आखिर गलत क्या कहा मंत्री रामेश्वर उरांव ने, क्यों मची है हाय तौबा?

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

राँची: स्थानीय अखबारों में झारखंड के वित्त मंत्री सह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के हवाले से छपी खबर जिसमें, रामेश्वर उरांव ने राजधानी रांची में बिहारीयों व मारवाड़ीयों के आकर बसने के कारण, यहां के आदिवासी कमजोर हुए हैं, आदिवासियों का शोषण हो रहा है…इस ब्यान के बाद झारखंड में राजनीति गर्म हो गई है।

मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने अपने ब्यान को सही ठहरायाः

शनिवार(दिनांक-30 जनवरी 2021) को महात्मा गांधी के पुण्यतिथि पर मोरहाबादी पहुंचे रामेश्वर उरांव ने अपने ब्यान पर सफाई देते हुए कहा कि हां यह सच है, मैं इससे इन्कार नहीं कर रहा हूं कि मैंने ऐसा कहा है। आगे अपने ब्यान पर वित्त मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने विद्यार्थी जीवन में पढ़ा था की इंफाल और रांची दो ऐसे शहर हैं, जहां आदिवासी निवास करते हैं, लेकिन वर्तमान परिस्थिति यह है कि इंफाल में तो आदिवासी अब भी निवास कर रहे हैं, लेकिन रांची में आदिवासियों की संख्या कम होते जा रही है। आगे मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि, मैं खुद अपने आप को बिहारी मानता हूं, क्योंकि मेरा जन्म और शिक्षा-दीक्षा बिहार में ही हुआ है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में सीएनटी एसपीटी एक्ट में संशोधन के बाद बड़े पैमाने पर यहां आदिवासी जमीन की लूट हुई है।

यहां के निवासी कहीं भी निवास और संपत्ति खरीद कर सकते हैंः सी.पी. सिंह, भाजपा विधायक सह पूर्व मंत्री, झारखंड

मंत्री रामेश्वर उरांव के इस ब्यान की कड़ी आलोचना करते हुए भाजपा विधायक सह पूर्व मंत्री, सीपी सिंह ने कहां है कि, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और अटक से लेकर कटक तक भारत एक है। यहां के निवासी कहीं भी निवास और संपत्ति खरीद कर सकते हैं। यह अधिकार संविधान ने उन्हें दिया है साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास में बिहारीयों और मारवाड़ियों का बड़ा योगदान है।

कांग्रेस जोड़ने में विश्वास रखती है तोड़ने में नहींः दीपिका पांडेय, कांग्रेस विधायक

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के ब्यान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की महगामा विधायक दीपिका पांडेय ने कहा कि कांग्रेस जोड़ने में विश्वास रखती है तोड़ने में नहीं। मंत्री सह प्रदेश अध्यक्ष ने कुछ कहा है, तो उसके पीछे भी कोई कारन होगा। मैं उनसे इस बारे में विचार-विमर्श करने के बाद ही स्पष्ट बता सकती हूं।

राज्य के विकास में सभी का योगदान हैः रंजन यादव, प्रदेश अध्यक्ष, युवा राजद

वहीं प्रदेश युवा राजद अध्यक्ष, रंजन यादव ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, किसी भी प्रदेश के विकास में सबों का योगदान होता है। चुंकि आदिवासी यहां के स्थानीय निवासी है, तो उन्हें विकास का फायदा मिलना चाहिए। उन्हें उनके हक् अधिकार से अगर गैरकानूनी तरीके से वंचित किया जाता है, तो ये गलत है।

गलत क्या है?

कूल मिला कर देखें तो रामेश्वर उरांव ने वर्तमान में आदिवासियों की जो स्थिति है, और जिस तरह सीएनटी एक्ट लागू रहने के बावजुद उनकी जमीनें गैर आदिवासियों के कब्जे में जा रही है, आदिवासियों की संख्या रांची जिले में पूर्व की अपेक्षा काफी कम हुई है, तो उनका ये ब्यान कहीं से गलत नही है। मंत्री सीपी सिंह ने सही कहा कि देश के किसी भी कोने में रहने वाला नागरीक देश के किसी भी राज्य में प्रोपर्टी खरीद सकता है, वहां निवास कर सकता है, लेकिन उन्हें ये जानकारी भी होनी चाहिए कि आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों के कब्जे में नहीं जाए, इसके लिए देश में सीएनटी, एसपीटी एक्ट के साथ-साथ और भी कई कानून बने हुए हैं। अगर इस कानून का उल्लंघन कर आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी अपने नाम करवा लेते हैं, तो ये पूरी तरह गैरकानूनी है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                         

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