रिपोर्ट- राजू पाल, विश्रामपुर
पलामूः पांडू प्रखंड के कुटमु पंचायत के बरवाही गांव में धजवा पहाड़ को बचाने के लिए पिछले 1 महीने से डेरा डालो, घेरा डालो आंदोलन धजवा पहाड़ परिसर में चल रहा था, जिसे बीते 16 दिसंबर को अनुमंडल पदाधिकारी के आश्वासन पर स्थगित कर दिया गया था। एसडीओ ने आंदोलनकारियों को लिखित रुप से मांगे मान लिए जाने की बात धरना स्थल पर कही थी और लिखित आश्वासन का भरोषा भी ग्रामीणों को दिलाया। लेकिन जब आंदोलनकारी उनके कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात बोल कर, लिखित आश्वासन देने से मना कर दिया, जिसके बाद एसडीओ के वादा खिलाफी से आक्रोशित ग्रामीणों ने स्थगीत कर चुके आंदोलन को पुनः शुरु किया और इस बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरु कर दिया है।
जानकारी देते चलें कि, 16 दिसंबर की शाम को अनुमंडल पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी स्वयं धरना स्थल पर पहुंचे थें और आंदोलनकारियों से वादा किया था कि अब धजवा पहाड़ पर खनन नहीं होगा। इसके लिए वे लिखित दस्तावेज संबंधित खनन विभाग पलामू के द्वारा उपलब्ध कराएंगे एवं पहाड़ के फर्जी लीज को रद्द करने की प्रक्रिया को भी शुरू करेंगे। इसके अलावे अवैध खनन के लिए संवेदक के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की भी बात कही थी। उन्होंने ग्रामीण आंदोलनकारियों को बताया था कि 17 दिसंबर की सुबह समिति के सदस्यगण अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय डाल्टेनगंज पहुंचे एवं उनके साथ मिलकर 17 दिसंबर से ही सभी कार्रवाई शुरू की जाएगी। लेकिन समिति के सदस्यों के अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचने पर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा 2 दिनों से टालमटोल करने का रवैया पाया गया, जिससे आक्रोशित होकर धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति ने अपने सभी सहयोगी संगठनों एवं ग्रामीण आंदोलनकारियों के सहमति के बाद निर्णय लिया कि, अब 19 दिसंबर से ही आंदोलन को एक नया रूप देते हुए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में तब्दील किया जाए।
सभी आंदोलनकारियों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के निर्णय का पुरजोर स्वागत कियाः
अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के तहत प्रतिदिन कम से कम 10 आंदोलनकारी महिला एवं पुरुष धरना स्थल पर भूख हड़ताल में बैठेंगे, जो 24 घंटे बिना कुछ खाए पिये बिल्कुल भूखे पेट रहेंगे।