Categories
Latest News

शमसान और सामुदायिक भूमि के फर्जी बंदोबस्ती रद्द करने की मांग पर, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्गत आदेश पर भी अधिकारी नही कर रहे हैं कार्रवाई, सीएनटी एक्ट का लगातार किया जा रहा हैं उल्लंघन, मुख्यमंत्री मौन……

10

रिपोर्ट- संजय वर्मा

रांचीः इन दिनों राज्य के लगभग हर जिले में ये देखा जा रहा है कि, गैरमजरुआ भूमि, रैयती भूमि, के साथ साथ कमजोर तबके के लोगों की भूमि पर अवैध कब्जा काफी तेजी से जारी है। ये कार्य सरकारी कर्मी और भू-माफियाओं के गठजोड़ से हो रहा है। सरकारी रिकॉर्ड रुम में रखे रजिस्टर से छेड़छाड़, रजिस्टर से पेज का फाड़ा जाना इस बात का प्रमाण है कि, जमीन लूट के इस गोरखधंधे में सरकारी कर्मियों की संलिप्तता जमीन दलालों के साथ है। सरकारी कर्मी अपनी उपरी कमाई के लिए गैर संवैधानिक कार्यों में संलिप्त हैं।

ताजा मामला है पलामू जिला, पांकी प्रखंड अंतर्गत पुरुषोत्मपुर मौजा का। इस मौजा के खतियानी जमीन जिसका खाता नम्बर-146 प्लॉट नम्बर-1882,1253, कूल रकबा 15 एकड़ दर्ज है, जो खतियान में शमसान दर्ज है। इस जमीन में आदिवासियों का शमसान स्थल, सरना स्थल, हड़गड़ी स्थल और गांव का एक मात्र खेल का मैदान है।

इस 15 एकड़ जमीन में से 4 एकड़ जमीन, पुरुषोत्तमपुर गांव में ही रहने वाले संभ्रात परिवार जिनके पास पूर्व से ही रैयती जमीन मौजुद है, उसने अपने नाम से बंदोबस्त करवा लिया है। अंचल कार्यालय से साठगांठ कर बंदोबस्त करवाने वालों में मालती देवी पति कैलाश महतो, रजमनियां देवी पति सुरेश महतो, पारो देवी पति नरेश महतो, शामिल हैं।

वहीं इसी पुरुषोत्तमपुर मौजा के खाता नम्बर-180, प्लॉट नम्बर 1485, कूल रकबा 10 एकड़ 90 डिसमील जमीन, खतियान में गैरमजरुआ मालिक, जंगल-झांड दर्ज है, जो गांव का सामुदायिक जमीन है। यह जमीन अपने पुरखों के समय से ही गांव वाले सामुदायिक रुप से चारागाह के रुप में उपयोग कर रहे हैं। इस 10 एकड़ 90 डिसमील सामुदायिक जमीन में से भी 4 एकड़ 85 डिसमील जमीन अंचल कर्मियों से मिलीभगत कर गांव के ही कैलाश महतो पिता-भाखर महतो, सुरेश महतो पिता- पति महतो, दिनेश महतो पिता-पति महतो ने अपने नाम से बंदोबस्त करवाया लिया है।

फर्जी तरीके से बंदोबस्त करवाने वाले सभी व्यक्ति एक परिवार के सदस्यः 

ज्ञात हो कि खाता नम्बर-146 और खाता नम्बर-180, दोनों से कूल 8.85 एकड़ जमीन फर्जी तरीके से बंदोवस्त करवाया गया है। ये गैरकानूनी काम कराने वाले सभी व्यक्ति एक ही परिवार के सदस्य हैं। धनबल, पावर और पहुंच का उपयोग करते हुए अंचल कर्मियों से मिलि भगत कर ये फर्जी काम करवाया गया है। सामुदायिक जमीन बंदोबस्त कराने से पूर्व ग्रामसभा से अनुमति भी नही लिया गया है।

