मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगे आरोप पर, सुबे के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की तहकीकात…

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

रांचीः भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को दुमका में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 7 दिनों से सोशल मीडिया और मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म में यह खबरें घूम रही थी कि मुंबई की एक मॉडल के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वर्ष 2013 में बलात्कार किया था। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब मैंने इसकी तहकीकात की तो पता चला कि, 21 अक्टूबर 2013 में मुंबई रहने वाली मॉडल ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका दाखिल कर ये आरोप लगाया था कि उसके साथ झारखंड के तात्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुंबई के होटल ताज लैंड्स एंड में 5 सितंबर 2013 को रेप किया था। इस संबंध में उसने आईपीसी  की धाराओं के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सुरेश नागरे के ऊपर मुकदमा दर्ज करने की याचिका दाखिल की थी, लेकिन केस की सुनवाई के ठीक पहले 30 अक्टूबर को उस मॉडल ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में अर्जी डालकर याचिका को वापस लेने की अर्जी दी। अर्जी वापस लेने का आधार यह बनाया गया था, कि उसकी शादी हो रही है और अब वह केस में भाग दौड़ करने में सक्षम नही है।

8 अगस्त 2020 को मामले में आया नया मोड़ः बाबूलाल मरांडी

मरांडी ने कहा कि केस में एक नया मोड़ तब आया जब 8 अगस्त 2020 को गुजरात जाते समय उस मॉडल का कार से एक्सीडेंट हो गया। उसके बाद उसको यह लगने लगा कि 4 लोग उसका हमेशा पीछा कर रहे हैं। यह सारी बातें उसने मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में 8 दिसंबर,2020 को दिए गए अपने आवेदन में कहा है, जिसमें उसने फिर से उस केस को दर्ज करने की गुहार लगाई और अपने लिए सुरक्षा भी मांगी।

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी का संवाददाता सम्मेलन.

एक से अधीक राज्य का मामला, इसलिए जांच के लिए सीबीआई ही सक्षम एजेंसीः बाबूलाल मरांडी

बाबूलाल मरांडी ने सर्वोच्च न्यायालय का हवाला देते हुए कहा कि जघन्य अपराधों में बिना जांच के मामला वापस नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा यह भारत के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब एक सत्तासीन मुख्यमंत्री के ऊपर रेप के आरोप लगे हैं। 2013 में जिस वक्त हेमंत सोरेन पर आरोप लगा था तब भी वह मुख्यमंत्री थें और आज भी वह मुख्यमंत्री हैं। उन पर वर्ष 2013 में लगा रेप का आरोप आज भी यथावत है। इसलिए समय का तकाजा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपने पद से अविलम्ब इस्तीफा देना चाहिए और स्वयं इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा करनी चाहिए। कहा कि यह एक से अधिक राज्य का मामला है, इसलिए जांच के लिए सीबीआई ही सक्षम एजेंसी है।

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