रिपोर्ट:- श्वेता भट्टाचार्य
रांची: राजभवन के समक्ष आज सातवीं से आठवीं वर्ग के बच्चे धरना देते दिखे। हालांकि इस दौरान अपने विभिन्न मांगों को लेकर कई संगठन धरने पर बैठे थे। लेकिन यह नजारा थोड़ा अटपटा सा लगा। ताजा खबर की टीम ने जब इन बच्चों से बातचीत की तब उन्होंने जो कहा वह वाकई सोचने वाली बात तो जरूर है।
झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चों को इंग्लिश की बेसिक जानकारी नहीं दी जा रही है। ऐसा कहना है पतरातू के एक माध्यमिक स्कूल के सातवीं के छात्र श्रीकांत पांडे का। बताते चलें कि अन्य दिनों की तरह राजभवन के समीप धरना प्रदर्शन का दौर चल रहा था। समाचार संकलन के दौरान हमारी टीम की नजर 3 बच्चों पर पड़ी। जो झारखंड सरकार द्वारा जारी किए गए अपने पाठ्यक्रम के अंग्रेजी किताबों को लिए खड़े थे। जब इन बच्चों से बात की गई तो इनका कहना था कि उन्हें अंग्रेजी की बेसिक नॉलेज सरकारी स्कूलों से नहीं मिल रही है। इनका मानना है कि झारखंड के प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को अंग्रेजी भाषा को सीखने के लिए अंग्रेजी भाषा के पाठ्य पुस्तकों को पढ़ने की जरूरत ही नहीं है। विद्यार्थियों की मानें तो प्रथम कक्षा से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को हिंदी से इंग्लिश सीखने का सामान्य पुस्तक झारखंड सरकार द्वारा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए तो बेहतर होगा।
सरकार से अपील
छात्रों ने शिक्षा विभाग से अपील की है कि उन्हें स्कूलों में इंग्लिश की बेसिक जानकारी दी जाए ना कि एकाएक पोयम और स्टोरी की किताबें थमा दिया जाए। उनका यह भी मानना है कि विद्यार्थियों को इंग्लिश का बेसिक नॉलेज नहीं होने के कारण वह किताबें नहीं पढ़ पाते हैं और यह समस्या पूरे झारखंड के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का है।