नदी के बालू में चुआं खोद कर प्यास बुझा रहे हैं सैंकड़ों हरिजन परिवार, मामला गिरिडीह के गावां का….

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रिपोर्ट- संतोष तिवारी, गिरिडीह…

रांचीः ज्यों ज्यों गर्मी की तपीश बड़ते जा रही है, त्यों त्यों पीने की पानी के लिए हाहाकार मचना शुरु हो चुका है। संभ्रांत लोग फिर भी पैसे खर्च कर पानी की व्यवस्था कर ले रहे हैं, लेकिन गरीब तबके के लिए प्यास बुझाना काफी मुश्किल हो चुका है। सरकार ने अब तक पीने के पानी के लिए जो भी राशि खर्च की है, वो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। क्योंकि चापाकल गर्मी पड़ते ही सुख चुकी है, कारन चापाकल की बोरिंग सही तरीके से नहीं की गई है। सोलर सिस्टम से पानी आपूर्ति भी दम तोड़ते दिख रही है।

2 किलोमीटर दूर चल कर नदी के बालू में चुंआं से पानी निकालते हैं ग्रामीणः

ये है गिरिडीह जिला का गांवा प्रखंड। इस प्रखंड के कई पंचायत अब भी विकास से कोसो दूर है, या ये कहीं कि विकास की किरण यहां के पिछड़ी जाति के ग्रामीणों के लिए नहीं है। ये लोग सरकार के लिए मात्र एक वोट बैंक बन कर रह गए हैं। गावां प्रखंड के कई पंचायत के ग्रामीण गर्मी शुरु होते ही पीने की पानी के लिए नदी तालाबों पर निर्भर हो जाते है। ज्यों ज्यों गर्मी की तपिश बढ़ती जाती है, पानी के लिए जद्दोजहद शुरु हो जाती है। यहां के लोग कई किलोमीटर की दूरी तय कर नदी के बालू में चुंआं तैयार कर घंटों चुंआं में पानी जमा होने का ईन्तेजार करते है, तब जा कर इनकी प्यास बुझ पाती है।

हरिजन टोला में मात्र दो चापाकल और एक कुंआ, लेकिन तीनों की बेकारः ग्रामीण

गावां प्रखंड स्थित मंझने पंचायत के टिलहवा व हरिजन टोला में मात्र दो सार्वजनिक चापानल है, जो पानी के लेयर नीचे चले जाने के बाद से बेकार पड़ा हुआ है। यहां एक सार्वजनिक कुंआं भी है लेकिन पानी बदबुदार है जिसके कारन लोग कुंवें का पानी पीने के लिए उपयोग नही करते हैं। हरिजन टोला से दो किमी दूर नदी है, जहां प्रत्येक दिन ग्रामीण भरी दोपहरी में जाकर चुआं खोदकर पानी लाते हैं।

जाति देख कर मुखिया चापाकल देते हैः ग्रामीण

इस बाबत स्थानीय मुखिया को ग्रामीणों ने अवगत करवाया, लेकिन मुखिया से सिर्फ आश्वासन ही मिला है। ग्रामीण बताते है कि मुखिया जाति देख कर काम करता है। हमलोग कई बार चापाकल का मांग किएं लेकिन छोटा जात का होने के कारन हमलोगों के टोला में चापाकल नही दिया है, बाकि अपने लोग को चापाकल दिया है।

कनीय अभियंता ने चापाकल मरम्मत करवाने का दिया आश्वासनः

इस मामले से जब कनीय अभियंता, जहेन्द्र भगत को अवगत करवाया गया, तो उन्होंने कहा कि मिस्त्री भेजकर शीघ्र ही चापाकल को ठीक करवाया जाएगा। जबकि हकीकत ये है कि पानी का लेयर काफी नीचे जा चुका है, जिसे ठीक करना मिस्त्री के बस की बात नही है। जरुरत है डीप बोरिंग करवाने की तभी पानी की समस्या का समाधान हो पाएगा।

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