे। 8 नवंबर को बोकारो के लुगुबुरू घंटाबाड़ी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सरना महासम्मेलन में शामिल होंगे। वहीं 9 नवंबर को पाकुड़ में आयोजित आपकी योजना- आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान दुमका की मसलिया सिंचाई परियोजना का शिलान्यास करेंगे।
10 नवंबर को कैबिनेट की बैठक होगी एवं 11 नवंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेंगे। सरकार का प्रयास होगा कि झारखंड में पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण वृद्धि तथा 1932 अथवा उसके पूर्व के सर्वे खतियान के आधार पर स्थानीयता विधेयक विधानसभा के विशेष सत्र में पारित हो। जबकि, 12 नवंबर को सरायकेला खरसावां में आयोजित आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में भाग लेंगे। 14 नवंबर को स्थापना दिवस समारोह की समीक्षा की जाएगी और 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित रहेंगे।
बुधवार को को झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सह प्रवक्ता, सुप्रियो भट्टाचार्या ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कहा कि, चुनाव आयोग अब स्वयं निर्णय लेने वाली संस्था नहीं रह गई है। राज्यपाल की कार्यशैली पर भी सुप्रियो भट्टाचार्या ने सवाल खड़े किये। सुप्रियों ने कहा कि झामुमो किसी की धमकी से डरने वाला नही है। उन्होंने कहा कि जो साजिश चल रही थी, वह अब सामने आ चुकी है। भाजपा आदिवासी मुख्यमंत्री को पचा नहीं पा रहा है। झारखंड अलग राज्य गठन के बाद सुबे में जितनी भी सरकारें बनी उनमें सबसे अधीक बहुमत हेमन्त सोरेन को मिला है, जो भाजपा के लिए अपच बन गई है। झामुमो अब सड़क से सदन तक नजर आएंगी। अब लड़ाई आरपार की होगी। झामुमो किसी से डरने वाली नहीं है।
सुप्रियों ने आगे कहा कि झामुमो के एक-एक कार्यकर्ता में आक्रोश व्याप्त है। झामुमो अब बड़े आंदोलन की तैयारी में लग चुकी है। अगर मुख्यमंत्री को समन भेजा गया है, तो मुख्यमंत्री विधि सलाहकार से सलाह कर आगे का निर्णय लेंगे।