विश्व आदिवासी दिवस पर समाजसेवी सह कांग्रेस नेता नीरज भोक्ता ने किया वृक्षारोपण और कोरोना से बचाव के लिए दवा का वितरण…

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रिपोर्ट- वसीम अकरम…

रांचीः विश्व आदिवासी दिवस, पूरे देश भर में आदिवासी अपनी परंपरा और संस्कृति के अनुशार मना रहे हैं। हलांकि कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष हर जगह सोशल डिस्टेन्सिग का ख्याल रखते हुए छोटे पैमानें पर आयोजन किया गया। इसी कड़ी में राजधानी रांची के शहरी क्षेत्रों के अलावे ग्रामीण क्षेत्रों में भी लाल पाढ़ की साड़ी पहन कर मांदर की थाप पर महिला और पुरुष थिरकते नजर आएं। रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता सह सामाजिक कार्यकर्ता नीरज भोक्ता ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया साथ ही ग्रामीणों के बीच कोरोना से बचाव के लिए निःशुल्क दवा का वितरण भी किया।

शिक्षा के स्तर क सुधारना और पर्यावरण को स्वच्छ रखना मेरी प्राथमिकताः नीरज भोक्ता

मौके पर समाजसेवी नीरज भोक्ता ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को पूरे देश भर में आदिवासी दिवस मनाया जाता है, लेकिन आज भी आदिवासियों को उनका हक और अधिकार नहीं मिला है। आदिवासी समाज आज भी काफी पिछड़े हुए हैं। हम सभी का दायित्व है कि समाज को आगे लाने के लिए एकजुटता के साथ आगे बढ़ें और प्रकृति को बचाने के साथ साथ शिक्षा का भी अलख जगाएं। मैं अपने स्तर से हर संभव प्रयास कर रहा हूं। नीरज भोक्ता ने ये भी कहा कि, जिस तरीके से आदिवासियों की पहचान लुप्त होते जा रही है, ये हम सभी के लिए सोचनीय विषय है। इस पर सरकार को भी ध्यान देने की जरूरत है।

सभी सरकारों ने अब तक आदिवासियों को छलने का काम किया हैः फ्रांसिस लिंडा

वहीं क्षेत्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फ्रांसिस लिंडा ने कहा कि विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा लंबे समय से सरना धर्म कोड की मांग की जा रही है, ताकि आदिवासियों को एक अलग पहचान मिल सके, लेकिन हर सरकार ने अब तक आदिवासियों को सिर्फ ठगने का ही काम किया है। लेकिन इस बार उम्मीद है की 2021 में होने वाले जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कॉलम रहेगा ताकि आदिवासियों को उनका हक और अधिकार मिल सके। अगर इस बार भी धर्म कोड़ का कॉलम नही डाला गया तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा।

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