29 अगस्त को अर्धनग्न कर भीड़ ने महिला को पीटा, लेकिन 14 सितंबर तक मामला दर्ज नहीं किया गया, घटना कोलेबिरा थाना क्षेत्र की….

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रिपोर्ट- संजय वर्मा

सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना क्षेत्र स्थित टयशरा गांव में आदिवासी महिला लाली मिंज को अर्द्धनग्न कर पीटते हुए घुमाया गया।
घटना 29 अगस्त को हुई है, लेकिन 14 सितंबर तक थाने में केस दर्ज नहीं किया गया है।
8 सितंबर को पीड़िता द्वारा डीजीपी को स्पीड पोस्ट कर आवेदन देने के बाद 13 सितंबर को एसटीएससी थाना प्रभारी पहुंचे पीड़िता के घर, लेकिन 14 सितंबर तक केस दर्ज नहीं किया गया।
पीड़िता, रैयत नारायण सिंह से लिज पर जमीन लेकर खेती करती है और पंचम प्रसाद पीड़िता को उस जमीन से खदेड़ना चाहता है।
आरोपी पंचम सिंह पीड़िता, लाली मिंज का सिंचाई पंप और खेत में घेराबंदी के लिये लगाया गया तार उखाड़ कर पूर्व में ही ले जा चुका है।
रांचीः घटना 29 अगस्त 2023 की सिमडेगा जिला, कोलेबिरा थाना क्षेत्र के टयशरा गांव की है, जहां भीड़ ने एक आदिवासी महिला, लाली मिंज को बीच सड़क जम कर पीटा, फिर उसके कपड़े फाड़ कर अर्धनग्न करते हुए आधा किलोमीटर दूर उसके घर तक ले गया। यहां पहुंच कर भीड़ ने लाली मिंज के बेटी के साथ भी इसी तरह की हरकत करने की कोशिश की, लेकिन लाली मिंज ने किसी तरह अपने आप को भीड़ से बचाते हुए घर के अंदर जा कर अंदर से दरवाजा बंद कर अपने आप को बचाया।
कोलेबिरा थाना प्रभारी ने दर्ज नहीं किया मामला, सुलह करने के लिए कहाः पीड़िता
घटना की सूचना मिलने के बाद कोलेबिरा थाना, पीड़िता लाली मिंज के घर पहुंची और उसे थाना ले गई। महिला ने मुख्य आरोपी, पंचम प्रसाद और अन्य के खिलाफ थाना में मामला दर्ज करने के लिए आवेदन दिया, लेकिन थाना प्रभारी ने आरोपी पंचम प्रसाद से सुलह करने की बात कह कर मामला दर्ज नहीं किया। थाना प्रभारी ने पीड़िता से कहा कि, तुम गरीब हो केस नहीं लड़ सकती हो।
आखिर क्यों कोलेबिरा थाना प्रभारी ने समझौता करने के लिए कहा, ये जांच का विषयः
यहां एक महिला को बीच सड़क अर्धनग्न कर पीटा गया, उसकी गरीमा को ठेस पहुंचाया गया, जो एक क्रिमिनल केस के दायरे में आता है, बावजुद इसके थाना प्रभारी ने इस मामले को गंभीरता से ना लेते हुए, क्यों सुलह करने की बात कही ये जांच का विषय है।
भीड़ को पंचम प्रसाद जमीन देने का लालच दे कर उकसा रहा थाः लाली मिंज, पीड़िता
घटना की जानकारी देते हुए पीड़िता लाली मिंज ने बताया कि पंचम प्रसाद, राजेश प्रसाद, अनूप प्रसाद और निरंजन सिंह, बार-बार महिलाओं को मुझे मारने के लिए उकसाते रहें। पंचम प्रसाद भीड़ में मौजुद लोगों को ये कह रहा था कि, इसका मोबाईल फोन छिन लो, इसका कपड़ा फाड़ो और जहां-जहां घुमाना है घुमाओ। सभी को 10-10 डिसमील जमीन दे लिख देंगे। यहां महिलाओं ने मेरा पुरा सामान और मोबाईल फोन लूट लिया। मेरे सलवार सूट को आगे और पीछे से खिंच-खिंच कर फाड़ दिया और मुझे अर्धनग्न कर बहुत पीटा, फिर घसीटते हुए मेरे घर तक ले जाया गया। घर के पास पहुंच कर मुझे पीट रही लक्ष्मी देवी और गीता देवी ने कहा कि, इसकी बेटी को भी खिंच कर निकालों और उसको भी मारो।
सिमडेगा एसपी को भी आवेदन देने पर नहीं हुई कोई कार्रवाईः
पीड़िता, लाली मिंज ने आगे बताया कि थाना प्रभारी ने जब मेरा केस दर्ज नहीं किया, तो दूसरे दिन मैं एसपी ऑफिस जाकर एसपी को भी आवेदन दी, लेकिन अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया गया है। इसके बाद मैं एस.टी.एस.सी. थाना भी गई लेकिन वहां भी केस दर्ज नहीं किया गया।
पंचम प्रसाद नारायण सिंह की जमीन हड़पना चाहता है, इसलिए मुझे प्रताड़ित कर रहा हैः लाली मिंज, पीड़िता
