कैबिनेट का फैसला, एनपीएस में 4 प्रतिशत की वृद्धि, किसानों को राहत के लिए Corpus Fund गठन की स्वीकृति….

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

रांची: झारखंड कैबिनेट ने सरकारी कर्मियों के एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) के तहत सरकारी अंशदान की राशि 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 14 प्रतिशत करने का फैसला लिया है। यह फैसला 1 जुलाई 2021 की तिथि से प्रभावी होगा और इससे राज्य के खजाने पर लगभग 342 करोड़ का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। वहीं दूसरी ओर इससे कर्मियों को सेवानिवृत्ति के उपरांत मिलनेवाली राशि में खासी वृद्धि हो जायेगी।

कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य भर में जनजातीय समुदाय के धार्मिक एवं पवित्र स्थलों सरना-मसना-हड़गड़ी स्थलों के सौंदर्यीकरण की योजना को मंजूरी दी गई है, इसके तहत अधिकतम पांच करोड़ तक की योजना ली जा सकेगी। 25 लाख तक की ऐसी योजनाओं का काम लाभुक समितियों के जरिए कराया जायेगा। यदि किसी योजना की लागत 25 लाख से ज्यादा होगी, तो इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया जायेगा।

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मंत्री परिषद् की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयः

1) सेवाकाल में मृत सरकारी सेवक के आश्रित की अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति से संबंधित नीति में संशोधन की स्वीकृति दी गई।

2) झारखंड राज्य के कर्मियों के लिए एन.पी.एस.  अंशदान की राशि में वृद्धि करते हुए मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता के योग का 14% राशि निर्धारित करने की स्वीकृति दी गई।

3) केंद्र प्रायोजित नई योजना “प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (केंद्रांश 60: राज्यांश40) की चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 85 करोड़ 70 लाख 30 हजार रुपए मात्र की लागत एवं केंद्र सरकार द्वारा चालू तथा आगे के वित्तीय वर्षों में वर्षवार निर्गत प्रशासनिक अनुमोदन एवं विमुक्त केंद्रांश के आलोक में बजटीय उपबंध के अनुरूप योजना कार्यान्वयन की घट्नोत्तर स्वीकृति दी गई।

4) वाणिज्य-कर न्यायाधिकरण के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति से संबंधित निर्गत अधिसूचना संख्या-1078 दिनांक 11 मई 2021 पर घट्नोत्तर स्वीकृति दी गई।

5) अनिल कुमार सिंह, वन क्षेत्र पदाधिकारी, पाकुड़ प्रक्षेत्र, पाकुड़ वन प्रमंडल द्वारा सरकारी सेवा में रहते हुए सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यों, नीतियों के विरुद्ध वाद दायर करने तथा विभागीय दायित्वों के निर्वहन में बरती गई अनियमितता/अनुशासनहीनता के आलोक में झारखंड सेवा संहिता के नियम-74 (ख) ( iii ) अंतर्गत अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने की स्वीकृति दी गई।

6)झारखंड राज्य अंतर्गत न्यायालयों/न्यायाधिकरणों हेतु On-line Electronic Filing (e-filing) Rules के गठन के निमित्त इसपर माननीया राज्यपाल महोदया का अनुमोदन प्राप्त करने की स्वीकृति दी गई।

7) कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (सहकारिता प्रभाग) अंतर्गत स्वीकृत झारखंड राज्य फसल राहत योजना के लिए Corpus Fund के गठन की स्वीकृति दी गई।

8) झारखंड राज्य के जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के क्रम में जनजातीय समुदाय के पवित्र स्थल यथा सरना/जाहेरस्थान/हड़गड़ी/मसना हेतु सरना/जाहेरस्थान/हड़गड़ी एवं मसना की घेराबंदी योजना का नाम परिवर्तित कर “सरना/जाहेर स्थान/हड़गड़ी एवं मसना का संरक्षण एवं विकास” करने, प्रस्तावित योजना की रूप-रेखा एवं कार्यान्वयन की प्रक्रिया में संशोधन करने की स्वीकृति दी गई।

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