भारत सरकार ने किसानों के प्रस्ताव को किया स्वीकार, 11 दिसंबर को सभी किसान मोर्चों पर मनाया जाएगा जश्न….

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ब्यूरो रिपोर्ट…

रांचीः पूरे एक साल 14 दिन के लंबे संघर्ष के बाद दिनांक 9 दिसंबर 2021 को भारत सरकार ने किसानों के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इससे संबंधित पत्र भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव ने लंबे समय से आंदोलनरत्त किसानों को जारी कर दी है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि, 11 दिसंबर को देश के सभी किसान मोर्चों पर जीत का जश्न मनाया जाएगा, उसके बाद आंदोलन की वापसी होगी।

सचिव की ओर से जारी पत्र में निम्नलिखित प्रस्ताव प्रेषित हैः

1) एमएसपी पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने स्वयं और बाद में मा. कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है, जिस कमेटी में केन्द्र सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिक सम्मिलित रहेंगे। यह स्पष्ट किया जाता है कि, किसान प्रतिनिधि में एसकेएम के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। कमेटी का एक मैनडेट यह होगा कि देश के किसानों को एमएसपी मिलना किस तरह सुनिश्चित किया जाए। सरकार वार्ता के दौरान पहले ही आश्वासन दे चुकी है कि, देश में एमएसपी पर खरीदी की अभी की स्थिति को जारी रखा जाएगा।

2) जहां तक किसानों को आंदोलन के वक्त के केसों का सवाल है, यूपी, उतराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्णतया सहमति ही है कि, तत्काल प्रभाव से आंदोलन संबंधित सभी केसों को वापस ले लिया जाएगा।

2ए) किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार के संबंधित विभाग और एजेंसियों तथा दिल्ली सहित सभी संघ शासित क्षेत्र में आंदोलनकारियों और समर्थकों पर बनाए गए आंदोलन संबंधित सभी केस भी तत्काल प्रभाव से वापस लेने की सहमति है। भारत सरकार अन्य राज्यों से अपील करेगी कि, इस किसान आंदोलन से संबंधित केसों को अन्य राज्य भी वापस लेने की कार्रवाई करे।

3) जहां तक मुआवजे का सवाल है, इसके लिए भी हरियाणा और यूपी सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। उपर्य़ुक्त दोनों विषयों(क्रमांक2 एवं 3) के संबंध में पंजाब सरकार ने भी सार्वजनिक घोषणा की है।

4)बिजली बिल में किसान पर असर डालने वाले प्रावधानों पर पहले से सभी स्टेक होल्डर्स संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी। मोर्चा से चर्चा होने के बाद ही बिल संसद में पेश किया जाएगा।

5)जहां तक पराली के मुद्दे का सवाल है, भारत सरकार ने जो कानून पारित किया है इसकी धारा 14 एवं 15 में क्रिमिनल लाइबिलिटी से किसानो को मुक्ति दी है।

सचिव, संजय अग्रवाल ने आग्रह किया है कि, उपरोक्त प्रस्ताव से लंबित पांचों मांगों का समाधान हो जाता है। अब किसान आंदोलन को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं रहता है।

      अतः अनुरोध है कि उक्त के आलोक में किसान आंदोलन समाप्त करें।

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