लाली मिंज ने घटना के पीछे का कारन बताते हुए बताया कि पंचम प्रसाद मुझे काफी दिनों से परेशान कर रहा है। जिस जमीन पर मैं खेती कर अपने परिवार का जिविकोपार्जन करती हूं, वह जमीन मैंने लीज पर जमीन के रैयत, नारायण सिंह से 2017 से लेकर 2025 तक के लिए लिज पर लिया है। जिसका एग्रीमेंट पेपर भी मेरे पास मौजुद है। मुझे उस जमीन से हटाने के लिए पंचम प्रसाद ने मेरे खेत में तार से किया गया घेराबंदी को उखाड़ दिया और सिंचाई के लिए खेत में रखा गया मोटर पंप भी अपने साथ ले गया। जब मैं इस मामले को लेकर थाना गई, तो मुझसे ये कहा गया कि सब सामान जो पंचम ले गया है तुम्हारे घर पहुंचा देगा, लेकिन आज तक मुझे नहीं लौटाया गया है।
रैयत नारायण सिंह ने लाली मिंज को 7 एकड़ जमीन लिज पर दिया है, उसकी एग्रीमेंट कॉपी.
लाली मिंज को लिज पर जमीन मैंने दिया हैः नारायण सिंह, जमीन मालिक
जमीन मालिक नारायण सिंह ने भी पीड़िता, लाली मिंज की बात का समर्थन करते हुए कहा कि, ये जमीन हमारी है मैंने ही लाली मिंज को लिज पर दिया है, जिसका खाता नम्बर 35 प्लॉट नम्बर 1254 और 1255 है। कूल रकबा 7 एकड़ 32 डिसमील जमीन है। मैं जाति से भोक्ता आदिवासी हूं और ये जमीन 1932 का खतियानी जमीन है। पंकज प्रसाद फर्जी कागजात बना कर इस जमीन पर दावा कर रहा है, जो गलत है। ये जमीन हमलोगों ने बेचा ही नहीं है। पंकज प्रसाद ने मेरे जमीन में से 10 डिसमील जमीन अपना बता कर एक आदिवासी परिवार को ही बेच दिया है, जिसमें वे लोग घर बना कर रह रहे हैं। ये मामला सी.ओ. के पास भी पहुंचा है। चुंकि लाली मिंज को मैंने अपना जमीन लिज पर दिया है, इसलिए इसे यहां से भगाने के लिए पंचम प्रसाद बार-बार परेशान कर रहा है।
8 सितंबर को राज्य पुलिस के मुखिया, अजय कुमार सिंह को आवेदन देने के बाद एससी/एसटी थाना की पुलिस पहुंची पीड़िता के घरः   
घटना के 15 दिनों बाद भी आरोपियों के खिलाफ पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई ना होता देख बीते 8 सितंबर को लाली मिंज ने झारखंड के डीजीपी, अजय कुमार सिंह को स्पीड पोस्ट कर आवेदन दिया और न्याय की गुहार लगाई। वहीं खूंटी के सांसद सह जनजातिय मामलों के मंत्री, अर्जुन मुंडा को वाट्स एप्प कर घटना की जानकारी दी, जिसके बाद 13 सितंबर को एससी/एसटी थाना के प्रभारी, रंजन रवि पीड़िता, लाली मिंज के घर पहुंचे और बयान दर्ज किया। पीड़िता लाली मिंज ने बयान के संबंध में बताया कि, बयान दर्ज करने के लिए एसटीएससी थाना के थाना प्रभारी, रंजन रवि अकेले पहुंचे थें। उनके साथ कोई महिला पुलिस नहीं थी।
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घटना के 14 दिनों बाद तक आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गयाः
पीड़ित महिला से बयान 13 सितंबर को लिया गया और 14 सितंबर तक आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी थाना में केस दर्ज नहीं किया गया है। इस बाबत पुछे जाने पर थाना प्रभारी, रंजन रवि ने बताया कि मामले की जांच चल रही है, मामला जमीन से जुड़ा हुआ है। जब उनसे पुछा गया कि अर्धनग्न कर महिला को पीटा गया और सड़क पर घसीटते हुए उसे 500 मीटर दूर उसके घर तक ले जाया गया, जो एक क्रिमिनल केस है, बावजुद इस मामले में केस दर्ज नहीं किया गया क्यों? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, आरोपियों के खिलाफ अब तक कोई सबुत नही मिली है। पुलिस अपने स्तर से जांच कर रही है।
सिमडेगा पुलिस की कार्यशैली संदेह के घेरे मेः
पुलिस इस मामले को काफी हल्के में ले रही है, जबकि महिला को अर्धनग्न कर उसके साथ मारपीट कर बीच सड़क में घसीटना एक गंभीर अपराध है, जो धारा 354 के अंतर्गत आता है। यहां एक महिला के सम्मान को व्यक्ति विशेष के उकसावे पर भीड़ ने क्षति पहुंचाने का काम किया है, इसलिए आरोपी को अविलंब गिरफ्तार कर कानून सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन घटना के 15 दिनों बाद तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाना सिमडेगा पुलिस की मंशा पर संदेह उत्पन्न करता है, जिसकी जांच होनी चाहिए।

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