राज्यपाल को शिकायत करना पड़ा महंगा- नौकरी से धोना पड़ा हाथ-नेट क्वालीफाई दिव्यांग राजेश है मजबूर

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रिपोर्ट-श्वेता भट्टाचार्य…

रांची: यूजीसी नेट क्वालिफाई दिव्यांग राजेश कुमार पिछले 33 दिनों से राजभवन के समक्ष अपनी मांग को लेकर राज्यपाल से गुहार लगा रहे हैं। लगातार धरने पर बैठे हैं ।लेकिन अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। इस बीच उनकी तबीयत भी बिगड़ी प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य जांच भी किया गया।लेकिन उनकी मूल परेशानी को किसी ने भी समझने की कोशिश नहीं की है…

गौरतलब है कि शारीरिक रूप से 70% दिव्यांग राजेश कुमार राज भवन के पास न्याय की गुहार लेकर पिछले 32 दिनों से बैठा है। वह हाथ में तख्तियां लिए धूप बारिश की चिंता किए बगैर अकेले ही लगातार धरना दे रहे हैं।लेकिन इस और ना तो राज भवन का ध्यान अब तक गया है और ना ही जिला प्रशासन ही इस संबंध में कोई पहल की है।बताते चलें कि राजेश को दुमका स्थित सिद्धू कान्हू विश्वविद्यालय में रोजगार देकर कुछ समय बाद उसे हटा दिया गया।दरअसल राजेश ने 4 महीने का वाकया मानदेय विश्वविद्यालय प्रबंधन से मांगा था और जब उन्हें उनका मानदेय नहीं मिला ,तब राजेश ने राज्यपाल को चिट्ठी के माध्यम से इस मामले की शिकायत कर दी. होना क्या था राजेश को नौकरी से हाथ धोना पड़ा।

33 दिनों से राजभवन के समक्ष बैठा है राजेश.

राजेश लगभग 33 दिनों से राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे हैं।इस बीच राजेश की तबीयत बिगड़ी जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराते हुए धरना स्थल पर ही चिकित्सीय जांच भी करवाया। लेकिन राजेश की मूल समस्या क्या है इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। राजेश ने बातचीत करते हुए अपनी पीड़ा जाहिर की है ।राजेश का कहना है कि जल्द से जल्द उन्हें न्याय मिले। मामला काफी गंभीर है मामले पर राजभवन को स्वत संज्ञान लेना चाहिए।

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