उमेडंडा में 11 मार्च को हुए घटना का बुड़मू पुलिस ने किया उद्भेदन, धर्म पर राजनीति करने वाले लोगों को तमाचा.

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रिपोर्ट- वसीम अकरम…

धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले संगठन के लोगों को बुड़मू पुलिस का करारा तमाचा।
11 मार्च को उमेदंडा तीन मंदिरों में हुए प्रतिमा क्षतिग्रस्त कांड का किया खुलासा।
आरोपी गंदुरा गंझू गिरफतार।

रांची(बुड़मू प्रखंड)- बीते 11 मार्च को बुढ़मू थाना क्षेत्र अंतर्गत उमेदंडा में तीन मंदिरों में हुए प्रतिमा क्षतिग्रस्त मामले का उद्भेदन बुढ़मू पुलिस ने कर लिया है। घटना के पांच दिनों बाद आरोपी को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता हांसिल हुई।

आरोपी युवक, गंदुरा गंझू मैकलुस्कीगंज थाना क्षेत्र के हरहू गांव का रहने वाला है। पुलिस के समक्ष अपने स्वीकारोक्ति बयान में आरोपी ने अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए घटना को अंजाम देने के बारे में बताया। पुलिस ने पुछताछ के बाद आरोपी गंदुरा गंझू को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है।

मंदिर में पैसे की लालच में आरोपी ने घटना को दिया था अंजामः

आरोपी युवक गंदूरा शुरू से ही असामाजिक प्रवृति का होने के कारण उसके परिजन भी उससे काफी परेशान रहते थे। मंदिरो से पैसे चुराने, पैसा चुनने जैसी आदत उसकी शुरू से ही थी। गांजा व शराब के सेवन के लिए वह मंदिरों में जाकर श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए पैसे चुनता और दान पेटी भी गायब कर दिया करता था। 11मार्च को भी गंदुरा गंझू नशे की हालत में पैसा चुनने के मकसद से उमेदंडा मंदिर पहुंचा था। लेकिन पैसा नही मिलने से अक्रोशित गंदुरा मंदिर में स्थापित प्रतिमाओं को एक-एक करके छत्तिग्रस्त कर डाला। गंदुरा उमेडंडा बड़ा तालाब के पास स्थित तीनों मंदिर में एक-एक कर प्रतिमा को छत्तिग्रस्त कर डाला था।

मूर्ति क्षत्तिग्रस्त होने की सूचना पर क्षेत्र में तनाव उत्पन हो गया था। स्थानीय लोगों ने आठ घंटे तक बुढ़मू-रांची मुख्य पथ को जाम कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की थी। इस मामले को भड़काने के लिए धार्मिक संगठन से जुडे कुछ लोग भी उमेडंडा पहुंचे और इसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया था। लेकिन बुड़मू पुलिस ने इस मामले का उद्भेदन कर ऐसे लोगों को करारा तमाचा जड़ने का काम किया है।

इस घटना से आम जनता को सबक लेते हुए कोशिश ये करनी चाहिए कि किसी के उकसावे में ना आएं। कानून को अपना काम करने के लिए समय दिया जाना चाहिए, ताकि इस घटना की तरह मुजरिम सलाखों के अंदर भेजा जा सके।

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