प्रतिबंधित संगठन के संरक्षण में बालू माफिया कर रहे हैं कारो नदी से बालू का अवैध खनन और उठाव, प्रशासन जानते हुए भी है मौन…

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बालू के खनन पर जून 2020 से लेकर ऑक्टूबर 2020 तक रोक लगा रखी है। बावजुद इससे बालू का खनन और उठाव झारखंड के विभिन्न जिलों में जारी है। एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करने वालों को तनिक भी ये भय नही कि पकड़े जाने और दोष सिद्ध होने पर तीन साल की कैद या 10 करोड़ तक का अर्थदंड हो सकता है।

एनजीटी के आदेश को लागू करवाने में जिला प्रशासन पूरी तरह फेलः


वर्तमान में झारखंड के खूंटी जिला स्थित रनिया प्रखंड से हो कर बहने वाली कारो नदी से बालू का अवैध खनन और उठाव धड़ल्ले से जारी है। ग्रामीण बताते हैं कि इस बालू घाट का निर्माण हंथियार बंद लोगों के संरक्षण में बालू माफियाओं ने किया है। बालू का अवैध खनन उड़ीकेल पंचायत के निचितपूर और उलीहातु गांव में दो जगहों पर हो रहा है। निचितपूर गांव के समीप कारो नदी के किनारे लगभग 100 हाईवा बालू स्टॉक करके बालू माफियाओं द्वारा रखा गया है, जिसका उठाव दिन के उजाले में ट्रैक्टर से और रात के अंधेरे में हाईवा से किया जाता है।

ग्रामसभा कर चुकी है मुख्यमंत्री, उपायुक्त, बीडीओ और थाना में लिखित शिकायतः

नाम नही छापने की शर्त पर ग्रामीण बताते हैं कि इस कार्य में गांव के ही एक दो लोग बालू माफियाओं के साथ मिले हुए हैं। ग्रामसभा की बैठक में इसका विरोध भी किया गया, लेकिन बंदूकधारी लोग गांव में आकर ग्रामीणों को धमकाते हैं, कि अगर विरोध करोगे तो जान से हांथ धोना पड़ेगा। इस धमकी के बाद ग्रामीण काफी भयभीत हैं और दिन-रात यहां से बालू की ढुलाई हो रही है। मामले की लिखित शिकायत ग्रामसभा द्वारा मुख्यमंत्री, जिले के उपायुक्त, प्रखंड विकास पदाधिकारी और थाने में भी की गई है। शिकायत के बाद पुलिस निचितपूर गांव स्थित बालू खनन स्थल पर पहुंची और कुछ लोगों को ट्रैक्टर से बालू उठाव करते हुए रंगेहांथ पकड़ा भी, लेकिन उनके उपर कोई केस दर्ज नही किया गया। यहां तक की ट्रैक्टर को भी पुछताछ के बाद छोड़ दिया गया, जिससे प्रतित होता है कि पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करना नहीं चाहती है।

रनिया और तोरपा थाना में शिकायत किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नही हो रही हैः मुखिया, उड़ीकेल पंचायत, रनिया प्रखंड

उड़ीकेल पंचायत के मुखिया की मानें तो जब मैंने बालू खनन का विरोध किया तो  माफियाओं ने मुझे धमकी दिया, जिसके बाद मैनें रनिया थाने में शिकायत की, लेकिन थाना प्रभारी ने कहा कि आप भी पैसा ले लिजिए। मुखिया ने ये भी बताया कि बालू लेकर हाईवा तोरपा थाना क्षेत्र से गुजरती है, इसलिए मैंने तोरपा थाना के बड़ा बाबू से भी शिकायत की, लेकिन उनके द्वारा भी कोई कार्रवाई नही किया गया।

दिन के उजाले में ट्रैक्टर और रात के अंधेरे में हाईवा से होती है बालू की ढुलाईः

ग्रामीण बताते हैं कि दिन में ट्रैक्टर और रात के अंधेरे में हाईवा से बालू की ढुलाई होती है। गांव के सड़क पर हाईवा के परिचालन से सड़क कई जगहों पर क्षत्तिग्रस्त हो चुका है। हाईवा से बालू ढुलाई के दौरान हाईवा के आगे–पीछे बालू माफिया के लोग भी दूसरे वाहन पर सवार रहते हैं, जिसके कारन ग्रामीण भयवश हाईवा को रोक नही पाते हैं। एक ग्रामीण महिला ने बताया कि हाईवा के कारन उनके घर का पानी सप्लाय पाईप फट गया था, जब हाईवा चालक से शिकायत किएं तो मुझे ही धमकाने लगा।

पुलिस स्वयं से नही करेगी कार्रवाई, जब खनन पदाधिकारी सहायता मांगेगे, तभी जाएगी पुलिसः एसपी, खूंटी

बिते शुक्रवार की रात लगभग 12 बजे भी निचितपूर गांव में स्टॉक करके रखे गए बालू का उठाव करने के लिए एक जेसीबी और आईवा ट्रक उक्त स्थल पर पहुंची, तभी ग्रामीणों ने फोन कर “ताजा खबर झारखंड” के संपादक को फोन कर मामले की सूचना दी। खबर मिलते ही हमने खूंटी जिले के एसपी को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी। पहले तो उन्होंने ये कहा कि ये पुलिस का काम नही है, पुलिस जब कार्रवाई करती है तो उस पर पैसे लेने का आरोप लगता है। लेकिन जब मैनें ये कहा कि आधी रात को हाईवा बालू लेकर तोरपा थाना क्षेत्र से गुजरती है, तो उन्होंने कहा कि मैं टीम भेजता हूं। लेकिन गौर करने की बात ये हैं कि एसपी महोदय के आश्वासन के बाद भी शनिवार की अहले सुबह 6 बजे एक बार फिर हाईवा निचितपूर गांव पहुंची और बालू उठाव कर चली गई। यानि पुलिस ने सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की।

बालू के स्टॉक को सील कर थाना प्रभारी को कार्रवाई करने के लिए लिखित आवेदन दिया जा चुका हैः संजय शर्मा, जिला खनन पदाधिकारी, खूंटी

एनजीटी द्वारा रोक लगाए जाने के बाद भी बालू माफिया बालू का उठाव लगातार कर रहे हैं, इस पर हमारी टीम ने खूंटी जिला के जिला खनन पदाधिकारी संजय शर्मा से भी बात की। इनकी मानें तो ग्रामसभा द्वारा रोक लगाने के आवेदन मिलने के बाद मैंने स्वयं एक्शन लिया है। बालू के स्टॉक को सील कर दिया गया है और तोरपा थाने में कार्रवाई करने के लिए लिखित आवेदन भी दिया गया है। प्रखंड के सीओ और थाना प्रभारी कार्रवाई करने के लिए सक्षम हैं, अगर उनके द्वारा कार्रवाई नही की जा रही है, तो जिला स्तरीय टीम कार्रवाई करेगी।   उन्होंने विभाग में मेन पावर की कमी का भी रोना रोया।

कूल मिला कर बालू के इस अवैध कारोबार में बंदूकधारियों से लेकर कई लोगों के वारे-न्यारे हो रहे हैं, जिसके कारण इस मामले को गंभीरता से नही लिया जा रहा है। ऐसे में एक मात्र विकल्प एनजीटी ही दिखाई पड़ता है, जहां ग्रामसभा द्वारा आवेदन दे कर ये बताया जाए, कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करवानें में प्रशासनिक महकमा पूरी तरह विफल है।  

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