1987-88 के बीच किया गया है बंदोबस्तीः

उपरोक्त दोनों की खाता के कूल 8.85 एकड़ जमीन पर आज भी गांव वालों का सामुदायिक कब्जा है। लगभग 34 वर्षों के बाद भी इस जमीन पर अब तक आरोपी महतो परिवार द्वारा कोई कब्जा नही किया गया है। खाता नम्बर-146 प्लॉट नम्बर-1882,1253, कूल रकबा 15 एकड़ दर्ज है, जो खतियान में शमसान दर्ज है। इस जमीन का उपयोग वर्तमान में भी समुदायिक रुप से गांव वाले कर रहे हैं। यहां स्थित मसना में आदिवासियों का शव दफनाया जा रहा है। सरना, मसना और हड़गड़ी स्थल का उपयोग आदिवासी समुदाय के लोग ही कर रहे हैं। और खाता नम्बर- 180 के कूल 10 एकड़ 90 डिसमील जमीन का उपयोग गांव वाले सामुहिक रुप से वर्तमान में भी चारागाह के रुप में कर रहे है।

मनरेगा योजना से खेल का मैदान समतलिकरण करवाने के दौरान अवैध बंदोबस्ती की जानकारी ग्रामीणों को मिलिः

कुछ माह पूर्व तक गांव वालों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि, उपरोक्त जमीन की बंदोबस्ती कुछ लोगों ने अपने नाम से करवा लिया है। मनरेगा योजना से जब खेल के मैदान का समतलीकरण करवाया जा रहा था, तभी आरोपियों ने मैदान समतलीकरण का विरोध किया और उनके नाम से बंदोबस्त किए जाने का कागजात दिखाया, जिसके बाद गांव वालों को मामले की जानकारी हुई।

इसी मैदान में दौड़ लगा कर गांव के 22 जवान सेना में जाकर कर रहे हैं देश की रक्षाः

गांव वाले बताते हैं कि पुरुषोत्तमपुर मौजा का यह एकमात्र खेल का मैदान है। इस मैदान में दौड़ लगा कर गांव के 22 लड़कों ने सेना में योगदान दिया है और देश की रक्षा कर रहे हैं। सेना में जाकर देश की रक्षा करने वाले ये 22 लड़के सिर्फ आदिवासी समुदाय के नही है, बल्कि अन्य समुदाय के लोगों के भी हैं। गांव के सभी समुदाय के लोगों का कोई भी कार्यक्रम हो, इसी मैदान में आयोजित किया जाता है।

जिले के उपायुक्त समेत सभी संबंधित अधिकारियों को बंदोबस्ती रद्द करने की मांग को लेकर सौंपा गया था आवेदनः  

पुरुषोत्तमपुर के ग्रामीणों को जब इस बात की जानकारी मिली कि उपरोक्त दोनों ही खाता से कूल 8.85 एकड़ जमीन का षडयंत्र कर पैसे के बल पर अवैध बंदोबस्ती करवा लिया गया है, तब ग्रामीणों ने स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ जिले के उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी और अंचल पदाधिकारी को बंदोबस्ती रद्द करने की मांग को लेकर पत्र सौंपा था, लेकिन महिनों बीत जाने के बाद भी इस मामले में अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नही की, जिससे क्षेत्र की जनता में आक्रोश व्याप्त है।

आदिवासी कल्याण मिशन आश्रम के केन्द्रीय अध्यक्ष, सीताराम भगत ने मामले में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ साथ सुबे के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को लिखा पत्रः    

पुरुषोत्तमपुर के सरना, मसना, हड़गड़ी स्थल खेल का मैदान और चारागाह की जमीन फर्जी तरीके से बंदोबस्त करवा लेने का मामला ग्रामीणों के माध्यम से आदिवासी कल्याण मिशन आश्रम के केन्द्रीय अध्यक्ष. सीताराम भगत के पास पहुंचा, जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सीताराम भगत ने इस मामले में उचित कार्रवाई के लिए 23 अप्रैल 2022 को भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यलय के साथ साथ सुबे के मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर इस मामले में न्यायोचित कदम उठाए जान के लिए निवेदन किया। दिनांक 13 मई 2022 को राष्ट्रपति कार्यालय से झारखंड के मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया कि, इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है, इससे याचिकाकर्ता, सीताराम भगत को सीधे तौर पर संपर्क कर जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। लेकिन वर्तमान समय तक भी जिले के उपायुक्त द्वारा याचिकाकर्ता, सीताराम भगत को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाया गया है।

कल्याण विभाग ने उक्त खाता नम्बर के प्लॉट पर स्थित मसना और सरना स्थल का करवाया है घेराबंदीः

