सरकार के उदासीन रवैया के कारण हुई मसमानों के दुगीया उराईन की मौतः गंगोत्री कुजूर

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रिपोर्ट- ताजा खबर झारखंड…

रांचीः रांची जिलान्तर्गत मांडर के मसमानो गांव में रहने वाली दुगीया उराईन की मौत सरकार के उदासीन रवैया के कारण हो गयी। यह बात भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर ने कही।

शनिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशानुसार पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मांडर के मसमानो गांव का दौरा किया, जहां 19 मार्च 2021 को एक आदिवासी गरीब महिला की मौत हो गई थी। मौके पर प्रदेश भाजपा, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि राज्य सरकार का यही हाल रहा, तो मृतक दुगीया उराईन की बहन सलगी उराईन, जो वर्तमान में बीमारी और प्रताड़ना से जूझ रही है, उसकी स्थिति भी दुगीया उराईन की तरह हो जाएगी। मृतिका दुगीया उराईन की 22 वर्षीय बेटे नंदी उराईन के सामने मां की मृत्यू के बाद अपनी बीमार मौसी को सँभालने,  उनका इलाज कराने,  उनको दो वक्त की रोटी खिलाने, खुद के साथ सभी को सुरक्षित रखने की जिम्मेवारी है, लेकिन बदहाली से हुई मां की मौत के बाद उसे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है, वो आज टूट सी गयी है। नंदी ने बिलखते हुई इस पुरे घटनक्रम की जानकारी दी।

कई रात मां, मौसी और बेटी नंदी को भूखे पेट सोना पड़ाः

नंदी के उपर से बचपन में ही बाप का साया उठ गया था।  माँ उस मासूम को लेकर अपने मायके नगड़ा आ गयी, जब तक नाना थे, सब ठीक था, उनके गुजरने के बाद मामा लेले उरांव ने घर से निकल जाने का फरमान जारी कर दिया, और नहीं निकलने पर मारपीट एवं प्रताड़ित किया जाने लगा l जब सहनशक्ति जबाब देने लगी और जान पर आफत आयी दुगीया इंट भट्टे में काम करने के लिए बिहार चली गई। भट्टे से वापस आकर अगल बगल के गांव में रहने लगी। बिगत लगभग 3 वर्षों से मसमानो में रह रही थीं, उनका ना ही आधार कार्ड है, ना ही राशन कार्ड, राशन कार्ड नहीं रहने के कारन उसे चावल भी नही मिलता है। नंदी दूसरों के खेतों में मजदूरी कर गुजारा किया करते थें, लेकिन अकेले नंदी बीमार और लाचार माँ और मौसी को छोड़ कर कंही दूर काम करने भी नहीं जा पायी, ऐसे में उनके घर में खाने कि समस्या खड़ी हो गई, राशन कार्ड नहीं होने के कारण राशन नहीं मिल पाया न ही आयुष्मान कार्ड ही बना। जब भूख ज्यादा हुई तो किसी से मांग लिया, नहीं तो कई बार भूखे भी सोना पडा।

हेमंत सरकार के उदासीन रवैये के कारन हुई दुगीया उराईन की मौतः

देखने और पूछने वाला कोई नहीं, जब इस बात की जानकारी गांव के कुछ बुद्धिजीवीयों को हुई तो वे कुछ खाने का इंतजाम किया और कुछ पत्रकारों को बताया लेकिन इस कोशिश से दुगिया को बचाया नहीं जा सका।  जब समाचार सोशल मीडिया में आया तो स्थानीय अधिकारिओं की नींद खुली अपनी इज्जत बचाने के लिए आनन फानन में मृतका को दफ़नाने और बीमार सलगी को मांडर रेफरल अस्पताल में भर्ती कर अपने  कर्तव्य का इतिश्री कर लियाl आज वो परिवार सबसे ज्यादा जरूरतमंद है, लेकिन न तो राशन कार्ड न आयुष्मान कार्ड और ना ही पेंशन मिलता हैl  हेमंत सरकार का गरीबों के प्रति उदासीन रवैया के कारण दुगीया उराईन की मौत हुई हैl

जांच टीम में शामिल सदस्यः

जांच कमिटी में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती गंगोत्री कुजूर, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती कुजूर, प्रदेश महिला मोर्चा की महामंत्री मंजू लता दुबे,  रामबालक ठाकुर, विष्णु तिवारी शामिल थें।

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