रिपोर्ट- वसीम अकरम…
राँचीः कोविड-19 के दौरान कांके प्रखंड में 15 कोविड वेरिफयरों ने कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर काम किया था। ये लोग वेरिफायर सुबह 8 बजे से रात के 11 बजे तक काम किया करते थें। लेकिन इन्हें अचानक नौकरी से निकाल दिया गया था। इतना ही नहीं 5 माह का वेतन भी इनका रोक दिया गया है। इनकी माने तो 15 कोविड वेरिफयरों का वेतन 11 लाख 25 हजार का भुगतान अब तक रोक कर रखा गया है। इस मामले को लेकर सभी वेरिफायरों ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय का चक्कर लगाते रहें लेकिन इन्हे सही जानकारी नहीं दी जा रही थी।
बिते 20 दिसंबर को खबर का प्रसारण ताजा खबर झारखंड में प्रमुखता से किया गया थाः
पिछले 20 दिसंबर को इस खबर का प्रसारण “ताजा खबर झारखंड” में काफी प्रमुखता से किया गया। खबर के प्रसारण के बाद स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों में हडकंप मची और इन्होंने वेरिफायरों को फोन करना शुरु किया कि जल्द ही आप लोगों के बकाया वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा। लेकिन पदाधिकारी को निश्चित समय नहीं बता रहे थें, कि भुगतान कब होगा?
PMO के PG पोर्टल से भुगतान कर दिये जाने की मिलि जानकारीः
इस मामले पर भुक्तभोगी वेरिफायरों ने पीएमओ के पीजी पोर्टल पर जानकारी मांगी, जिसके बाद इन्हें जानकारी मिलि की वेतन का भुगतान पूर्व में ही कर दिया गया है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि, जिन वेरिफायरों ने काम किया, जिनका पांच-पांच माह का कूल 11 लाख 25 हजार रुपये बकाया है, इस राशि का भुगतान किसे किया गया है। वेरिफायरों ने “ताजा खबर झारखंड” से आशंका जताते हुए बताया कि कहीं ना कहीं हमारे वेतन की राशि का गबन कर लिया गया है। इन्होंने ये भी कहा कि मामला ताजा खबर झारखंड में प्रकाशित होने के बाद पदाधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है कि कहीं जांच ना शुरु हो जाए। इसलिए हमलोगों को फोन कर आश्वासन दिया जा रहा है।
सिर्फ कांके प्रखंड में ही नहीं कोविड-19 के दौरान अन्य प्रखंडों में भी हुआ है करप्शनः विधायक प्रतिनिधि
वेरिफायरों का साथ कांके विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि प्रशांत भूषण दे रहे हैं। इन्होंने बताया कि ये पुरा का पुरा मामला करप्शन का है। ये सिर्फ कांके प्रखंड के वेरिफायरों की बात नही है, बल्कि पुरे झारखंड में कोविड-19 के दौरान एक बड़ा करप्शन हुआ है। इस मामले की कमेटी गठित कर जांच होनी चाहिए। अगर जल्द ही इनका बकाया भुगतान नहीं किया जाता है, तो एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने के साथ-साथ इस मामले को विधायक से कह कर आगामी विधानसभा सत्र में भी उठवाया जाएगा।
कोविड-19 वेरिफायरों के खबर का प्रसारण 20 दिसंबर को किया गया था, जो आप देख सकते हैं…..