फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में चाईबासा अनुमंडल कार्यालय में दिया गया धरना.

0
5

रिपोर्ट- सिद्धार्थ पाड़ेया…

चाईबासाः मंगलवार को वरिष्ठ समाजसेवी फादर स्टेन स्वामी के रिहाई की मांग को लेकर चाईबासा सदर अनुमंडल कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया गया। इस धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता भी शामिल हुएं।

मौके पर समाजिक कार्यकर्ता रमेश जेराई ने कहा कि फादर स्टेन स्वामी का गुनाह सिर्फ़ इतना है कि उन्होंने जल, जंगल, जमीन, गरीब शोषित, आदिवासियों के लिए आवाज उठाई, उन्हें हक अधिकार दिलाने का कार्य किया। आम जन की आवाज़ बने। लेकिन मोदी सरकार को फादर स्टेन स्वामी का ये समाजिक कार्य रास नही आया क्योंकि फादर स्टेन स्वामी मोदी के पूंजीपतियों के खिलाफ डट कर खड़े थें।

वहीं मौके पर मौजुद मानकी तुबिद ने कहा कि सरकार हक् अधिकारों की बात करने वाले लोगों को हमेशा के लिए खामोश कर देना चाहती है। जो कोई भी विकास के नाम पर हो रहे विनाश को रोकने की बात करता है, उसकी आवाज को कानून का दुरुपयोग करते हुए बंद कर दिया जा रहा है। ताजा मामला ईचा-खरखाई बांध के नायक गंगाराम कलुंडिया, जिसने देश की सेवा की तो मैडल मिला और अपनी धरती माँ की रक्षा के लिए आगे आए तो गोलियों से भून दिया गया। अन्याय के विरूद्ध कोई भी व्यक्ति आवाज उठाता है, तो नक्सली या देशद्रोही करार दिया जाता है। फादर स्टेन स्वामी को भी इसी तरह साजिश का शिकार बनाया गया है।

धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते समाजिक कार्यकर्ता सिद्धार्थ पाड़ेया

समाजिक कार्यकर्ता सिध्दार्थ पाड़ेया ने कहा कि आदिवासी अधिकारों, महिलाओं के अधिकारों, दलित अधिकारों के लिए जीवन समर्पित करने वाले 83 वर्षीय समाजिक कार्यकर्ता को कोरोना के विकट स्थिति में पूछताछ के बहाने गिरफ्तार कर जेल ले जाना आमानवीय कार्य है। जो मोदी सरकार ने किया है। मोदी सरकार स्वयं कानून का उल्लंघन कर रही है।

मौके पर सुश्री कीता सिंकू और अम्बिका दास ने कहा कि जिस इंसान ने चाईबासा जैसे पिछड़े जिले में आकर यहाँ के आदिवासियों के हक अधिकारों की बात उनके उत्थान के लिए कार्य किया, उन्हें मोदी सरकार ने नक्सली, आतंकी करार दिया। जो पूरी तरह गलत है। उनके खिलाफ एक बड़ी साजिश रची गई है, ताकि झारखंड में जल जंगल और जमीन की लूट होते रहे और उस लूट को रोकने वाला कोई ना हो।

धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में अधिवक्ता सुकांती हेम्ब्रम, मिली बिरूवा, अनुप डुंगडुंग, उलसी जी समेत कई लोगों ने अपना वक्तव्य दिया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.