रिपोर्ट- वसीम अकरम…
राँचीः कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा सीआईपी में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले कुछ महिनों से संयुक्त रुप से आंदोलन शुरु किया गया है। प्रथम चरण में कई बार सीआईपी निदेशक को मांग पत्र सौंप कर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की मांग की गई। लेकिन मांगे नही मानें जाने के बाद दोनों पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं द्वारा सीआईपी निदेशक के खिलाफ जोरदार ढंग से आंदोलन शुरु किया गया।
सीआईपी निदेशक के साथ प्रतिनिधिमंडल की वार्ता रही सफलः
आंदोलन के दूसरे दिन सीआईपी निदेशक ने आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए आमंत्रित किया, जहां कई मांगों पर सहमति बनी और सीआईपी निदेशक द्वारा प्रतिनिधिमंडल को कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद फिलहाल आंदोलन स्थगीत कर दिया गया है।
एसआईएस की होगी जांच, स्थानीय लोगों को मिलेगा कार्यः
वार्ता के दौरान झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने 72 घंटे के अंदर एसआईएस के सभी बैंक डिटेल्स, जिसमें सुरक्षा गार्डों को किया गया भुगतान शामिल है, ईपीएफ और ईएसआईसी का पूर्ण विवरण मांग कर इसकी एक कमेटी बनाकर जांच कराने को कहा। गड़बड़ी पाए जाने पर सुरक्षा एजेन्सी को अविलंब ब्लैक लिस्ट करने तथा एफ आई आर कराने की बात कही गई। एमटीएस के 101 पदों की नियुक्ति में शत-प्रतिशत स्थानीय लोगों की नियुक्ति की बात रखी। झामुमो द्वारा कहा गया कि निदेशक इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर झामुमो, कांग्रेस तथा स्थानीय लोगों के दबाव और अपेक्षा की बात रखते हुए उनसे अनुमति लें। सैनिटेशन एजेंसी के लिए तुरंत टेंडर करने, सीमित निविदा पूछताछ द्वारा 25 लाख तक के कार्य में स्थानीय लोगों को कार्य देने तथा पारदर्शिता बरतने की बात कही। निदेशक ने उनके सुझाव के अनुरूप कार्रवाई करने का भरोसा दिया।
मांगे पूरी नही होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनीः
झामुमो के जिलाध्यक्ष मुश्ताक आलम ने कहा कि सीआईपी निदेशक डॉ दयाराम से सकारात्मक वार्ता हुई है, तब तक के लिए आंदोलन को स्थगित किया जाता है। यदि मांगे पूरी नही हुई तो पुनः हमलोग उग्र आंदोलन करेंगे।
वार्ता में ये रहें शामिलः
वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस की ओर से कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुरेश बैठा, जिला उपाध्यक्ष ऐनुल हक अंसारी, गुलज़ार अहमद, मदन महतो, संजर खान और झामुमो की ओर से केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, महुवा मांझी, मुस्ताक आलम, समनूर मंसूरी और डॉ हेमलाल महतो शामिल रहें।