कोलेबिरा प्रखंड के बरसलोया पंचायत में आधी रात को गर्भवती महिला को कुर्सी पर ढ़ो कर परिजनों ने नदी पार कर पहुंचाया स्वास्थ्य केन्द्र…

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रिपोर्ट- दिनेश ठाकुर, सिमडेगा…

कोलेबिरा:- देश का संविधान समानता की बात कहती है, लेकिन समानता दूर-दूर तक नजर नही आती। शहरी क्षेत्र में बिजली, पानी और सड़क जैसी मुलभुत सुविधा उपलब्ध है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की ओर ना ही जिला प्रशासन ध्यान दे रही है और ना ही स्थानीय विधायक और पंचायत प्रतिनिधि। ग्रामीण जनता बाजार-हाट या जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए पहले पैदल ही नदी पार करते हैं, फिर मुख्य सड़क तक पहुंच कर घंटों सवारी गाड़ी का ईंतेजार करते हैं, जिसमें इनका काफी समय जाया होता है। वहीं स्कूल-कॉलेज के बच्चों की बात करें तो हर दिन नदी पार कर आवागमन करना इनकी दिनचर्या बन चुकी है।

बरटोली गांव के गर्भवती महिला को कुर्सी पर ढ़ो कर परिजनों ने पहुंचा स्वास्थ्य केन्द्रः

मामला है सिमडेगा जिला, कोलेबिरा प्रखंड के बरसलोया पंचायत स्थित बरटोली गांव का। बीते दिनों गर्भवती महिला तारावती देवी को मध्य रात्री में तेज प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन बरटोली गांव तक एंबुलेस पहुंचने के लिए नदी पर पुल नही है और नदी में पानी भी लबालब भरा हुआ था, बावजुद इसके परिजनों ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला को आधी रात में ही कुर्सी पर बैठा कर नदी पार किया, फिर उसे कोलेबिरा सीएचसी में भर्ती करवाया। जहां उसका ईलाज चल रहा है।

अधीक बारिश होने पर गांव में ही कैद हो कर रह जाते हैं ग्रामीणः

परिजनों ने संवाददाता, दिनेश ठाकुर को बताया कि, बरटोली गांव तीन ओर नदी से घीरा हुआ है और एक ओर पहाड़ी और जंगल हैं। यहां के लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। बरसात के दिनों में गांव टापू बन जाता है। कभी-कभी अधीक बारिश होने पर लोग गांव में ही कैद हो कर रह जाते हैं। ग्रामीण जनता द्वारा अब तक जितने भी विधायक हुए हैं, सभी को पुल निर्माण के लिए आवेदन सौंप चुके हैं, बावजुद इसके किसी भी विधायक ने इस ओर ध्यान नही दिया। जिला प्रशासन को भी आवेदन दिया गया, लेकिन जिला प्रशासन से सिर्फ आश्वासन ही मिला। आखिर कब तक गांव के लोग इसी तरह खाट, कुर्सी और  कंधे पर ढो कर नदी पार करते रहेंगे?

पूर्व में समय पर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारन नवजात बच्चे की हो चुकी है मौतः

जानकारी देते चलें कि सिमडेगा जिला के ही बानो प्रखंड अंतर्गत बड़का डुईल पंचायत में विगत दिनों एक गर्भवती महिला को एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिलने पर परिजन खाट से ढोकर स्वास्थ्य केन्द्र लेकर जा रहे थें। इसी बीच महिला ने रास्ते में ही खुले आसमान के नीचे बच्चे को जन्म दे दिया था और उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारन नवजात बच्चे की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य सुविधा पाना देश के हर नागरिक का अधीकार है। लेकिन लापरवाह सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के कारन जनता इस मुख्य सुविधा से वंचित होकर काल के गाल में समा रहे हैं।

जानकारी देते चलें की रघुवर सरकार ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया था और वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार, आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम चला रही है। कार्यक्रम आयोजन के दौरान कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी और जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े वादे करते हैं। लुंगी-साड़ी बांट कर वाहवादी भी लूटते हैं, लेकिन मुख्य समस्या के निराकण पर इनका कोई ध्यान नही है। ग्रामीण जनता सरकार के इस भेदभाव वाली नीति से काफी परेशान और आक्रोशित भी हैं।

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