अड़की प्रखंड- कभी गुंजती थी गोलियों की तड़तड़ाहट और बमों के धमाके, लेकिन अब गुंज रही है नगाड़ों की उंची आवाज और मांदर की थाप….

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ब्यूरो रिपोर्ट, खूंटी

रांचीः प्रकृति की गोल में बसा खूंटी जिले का अड़की प्रखंड, जहां के मनोरम दृश्य को देख कर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इस प्रखंड में काफी लंबे समय तक सीपीआई माओवादियों का दबदबा रहा। माओवादी संगठऩ के जॉनल कमांडर कुंदन पाहन का इस क्षेत्र में एक छत्र राज था। लेकिन कुंदन पाहन, मार्शल टुटी जैसे दर्जनों नक्सलियों के सरेंडर करने के बाद इस क्षेत्र में माओवादी संगठऩ काफी कमजोर हो गया और इसका फायदा उठाया पीएफएफआई उग्रवादी संगठन ने। माओवादियों के बैकफूट में जाने के बाद इस क्षेत्र में पीएलएफआई उग्रवादियों की पकड़ मजबुत हुई। इस उग्रवादी संगठऩ के उग्रवादी भी अपने आप को नक्सली बताते हैं, लेकिन नक्सली सिद्धांत से इनका कोई लेना देना नही। पीएलएफआई संगठन के उग्रवादी ना सिर्फ विकास कार्यों में लगे संवेदकों से मोटी रकम की वसुली करते हैं, बल्कि ग्रामीणों को भी अपना निशाना बनाते रहे हैं, जिसके कारन यहां के ज्यादातर सक्षम लोगों के बच्चे खूंटी जिले के शहरी क्षेत्र या फिर रांची में जा कर पढ़ाई करते हैं।

सीआरपीएफ और जिला पुलिस की सक्रियता से भय मुक्त हुआ खूंटी जिलाः

2009 के बाद से खूंटी जिला के लगभग सभी प्रखंडों में दो दर्जन से भी अधीक सीआरपीएफ कैंप स्थापित किया गया। सीआरपीएफ और जिला पुलिस द्वारा अतिनक्सल, उग्रवाद प्रभावित प्रखंडों में लगातार इनके विरुद्ध ऑपरेशन चलाया गया। ऑपरेशन के कई भय से कुंदन पाहन समेत कई नक्सली और उग्रवादियों ने सरेंडर कर दिया और कईयों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। वर्तमान में जगह-जगह सीआरपीएफ कैंप स्थापित होने के कारन जिले में शांति बहाल है। अब लोग बेखौफ होकर हाट-बाजार जाते हैं और विकास योजनाएं भी पहले की अपेक्षा तेज गति से जारी है।

अड़की प्रखंड के हुडुवा गांव में लंबे अर्से बाद ग्राम प्रधान ने आयोजित किया करम मिलन समारोहः   

कुछ वर्ष पूर्व तक खूंटी जिला के अड़की प्रखंड में गोलियों की तड़तड़ाहट और बम विस्फोट के धमाकों से पुरा प्रखंड गुंजा करता था। हर दूसरे-तीसरे दिन कहीं ना कहीं हत्या और मुठभेड की घटना जरुर होती थी। लेकिन अब इस क्षेत्र में एक बार फिर से मुंडाओं के नगाड़े की गुंज और मांदर के थाप सुनाई पड़ने लगे हैं। हुडुवा गांव के ग्राम प्रधान बोलाई मुंडा ने अपने घर पर लंबे अर्से बाद करम मिलन समारोह का आयोजन किया, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में स्थानीय गांव के अलावा दूसरे गांव से भी ग्रामीण पहुंचे। करम मिलन समारोह के दौरान नगाड़ा और मांदर की थाप पर ग्रामीण जमकर थिरकें। इस समारोह में मौजुद ग्रामीण पुरी तरह भयमुक्त होकर अपने मुंडारी गीतों पर थिरक रहे थें, जिससे पता चलता है कि अब अड़की प्रखंड नक्सली और उग्रवादियों से काफी हद् तक मुक्त हो चुका है।

पूर्व में ग्रामीण समारोह आयोजित करने की हिम्मत नही जुटा पाते थेः

जानकारी देते चलें कि, दो साल पूर्व तक खूंटी जिला के अतिनक्सल, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों मे लगने वाले साप्ताहिक हाट-बाजारों में आम जनों के साथ-साथ व्यापारी भी जाने से कतराते थें। लेकिन अब लोग बेखौफ आना-जाना कर रहे हैं। पूर्व में दो दर्जन से भी अधीक लोगों की ह्त्या नक्सली और उग्रवादियों द्वारा हाट बाजारों में की गई है। गांव में आयोजित किए गए पारिवारिक और सामुदायिक कार्यक्रमों के दौरान भी नक्सली और उग्रवादियों ने हमले कर कई लोगों को मौत के घाट उतारा है। अड़की प्रखंड के हुंट में नक्सलियों ने एक छट्ठी समारोह के दौरान रात में हमला किया था, और वाहन को भी आग के हवाले कर दिया था, जिसमें दो लोग गंभीर रुप से घायल हुए थें। वहीं अड़की प्रखंड के ही सिंदरी गांव में आयोजित धर्मिक समारोह के दौरान नक्सलियों ने पुलिस को सूचना उपलब्ध करवाने वाले मुखबिरों के सरगना दिलीप आचार्या और गांव के ही एक पोस्टमेन की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इसके अलावा भी इस तरह आयोजित समारोह के दौरान कई घटनाओं को अंजाम नक्सली संगठन और पीएलएफआई उग्रवादियों द्वारा दिया जा चुका है।

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