गढ़वा बीपीओ कार्यालय में मनरेगा लाभुक की बीपीओ और कंप्यूटर ऑपरेटर ने की पिटाई, थाने में मामला दर्ज…

0
6

रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः मनरेगा में भ्रष्टाचार कोई नयी बात नहीं है, लेकिन जब से लोक डाउन शुरु हुआ है, तब से सुदूरग्रामीण ईलाकों में मनरेगा योजना से ही ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है और जिस रफ्तार से ये योजना चल रही है, उसी रफ्तार से इस योजना में भ्रष्टाचार भी हावी है। कहीं मजदुरों के बजाय मशीन का उपयोग, कहीं बिना काम के ही अवैध निकासी और कहीं मजदूरों की जगह बच्चों को मजदूर बता कर रुपये की निकासी हो रही है। इससे भी उपर जाएं तो बिना कूप खुदाई के ही मजदूरी भुगतान कर देने तक का खेल भ्रष्टाचार में संलिप्त रोजगार सेवक, मुखिया, बीपीओ और इंजीनियर द्वारा खेला जा रहा है, जैसा की राजधानी रांची के कांके प्रखंड में देखने को मिल चुका है।

घुस देने से ईन्कार करने पर मुझी पीटा गयाः पीड़ित लाभुक

ताजा मामला है गढ़वा जिला के गढ़वा प्रखंड स्थित महुलिया पंचायत का, यहां मनरेगा कूप के लाभुक राधेश्याम पाल, का कहना है कि बीपीओ और कंप्यूटर ऑपरेटर को घुस नहीं देने के कारन इन लोगों ने कार्यालय में बंद कर मेरी पिटाई की है, जिसस मुझे गंभीर चोट लगी है। लाभुक राधेश्याम पाल ने बीपीओ हासिम और कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर राजू पाल के उपर थाने में मामला भी दर्ज करवाया है।

बीपीओ मुझे पकड़े रहा और कंप्यूटर ऑपरेटर राजू मेरी पिटाई कर रहा थाः पीड़ित लाभुक

पीड़ित राधेश्याम की मानें तो 2016 में मुझे कूप निर्माण का कार्यादेश मिला था, कूप निर्माण का कार्य हमने नियमानुशार पूर्ण कर दिया है, लेकिन अब तक मुझे राशि का भुगतान नही हूआ है। जब मैं राशि भुगतान करने के बारे में रोजगार सेवक से कहा तो उन्होंने मुझे बीपीओ हासिम से कार्यालय में जाकर मुलाकात करने के लिए कहा, जिसके बाद मैं बीपीओ के कार्यालय गया और उनसे राशि के बारे में बात की, तो उन्होंने मुझे कहा कि तुम झुठ बोल रहे हो। इसी दौरान बीपीओ के पास ही बैठे कंप्यूटर ऑपरेटर राजू ने बीपीओ से कहा कि, इसका नौटंकी है सर, तब बीपीओ ने कहा कि इसको भगाओ यहां से। मैनें कहा कि ब्लॉक में हर कोई आ जा सकता है, मुझे भगाया क्यों जा रहा है, फिर बीपीओ ने कहा कि जाओ 10 दिन बाद आना, मुझे तुम्हारा फाईल देखना पड़ेगा। हम कहें कि ठिक है हम 10 दिन बाद ही आएंगे। तभी राजू पाल ने कहा कि कुछ खर्चा पानी करता है कि, सिर्फ नौटंकी बतियाता है, इस पर मैंने कहा कि हम घुस किसी को नहीं देंगे। इतना कहते ही राजू पाल ने कहा कि, बेसी बोलेगा, और दरवाजा बंद करके बीपीओ हमको पकड़ लिया और ऑपरेटर राजू को बोला कि दो इसको दो-चार हांथ, फिर राजू हमको फैट और लात से मारने लगा। वहीं पास ही पड़े लोहे के छड़ से भी मुझे मारा गया, जिससे मेरे सर में चोट लगी है। जब हम हल्ला करने लगें तो कार्यालय के बाहर मौजुद लोग अंदर पहुंचे और मुझे बचाएं। मामले कि लिखित शिकायत मैंने थाने में कि है।

