रिपोर्ट- राजू पाल, पलामू…
पलामूः पाण्डु थाना क्षेत्र स्थित बरवाही गांव के धजवा पहाड़ पर बीते एक माह से चल रहे भू-रैयत और ग्रामीणों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास पांडू थाना प्रभारी द्वारा किया गया। घटना के दौरान अवैध रुप से पत्थर खनन कार्य में लगे कंपनी के कुछ दलाल भी पुलिस की टीम में शामिल थें।
घटना के बारे में बताया जा रहा है कि, शनिवार की शाम को पांडू थाना प्रभारी अपने पुलिस बल एवं कंपनी के कुछ लोगों के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और जमकर उत्पात मचाया। पुलिस ने धरना स्थल पर लगे टेंट और सामानों को तहत नहस कर दिया। टेंट में रखे खाने का सामान, वर्तन और बुजुर्गों के गर्म कपड़ों को भी उठा कर फेंक दिया इतना ही नहीं बुजूर्गों के साथ मारपीट और गाली गलौज भी किया, जैसा की भुक्तभोगी बुजूर्गों ने बताया। पुलिस और कंपनी के लोगों का मन इस तरह की कार्रवाई करके भी जब नही भरा तो उन्होंने धरना स्थल पर लगे लाइट्स, लाउडस्पीकर और कंबल भी ले कर चले गएं। धजवा पहाड़ पर घटना को अंजाम देने के बाद थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस की टीम आंदोलनकारी राजू पाल के घर पहुंचे और उसे घर से ही उठा कर पांडू थाना ले गई।
पांडू पुलिस की इस बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की जानकारी कुटमु पंचायत के लोगों को हुई तो सभी अहले सुबह धजवा पहाड पहुंचे। पुलिस की इस कार्रवाई से ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पांडू थाना प्रभारी पुरी तरह से अवैध खनन कर रहे कंपनी के ईशारे पर काम कर रही है। कंपनी के कहने पर ही पुलिस ने इस घटना को अंजाम दिया है और पुलिस के साथ कंपनी के लोगों का होना इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि कंपनी के ईशारे पर पुलिस काम कर रही है।
धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति ने पहले ही घोषणा किया था कि आज 19 दिसंबर कि सुबह से ही आंदोलन को एक नया रूप देते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल आंदोलनकारियों द्वारा शुरु किया जाएगा, जिसकी शुरुआत शनिवार की सुबह से ही हो चुकी है।
पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के बावजुद आंदोलनकारी लोकतांत्रिक अधिकारों का उपयोग करते हुए खनन माफिया और भ्रष्टाचार में आकंठ डुबे अधिकारियों के खिलाफ शनिवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरु कर चुके हैं। इस भूख हड़ताल कार्यक्रम को क्रमबद्ध तरीके से चलाया जा रहा है। हर दिन 20 ग्रामीण बारी बारी से अनशन पर बैठ रहे हैं। अवैध पत्थर खनन के खिलाफ शुरु हुए इस आंदोलन में धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति के अलावे सहयोगी संगठन के रूप में जन संग्राम मोर्चा, जन क्रांति मंच, सीपीआई-एमएल रेड स्टार, भाकपा माले, मूलनिवासी संघ, फूलन देवी विचार मंच, जैसे और भी कई संगठन शामिल हैं।