खतियान में शमसान दर्ज जमीन की गैरकानूनी तरीके से सन् 1987-88 में बंदोबस्ती उस महतो परिवार के सदस्यों के नाम कर दी गई, जिसके पास पूर्व से ही काफी जमीन है और गांव के संभ्रांत परिवारों में इनकी गिनती होती है। दूसरा मामला ये कि 1987-88 में महतो परिवार के नाम बंदोबस्ती होने के बाद भी सन् 1918 में इसी जमीन पर स्थित आदिवासियों के मसना और सरना स्थल की घेराबंदी कल्याण विभाग की ओर से करवाया गया है। ऐसे में कल्याण विभाग पर भी सवाल खड़ा होता है, कि जब उक्त भूमि की बंदोबस्ती गैर आदिवासी के नाम कर दी गई है, तो किस बुनियाद पर विभाग द्वारा सरना और मसना स्थल की घेराबंदी करवाई गई है?

पलामू उपायुक्त, शशि रंजन का पक्षः

सवालः महोदय आपके जिले के पांकी अंचल स्थित, पुरुषोत्तमपुर मौजा में खतियान में शमसान भूमि दर्ज खाता नम्बर-146 के कूल 15 एकड़ भूमि में से 4 एकड़ भूमि गैर-आदिवासी व्यक्ति के नाम बंदोबस्त किया गया है। और खाता नम्बर-180 का कूल रकबा 10.90 एकड़ में से 4.85 एकड़ जमीन भी गैर-आदिवासी के नाम से बंदोबस्त किया गया है। ये जमीन पुरुषोत्तमपुर मौजा के ग्रामीणों का सामुदायिक जमीन है। इस मामले को लेकर आपको दिनांक 27 जनवरी 2022 में गांव वालों ने बंदोबस्त रद्द करने की मांग को लेकर मांग पत्र सौंपा था, इस पर क्या कार्रवाई हो रही है?

उपायुक्त का जवाबः अगर उन्होंने आवेदन दिया है, तो कार्रवाई हो रही होगी, फिलहाल मुझे याद नही है।

सवालः गांव वालों का कहना है कि, हमारे आवेदन पर अब तक कोई कार्रवाई नही हुई है, गांव वाले काफी आक्रोशित हैं।

उपायुक्त का जवाबः ठीक है मैं फोलो कर लेता हूं।

पांकी अंचल के अंचलाधिकारी, निर्भय कुमार का पक्षः

सवालः महोदय आपके अंचल में स्थित पुरुषोत्तमपुर मौजा के ग्रामीणों ने खतिया में दर्ज शमसान भूमि और सामुदायिक भूमि का बंदोबस्ती रद्द करने की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों द्वारा आवेदन सौंपा गया था, इस पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है?

जवाबः मुझे इस बात की कोई जानकारी नही है, मुझे आवेदन नही मिला है।

सवालः ये आवेदन आपके कार्यालय में 24 जुलाई 2021 में दिया गया था, जिसका रिसिविंग है मेरे पास।

जवाबः मुझे आवेदन पत्र नही मिला है, इसलिए मुझे जानकारी नही है।

कूल मिला कर ये मामला वर्तमान में भी ठंडे बस्ते में है। जिले के उपायुक्त ने कहा कि मुझे याद नही है। अगर आवेदन दिया है, तो कार्रवाई हो रही होगी। वहीं अंचलाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि, उन्हें भी इस मामले की कोई जानकारी नहीं है, तो कार्रवाई कैसे करुं। दोनों ही अधिकारियों के जवाब से स्पष्ट हो चुका है कि, हाईलेबल से भी जांच का फरमान जारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नही हो रही है। ऐसे में गैरकानूनी कार्य में संलिप्त लोगों के खिलाफ अपने हक्-अधिकार की रक्षा के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन का रुख अख्तियार करना ही एकमात्र रास्ता बचता है। तभी हम अपने संसाधनों की रक्षा कर पाने में सक्षम होंगे।    

By taazakhabar

"TAAZA KHABAR JHARKHAND" is the latest news cum entertainment website to be extracted from Jharkhand, Ranchi. which keeps the news of all the districts of Jharkhand. Our website gives priority to news related to public issues.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *