भाभी सीता सोरेन ने देवर हेमंत सोरेन की कार्यशैली पर खड़े किए सवाल…

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

झारखंड में अफसरशाही हावी, भ्रष्टाचार चरम पर।

जनप्रतिनिधियों की भी बात नही मानते अधिकारी और थानेदार।

चुनाव के पूर्व किया गया वादा सरकार ने पुरा नहीं किया।

झामुमो जनप्रतिनिधियों को झेलना पड़ रहा है जनता का आक्रोश।

दुर्गा सोरेन सेना झामुमो से अलग नहीं।

बेटियों ने दादा जी और स्व. पिता के सपनों को साकार करने के लिए किया है डीएसएस का गठन।

झामुमो को मिलेगा डीएसएस से लाभ।

राँची : झामुमो विधायक सीता सोरेन ने कहा है कि, झारखंड सरकार ने जनता से जो वादा चुनाव से पूर्व किया था, उसे अब तक पुरा नही कर पायी है, जिसके कारन झामुमो के जनप्रतिनिधियों को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।

सीता सोरेन ने झामुमो के समर्पित कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित करने पर भी सवाल खड़े किए। सीता सोरेन ने कहा कि, मुख्यमंत्री जो कहते हैं उसपर अडिग नहीं रहते हैं। जेपीएससी पीटी परीक्षा परिणाम को रद्द करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि, सरकार सब कुछ जानते हुए भी अनजान बन रही है।

वहीं “दुर्गा सोरेन सेना” के विस्तार को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि, डीएसएस के कामकाज को उनकी बेटियां देखती हैं। लिहाजा संगठन से संबंधित सवाल उन्हीं से पूछा जाना चाहिए। डीएसएस का गठन दोनों बेटियों ने अपने दादा जी और पिता के सपनों को साकार करने के लिए किया है। 20 वर्षों बाद भी झारखंड पिछड़े राज्यों की श्रेणी में है. जबकि विकासशील राज्य बनाने के लिए 20 वर्षों का समय काफी होता है।  

जानकारी देते चलें कि दुर्गा सोरेन सेना की प्रथम केंद्रीय कमेटी की बैठक में एक तरफ सेना की केंद्रीय अध्यक्ष जय श्री सोरेन मीडिया को संबोधित कर रही थीं, तो दूसरी तरफ उनकी मां सीता सोरेन पत्रकारों से बात कर रही थीं। गौरतलब है कि, विधायक सीता सोरेन शिबू सोरेन की बड़ी बहू है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं।

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