झारखंड जनाधिकार महासभा के पहले तीन दिवसीय सम्मेलन में स्वशासन, लोकतंत्र और वर्तमान चुनौतियां पर चर्चा शुरु….

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः झारखंड जनाधिकार महासभा के पहले सम्मेलन की शुरुआत 1 ऑक्टूबर को खूंटी ज़िले के टकरा में शुरु हुई, जो 3 ऑक्टूबर तक चलेगा। सम्मेलन में मुख्य रुप से स्वशासन, लोकतंत्र और वर्तमान चुनौतियां पर चर्चा होगी, साथ ही वर्तमान राष्ट्रीय राजनैतिक चुनौतियों के विरुद्ध संगठित होने और राज्य में जन अधिकारों के संघर्ष को तेज करने के लिए चर्चा के साथ आगे की रणनीति भी बनाई जाएगी।

सम्मेलन के पहले दिन विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पत्थलगड़ी आन्दोलन में सरकारी दमन, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमले, CAA-NRC,  सुरक्षा बलों द्वारा शोषण, मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी की गिरफ़्तारी के मुद्दे पर अपने-अपने विचार रखे।

सम्मेलन के पहले दिन मुख्य वक्ता, ग्लैडसन डुंगडुंग, दयामणि बारला और कविता श्रीवास्तव ने भाजपा की सरकार बनने के बाद से संविधान व लोकतांत्रिक अधिकारों पर कुठाराघात, हिंदुत्व एजेंडा, संवैधानिक मूल्यों के विपरीत धार्मिक बहुसंख्यकवाद को बढ़ावा देने, कॉरपोरेट घरानों को बढ़ावा देने, आदिवासियों के प्राकृतिक संसाधनों को छीनने के प्रयास जैसे गंभीर मुद्दों के साथ निर्दोषों पर UAPA जैसे दमनकारी कानूनों का अंधाधुंध इस्तेमाल किए जाने पर प्रकाश डाला।

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