मारपीट के आरोपी बीपीओ, हासीम का पक्षः

इस बाबत आरोपी बीपीओ, हासीम ने बताया कि मैं 16 साल से गढ़वा जिला में हूं। 20 जुलाई 2021 को मैंने यहां ज्वाईन किया है। लाभूक को कार्यादेश 2016 में मिला था। योजना कूल 2,47,000 (दो लाख सैंतालिस हजार) का है, जिसमें से 2,0,8000 (दो लाख आठ हजार) रुपये का भुगतान लाभुक को कर दिया गया है। जब लाभुक राधेयश्याम कार्यालय मे पहुंचा, उस वक्त कमप्यूटर ऑपरेटर राजू ने राधेश्याम से डिमांड नोट की मांग की, लेकिन उसने देने से ईन्कार कर दिया और अभद्र व्यवहार करने लगा। जिसके बाद राजू ने राधेश्याम को दो-तीन झापड़ मार दिया। घटना सिर्फ इतनी सी है। अन्य आरोप जो राधेश्याम लगा रहे हैं, वो सब झुठा है।

ये हैं पुरा मामलाः

लाभुक राधेश्याम पाल की मानें तो 2016 में मनरेगा योजना के तहत कूप का कार्यादेश मिलने के बाद मैंने 150,000(एक लाख पचास हजार) केसीसी लोन लेकर कूप का निर्माण पुरा करवाया। कूप की गहराई 41 फीट और चौड़ाई 16 फीट है। उस समय मुखिया ने मुझ से 30 हजार रुपये घुस का मांग किया था, जिसके बाद मैंने इसकी शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी को किया। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मुखिया को अपने कार्यालय में बुला कर काफी डांटा भी और मुझ से कहा कि आपके काम के लिए अब मुखिया के हस्ताक्षर की जरुरत नही है, आप वार्ड सदस्य से ही हस्ताक्षर करवा लिया करें। और मैंने ऐसा ही किया। मेरे द्वारा बनवाए गए कुंवे की जांच के लिए कभी भी कोई अधिकारी तीन साल तक नहीं पहुंचे, सिर्फ 2019 में तात्कालीन जेई धर्मेन्द्र मिश्रा मेरे अनुपस्थिति में मेरे घर पहुंचे और कुंवें का निरीक्षण किया। मेरे द्वारा बनवाए गए कूप को देख कर उन्होंने मुझे पंचायत भवन में बुला कर शाबासी भी दिया था कि, आपने हर मानदंड का ख्याल रखते हुए कूप का निर्माण किया है। इसके बाद एक दिन तात्कालीन रोजगार सेवक, सुधीर पांडे मेरे घर पहुंचे और मेटेरियल के नाम पर सिर्फ 50 हजार रुपया दिया और 80 हजार के वौचर पर हस्ताक्षर करवाया। जब मैने पुछा कि आप 50 हजार देकर 80 हजार के वौचर पर हस्ताक्षर क्यों करवा रहे हैं, तो रोजगार सेवक ने कहा कि वेंडर 30 हजार रुपया जीएसटी काट लिया है। इसके बाद से कभी भी मुझे एक पाई भी नहीं दिया गया। जितने बार भी मैंने डिमांड दिया, सभी को अधिकारियों ने फेल कर दिया। अब तक में 30 से 40 डिमांड जमा कर चुका हूं, जिसका रिसिविंग भी मेरे पास है।

पाल समाज आंदोलन करने की कर रहे हैं तैयारीः

पीड़ित राधेश्याम के समर्थन में गोलबंद होते पाल समाज के लोग.

पीड़ित राधेश्याम के समर्थन में पाल समाज एकजुट हो चुका है। समुदाय के लोगों ने कहा कि ये पुरा मामला जांच का विषय है, लेकिन लाभुक के सर और शरीर में लगे चोट के निशान इस ओर अंगित कर रहा है कि, उसके साथ मारपीट हुई है। चुंकि मामला भ्रष्टाचार से जुडा हुआ है और एक अधिकारी के चैंबर के अंदर सरकारी कर्मचारी लाभुकों के साथ मारपीट करते हैं, तो मामला काफी संगीन है। ऐसे में जांचोपरांत आरोपी बीपीओ और कंप्यूटर ऑपरेटर राजू पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि जनता के नौकर अपने आप को जनता का मालिक समझने की भूल कर रहे हैं, इसलिए इन्हें ये याद दिलाना जरुरी है कि जनता के नौकर हैं, नौकर ही रहें, जनता का मालिक बनने की भूल ना करें।

Leave A Reply

Your email address will not be published.