40 साल पहले सीसीएल ने किया जमीन अधिग्रगण, लेकिन आज तक रैयतों को नौकरी और मुआवजा नहीं दिया गया…

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रिपोर्ट-मुमताज अहमद, खेलारी

खलारीः केडीएच कोल परियोजना खदान से महज 15 कदम की दूरी पर बिहार कोलयरी कामगार यूनियन (सीटू) के जोनल अध्यक्ष, रतिया गंझू के नेतृत्व में जामुनदोहर के रैयतो को नौकरी और मुआवजा देने की मांग को लेकर लगातार 16 वें दिन भी धरने पर बैठे रहें।

जिन रैयतों की जमीन से निकाल जा रहा कोयला उन्हें आज तक नहीं मिला नौकरी और मुआवजाः

जामुनदोहर के रैयत बीते 40 सालों से सीसीएल द्वारा ठगे जा रहे हैं। 40 वर्षों से यहां के रैयतों की जमीन से कोयला सीसीएल द्वारा निकाल लिया गया है। इनके घरों में दरारें पड़ चुकी है, जो कभी भी धंस सकता है। इनके घरों के आसपास जमीन से आस निकल रही है, लेकिन आज तक इन्हें ना ही जमीन का मुआवजा दिया गया और ना ही नौकरी।

16 दिनों से नौकरी और मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं रैयत.
अग्नि प्रभावित क्षेत्र में निवास कर रहे रैयतों के घरों में पड़ी दरार.

सीसीएल के अधिकारी वर्षों से दे रहे हैं झुठा आश्वासनः

जामुन दोहर के रैयत करमा तुरी ने बताया कि धंसते हुए घरों तथा घरो में दरार जैसी घटना पर सीसीएल के अधिकारी कई बार आए हैं, लेकिन झुठा अश्वासन देकर चलते बने हैं। कभी भी यहां के रैयतों की सुध नहीं ली। हम सभी सीसीएल द्वारा ठगे गए हैं।

रैयत भूखमरी के कागार परः

वही रैयत राजू भूईया ने कहा कि सीसीएल पांच वर्षों से सिर्फ घर, नौकरी व मुआवजा देने की बात कहते रही है, लेकिन आज तक किया गया वादा पुरा नहीं किया गया। यहां बाहर से आये लोगों को नौकरी दे दिया गया, लेकिन जिनकी जमीनें ली गई है, वे लोग भुखमरी के कागार पर हैं। हम अपने टूटे हुए घरों में रहने को बेबस है।

बाहरी लोगों को रैयत बना कर दिया गया नौकरी, लेकिन रैयतों को नहींः

वहीं धरना में शामिल रैयत, शकुंती देवी ने बताया कि यहां बाहरी लोग लाभ ले रहे हैं हम रैयतों को सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। बेबस हो कर हम सभी घरने पर बैठे हैं।

जब तक नौकरी और मुआवजा नहीं मिलेगा, धरना जारी रहेगाः

विश्रामपुर के रैयत सह सीटू के जॉनल अध्यक्ष, रतिया गंझू ने अनिश्चितकालीन धरना को लेकर कहा कि विश्रामपुर और तुमांग के रैयतों की जमीन का 1980 में अधिग्रहण कर लिया गया था। लेकिन अब तक यहां के रैयत नौकरी और मुआवजे से वंचिक हैं। इन लोगों को झुठा आश्वासन देकर इनकी जमीन से कोयला निकाला जा रहा है। रतिया गंझू सीसीएल पर सवाल खड़ा करते हुए कहते हैं कि ये कहां का न्याया है? जो जमीन के मालिक हैं उन्हें सीसीएल ने भिखारी बना दिया और बाहर से यहां आये लोगों को नौकरी देकर खुशहाल कर दिया। सीसीएल की दादागिरी अब नहीं चलेगी। ये अनिश्चितकालीन धरना तब तक खत्म नहीं किया जाएगा, जब तक रैयतों को मुआवजा और नौकरी नहीं दिया जाता है।

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