भूखा पेट, पुलिस की लाठी और 36 घंटे की पैदल यात्रा से मिली बड़ी सीख, अब स्वयं खेती कर गांव वालों को भी खेती के प्रति कर रहे हैं जागरुक…

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रिपोर्ट- सूरज कुमार…

रांचीः नामकुम प्रखंड के सिलवे पंचायत के उलातू गांव में पूर्व में प्रवासी मजदूर रहे और वर्तमान में प्रगतिशील किसान बन चुके मुनेश महतो के आग्रह पर जिला परिषद सदस्य सह भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष, आरती कुजूर उनके गांव नामकुम प्रखंड के ही उलातू गांव पहुंची। जहां पूर्व में परती पड़े रहने वाले जमीन को भी मुनेश ने अपने अथक परिश्रम से हरियाली में तब्दील कर दिया है।

प्रवासी मजदूर से किसान बनने की पूरी कहानी मुनेश की जुबानीः

किसान के लहलहाते खेत में पहुंच कर आरती कुजूर भी काफी खुश हुई क्योंकि पूर्व में यहां आसपास की जमीन परती पड़ी रहती थी, लेकिन अब चारो ओर हरे-भरे फसल लहलहा रही थी। मौके पर मुनेश महतो ने आरती कुजूर को मजदूर से किसान बनने की पूरी कहानी बताई। किसान मुनेश महतो ने बताया कि वह पेशे से मजदूर था और राजमिस्त्री का काम करते थें। लॉक डाउन के पहले तक वह गुमला जिला के चैनपुर में राजमिस्त्री का काम करते थें, लेकिन लॉक डाउन लागू होने के बाद काम मिलना बंद हो गया था, जिसके बाद खाने के भी लाले पड़ गएं। जिसके बाद मुनेश ने अपने एक और साथी के साथ अपने घर लौटने का मन बनाया। चुंकि लॉक डाउन के दौरान यात्री वाहनों का परिचालन पुरी तरह बंद है, इसलिए मुनेश अपने एक साथ के साथ चैनपुर से नामकुम के लिए पैदल ही निकल पड़ें। लॉक डाउन में गांव वापस लौटने के दौरान दो जगहों पर पुलिस वालों ने इनकी पिटाई भी की, लेकिन किसी तरह दो दिन और एक रात तक पैदल ही सफर तय करते हुए मुनेश अपने गांव पहुंचे। यहां पहुंचने के साथ ही मुनेश ने ये प्रण भी लिया कि, चाहे  चाहे कुछ भी हो जाये अब अपना गांव घर छोड़ कर काम करने के लिए कहीं बाहर नही जाएंगे।

पूर्व में कृषि कार्य करने की ट्रैनिंग ले चुके थें मुनेशः

चुंकी मुनेश पूर्व में केजीवीके से खेती करने की ट्रैनिंग ले चुके थें, इसलिए मुनेश ने खेती करना ही उचित समझा। अथक परिश्रम करते हुए मुनेश ने 2 एकड़ में ओल, साढ़े चार एकड़ में पपीता, और  एक एकड़ जमीन में उड़द की खेती लगाई है। फिलहाल मुनेश के खेत में  खीरा की फसल पुरी तरह तैयार है और मुनेश इसकी बिक्री भी बाजार में शुरु कर चुके हैं। मुनेश की इस सफलता को देख कर गांव वाले भी अब काफी उत्साहित हैं और मुनेश को खेती के लिए अपनी जमीन भी देने के लिए तैयार हैं। फिलहाल मुनेश अपने खेत में ही कुछ गांव वालों को रोजगार भी उपलब्ध करवा चुके हैं।

मुनेश महतो ने अपने दम पर तीन लाख की पूंजी खेती में लगाईः

मुनेश ने बताया कि उनके पास 1.60 एकड़ जमीन हैं बाकि जमीन उसने गांव के लोगों से लीज़ पर लिया है।  मुनेश महतो ने आगे बताया कि अभी तक उसने अपने दम पर 3 लाख रुपये की पूंजी जमा करके खेती में लगाई है। अगर सरकार मदद करें तो आधुनिक तरीके से और भी अच्छी खेती कर सकते हैं और स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार भी उपलब्ध करवा सकते हैं।  

आरती कुजूर ने मुनेश को दिया हर संभव मदद का आश्वासनः

जिप सदस्य सह प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा महिला मोर्चा आरती कुजूर ने मुनेश कि हिम्मत की दाद देते हुए कहा कि जहां लोग खेती से दूर भाग रहे हैँ, वहीं मुनेश महतो द्वारा खेती कार्य को ही रोजगार का साधन बना लेना काफी बड़ी बात है, मुनेश के हिम्मत की दाद देनी चाहिए। आरती कुजूर ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को जितना ज्यादा हो सके किसानों को सुविधा उपलब्ध करवाने की जरुरत है। आरती कुजूर ने मुनेश महतो को खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार का वोकल फॉर लोकल योजना से हर संभव मदद उपलब्ध करवाने का भरोसा दिया, साथ ही सरकार से ऐसे लोगों कि हौंसला अफजाई के लिए स्थानीय स्तर पर पहल करने कि मांग की।

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