संदेह के आधार पर हुई थी पलामू के तीन युवा मजदूर की हत्या, बिना रजिस्ट्रेशन और बीमा करवाए दलाल ने भेजा था केरल…
रिपोर्ट- संजय वर्मा…
रांचीः पलामू जिला, पाण्डू प्रखण्ड के तीन युवा मजदूरों की नृशंस हत्या बिते 3 अगस्त को केरल के पालघाट जिला अंतर्गत कोझिकोड में कर दी गई थी। इस नृशंस हत्या की जांच एवं सत्य अन्वेषण करने के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग की टीम पलामू जिला के पाण्डू पहुंची। इस फैक्ट फाइंडिंग टीम में भाकपा(माले) रेड स्टार के राज्य सचिव वशिष्ठ तिवारी, टीयूसीआई के झारखण्ड राज्य प्रभारी सह भाकपा (माले) रेड स्टार के राज्य कमिटी सदस्य अनिल मिस्त्री, अंबिका शर्मा, पाण्डू प्रखण्ड के सचिव श्रीराम पासवान, जन संग्राम मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष यूगल पाल, बहुजन मुक्ति मोर्चा के श्याम नारायन भूईयां और रवि पाल शामिल रहें।
फैक्ट फाइंडिंग टीम द्वारा मारे गये तीनों युवा मजदूरों, नारायण कुमार 25 वर्ष पिता अशोक रविदास, अरविंद कुमार 19 वर्ष पिता जगलाल राम महुगांवा टोला लेवाटांड, और भटवलिया के मारे गये मजदूर कन्हाई विश्वकर्मा उम्र 22 वर्ष पिता श्याम किशोर विश्वकर्मा एवं ग्रामीणो तथा उनके परिजनों से पुछताछ किया और जरूरी जानकारी प्राप्त किया।
शक्-संदेह के आधार पर कर दी गई मजदूरों की हत्याः
जांच टीम को बताया गया कि गुआसरई (पाण्डू) के ठेकेदार अर्जून यादव द्वारा बहला फुसलाकर अवैध तरीके से बाहर मजदूरी करने के लिए भेजा जाता है और संबंधित कंपनी एवं ठेकेदार से अर्जून यादव को मोटा कमीशन मिलता है। ठेकेदार अर्जून यादव, मजदूरों को सरकार के यहां मजदूरों का निबंधन कराने एवं बीमा कराने के वास्ते आधार कार्ड की छायाप्रति भी लेता है। लेकिन मिली जानकारी के अनुसार वह मजदूरों का निबंधन नहीं कराता है और न ही किसी का बीमा कराता है, बल्कि मजदूरों को धोखे में रख कर बाहर काम करने के लिए बिचौलिए संग भेज देता है। इसी तरह की घटना महुगांवा और भटवलिया के इन तीनों मजदूरों के साथ भी किया। इन मजदूरों की हत्या केरल के कोझिकोड में शक्-संदेह के आधार पर कर दी गई।
सरकार की लापरवाही के कारन मजदूर विचौलियों के जाल में फंस रहे हैः फैक्ट फाइंडिंग टीम
फैक्ट फाइंडिंग टीम ने पीड़ित परिवारों के घरों से लौट कर पाण्डू थाना प्रभारी से बात किया और मामले की गम्भीरता को समझते हुए आवश्यक कार्रवाई तत्काल करने को कहा । इस मामले पर टीम के सदस्यों ने कहा कि एक ओर सरकार मजदूरों को स्थानीय स्तर पर निबंधन कराने और रोजगार देने की बात करती है, तो दूसरी ओर मजदूरों को रोजगार विहीन बनाकर भूखों मरने के लिए छोड़ देती है। ऐसी विकट स्थिति में लाचार और बदहाल मजदूर दलाल विचौलियों के जाल में फंस जाते हैं और अपना जान सहित सब कुछ गवां बैठते है, जबकि सरकार और प्रशासन के लोग आंख मूंदे और कान बंद किए बैठे रहते है साथ ही अपने कर्त्तव्य एवं दायित्वों का सही तरीके से पालन नहीं करते है।
फैक्ट फाइंडिंग टीम की सरकार से मांगः
फैक्ट फाइंडिंग टीम सरकार और प्रशासन से मांग करती है कि, इस क्रुर अमानवीय हत्या की घटना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई किया जाए और मजदूरों के आश्रितों को तत्काल सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक मुआवजा प्रदान किया जाए।