षडयंत्र के तहत पारंपरिक ग्रामसभा को कमजोर किया जा रहा हैः सुशील बारला
ब्यूरो रिपोर्ट…
मनोहरपुरः शनिवार, 22 जनवरी को सारंडा वन प्रक्षेत्र के मकरण्डा पंचायत अंतर्गत समठा गांव में पौल तोपनो की अध्यक्षता में बैठक आहुत की गई, जिसमें बतौर अतिथि “आस” संयोजक, सुशील बारला उपस्थित रहें।
मौके पर बैठक में उपस्थित ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए सुशील बारला ने कहा कि, ग्राम-सभा के द्वारा ही गाँव का समुचित विकास सम्भव है। एक षड़यंत्र के तहत परम्पारिक ग्राम-सभा को कमजोर कर, फर्जी ग्राम-सभा करके विकास योजनाओं में बिचौलियों को हावी होने का मौका दिया जा रहा है। 2013 से सारण्डा के छ: पंचायतों में आवास योजना बन्द है, लेकिन जनप्रतिनिधि मौन हैं। 8 वर्षों से सारण्डावासी आवास योजना से वंचित है, लेकिन किसी के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। सारण्डा के 8 वनग्राम के लोगों का नाम 116 साल बाद भी जमाबंन्दी में अंकित नहीं किया गया है, जो सारंडा के लोगों के साथ घोर अन्याय है। सारण्डा के लिए इससे बड़ी बिडम्बना और क्या हो सकती है।
मौके पर उपस्थित जीवन गोड़सोरा ने कहा कि, वनाधिकार कानून बने 16 साल हो गया, लेकिन हमलोगों को वनाधिकार पट्टा निर्गत नहीं किया जा रहा है। वहीं बसन्त भेंगरा ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां सारण्डावासियों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करते रही है। हमें ग्राम-सभा को सशक्त कर आवाज बुलन्द करना होगा। इसके अलावे सेवानिवृत शिक्षक, बेनेडिक्ट लुगुन ने कहा कि वनाधिकार पट्टा को लिए हमें एकजुटता कायम कर चरणबद्ध आन्दोलन करना होगा। इसके लिए हमें तैयार रहना है।
सारंडा वासियों की सरकार से मांगः
1,सारण्डा के छ: पंचायतों में 2013 से बन्द आवास योजना को पुन: आरम्भ किया जाए।
2,सारण्डा के 8 वनग्राम के लोगों का नाम जमाबंन्दी में अंकित किया जाए।
3,DMFT कोष से सारण्डावासियों के लिए तीन चिकित्सा वाहन उपलब्ध करवाया जाए।
4, वनाधिकार अधिनियम के तहत 2005 के पूर्व सारण्डा वन क्षेत्र में बसे लोगों को वनाधिकार पट्टा दिया जाए।
बैठक को गंगामुनी सांडिल, मुण्डा नोन्दो सुरीन समेते अन्य कई लोगों ने भी सम्बोधित किया।