खूंटी में उग्रवादी बोयदा पाहन के दस्ते का आतंक, सोमवार की सुबह और शायं जिउरी में दिया घटना को अंजाम, थाना प्रभारी को नहीं घटना की जानकारी…

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

1.शनिवार की देर रात ग्रामप्रधान पौलुस मुंडा की हत्या।

2.सोमवार की अहले सुबह 5 बजे जिउरी गांव में किया हवाई फायरिंग, जुबान बंद रखने की दी धमकी।

3.हत्या की नियत से सोमवार की ही रात 8 बजे फिर पहुंचे जिउरी गांव, दरवाजा तोड़ने के दौरान दो लोग जान बचा कर भागने मे रहें सफल।  

रांचीः खूंटी जिला के सोयको थाना क्षेत्र अंतर्गत ओतोंगओड़ा मौजा के ग्राम प्रधान पौलुस मुंडा की हत्या शनिवार की देर रात अपराधियों ने कर दी थी। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है। लेकिन इस घटना के एक दिन बाद सोमवार को फिर अपराधियों ने अपने बढ़े हुए हौंसले का परिचय देते हुए अहले सुबह 5 बजे जिउरी गांव पहुंचे और हवाई फायरिंग करते हुए लोगों से जुबान बंद रखने की धमकी दी, फिर चलते बनें। अपराधियों की धमकी से दिन भर गांव में भय का माहौल कायम रहा। लेकिन अपराधियों का मनोबल देखिए, रात के आठ बजे फिर पांच की संख्या में अपराधी जिउरी गांव पहुंचे और गांव के पुजारी, सागु पाहन और एक ग्रामीण पुष्पा मुंडू के घर का दरवाजा तोड़ते हुए घर में प्रवेश कर गए, लेकिन इस दौरान सागु पाहन और पुष्पा मुंडू अपनी जान बचा कर भागने में सफल रहें। घटना के बाद से गांव में भय का माहौल कायम हो गया है।

जिउरी गांव में पसरा सन्नाटा…

घटना स्थल से 4 किलोमीटर की दूरी पर है सोयको थाना, लेकिन गांव में नही हो रही है पेट्रोलिंगः

ग्रामीणों ने बताया की ग्राम प्रधान की हत्या के बाद से ही ओतोंगओड़ा मौजा के साथ-साथ आसपास स्थित क्षेत्र के ग्रामीण काफी खौफजदा हैं। पुलिस की पेट्रोलिंग गांव में नही हो रही है जिसके कारन अपराधी गांव के आसपास ही जमे हुए हैं। अपराधियों के भय से ग्रामीण थाना जाने से भी डर रहे हैं। अपराधियों की धमक के दौरान जान बचा कर भागे दो में से एक के परिजन ने बताया की रात के 8 बजे जो पांच अपराधी पहुंचे थें उसमें दो अपराधी गांव के ही थें। बोयदा दस्ते के उग्रवादी ओंडो मुंडा, सिंगसोंग, और दुगा मुंडा हमेशा जिउरी गांव हंडिया पीने के लिए आते हैं। यहां के चार-पांच घरों में हंडिया की बिक्री होती है और गांव के कुछ युवक भी उनके साथ बैठ कर हंडिया पीते हैं।

सोयको थाना प्रभारी को नहीं, जिउरी गांव में हुए घटना की जानकारीः

जिउरी गांव में सोमवार की सुबह पांच बजे उग्रवादी ओंडो मुंडा और सिंगसोंग द्वारा की गई फायरिंग और सोमवार की रात ही 8 बजे गांव के पाहन और पुष्पा मुंडू के घर पर की गई तोड़फोड़ की घटना के बारे में सोयको थाना प्रभारी, नरसिंह मुंडा से बात की गई। इन्होंने कहा कि इस बाबत थाना में कोई सूचना नही दी गई है और ना ही प्राथमिकी दर्ज करवाया गया है। क्षेत्र में पेट्रोलिंग के बाबत इन्होंने कहा कि लगातार क्षेत्र में पेट्रोलिंग की जा रही है।

पूर्व नक्सली कुंदन पाहन के सहयोगी रह चुके, उग्रवादी बोयदा पाहन के ईशारे पर दिया जा रहा है लगातार क्षेत्र में घटना को अंजामः

विश्वसनीय सुत्रों से मिली जानकारी के अनुशार सीपीआई माओवादी संगठन से निष्कासित बोयदा पाहन, ओंडे मुंडा, सिंगसोंग और दुगा मुंडा(कुदा निवासी) मिल कर एक अलग उग्रवादी संगठन बना चुके हैं, जिसमें 7-8 की संख्या में दस्ता सदस्य हैं। बोयदा पाहन घटना को अंजाम देने के लिए स्वयं नही जाता, बल्कि ओंडे मुंडा और सिंगसोंग के नेतृत्व में घटना को अंजाम दिया जाता है, जिसमें अन्य दस्ता सदस्य भी शामिल रहते हैं। सोमवार की रात 8 बजे जिउरी गांव में जाकर जो दो लोगों के घर पर हमला किया गया, जिसमें दोनों जान बचा कर भागने में सफल रहें, इस घटना में गांव के ही युवक मुनी पाहन, गोपी मुंडा, चैतन मानकी और माधो पाहन शामिल थें।

बोयदा पाहन के दस्ते में शामिल सभी लोग अफीम की खेती से जुडे हुए हैः

खूंटी जिला का जिउरी गांव अफीम की खेती के लिए विख्यात हो चुका है। पिछले कुछ वर्षों से लगातार इस गांव के समिप से बहने वाली तजना नदी (रानी फॉल) के किनारे-किनारे अफीम की खेती होते रही है। बिते वर्ष भी यहां काफी भू-भाग में अफीम की खेती हुई थी। सुत्रों से मिली जानकारी के अनुशार घटना को अंजाम देने में सहयोग करने वाले अपराधी भी अफीम की खेती से जुडे हुए हैं। पिछले वर्ष भी इन लोगों ने अफीम का खेती किया था।

ग्रामीणों को शक् है- अफीम के खिलाफ जागरुकता फैलाने के कारन हुई ग्रामप्रधान, पौलुस मुंडा की हत्याः

बिते माह 23 सितंबर को थाना प्रभारी सोयको द्वारा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले सभी मुखिया, ग्रामप्रधान, सरपंच, वार्ड सदस्य, और मुंडा के नाम पत्र निर्गत कर अफीम की खेती रोकने के लिए लोगों को जागरुक करने और जो लोग अफीम की खेती करते हैं उसकी सूचना थाने में देने की बात कही गई थी, जिसमें एनडीपीएस एक्ट 1985 के सेक्शन 47 का हवाला दिया गया था। अगर सूचना नही देते हैं तो इन लोगों पर पर कानूनी कार्रवाई होगी। इसके बाद ओतोंगओडा के ग्रामप्रधान पौलुस मुंडा ने गांव में ग्रामसभा की बैठक कर ग्रामीणों को इस पत्र के बारे में जानकारी देते हुए अफीम की खेती नही करने की बात कही थी। जिसके ठीक बाद उनकी हत्या कर दी गई। इस लिए ओतोंगओड़ा और आस पास स्थित गांव के ग्रामीण उनकी हत्या को इस बैठक से भी जोड़ कर देख रहे हैं। और शक् बोयदा पाहन के दस्ते पर कर रहे हैं।

बोयदा पाहन ने मांगा था लेवी, कंपनी ने सडक निर्माण कार्य किया बंदः

जिउरी गांव तक जाने के लिए लगभग दो किलोमीटर लंबे सड़क का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किया जा रहा था, लेकिन कंपनी ने लगभग तीन सप्ताह पूर्व सड़क निर्माण कार्य पूरी तरह बंद कर अपना सामान उक्त स्थान से हटा लिया है। सुत्रों से ज्ञात हुआ है कि बोयदा पाहन के द्वारा कंपनी से लेवी की मांग की गई थी, जिसके कारन कंपनी ने लेवी ना देते हुए काम बंद कर दिया है।

बोयदा पाहन नही करेगा सरेण्डर, उसे जरुरत है एके-47 कीः सुत्र

विश्वसनीय सुत्रों से ये भी जानकारी मिली है कि माओवादी संगठन में रहने के दौरान बोयदा पाहन एके-47 रायफल लेकर चलता था, लेकिन लगभग तीन वर्ष पूर्व जब खूंटी जिले के एसपी, अश्विनी कुमार थें, उस दौरान खूंटी सरायकेला के बोर्डर ईलाके, कोरबा में एक मुठभेड़ के दौरान बोयदा पाहन को अपना एके-47 रायफल छोड़ कर भागना पड़ा था, जिसे पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद कर लिया था। उसके कुछ माह बाद ही बोयदा पाहन को सीपीआई माओवादी संगठन से निष्कासीत कर दिया गया, तब से बोयदा पाहन सिर्फ थ्री नोट थ्री रायफल लेकर सक्रीय है। सुत्र ये भी बताते हैं कि जेल में बंद उसके आका ने उसे सरेण्डर करने से मना कर अलग संगठन बना कर कार्य करने के लिए कहा है, जिस पर कार्य करते हुए बोयदा ने अपना एक अलग संगठन तैयार किया है, जो फिलहाल कुदा, बाड़ी, जिउरी अडकी प्रखंड के कुछ हिस्से, सोयको, मारंगहादा, और दशमफॉल के ईलाके में सक्रीय है। और फिलहाल बोयदा पाहन एके-47 रायफल की जुगाड़ में लगा हुआ है।  

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