लंबे समय से खूंटी के अड़की प्रखंड में चल रहा है लकड़ी तस्करी का धंधा, माओवादी और उग्रवादियों का आर्थिक तंत्र हो रहा है मजबुत….

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः खूंटी जिला का अड़की प्रखंड जो सिर्फ झारखंड प्रदेश में ही नही बल्कि देशभर में काफी विख्यात हो चुका है। लेकिन आपको जानकारी हैरानी होगी की अड़की प्रखंड का नाम अच्छे कार्यों के लिए नहीं, बल्कि गैरकानूनी कामों को लेकर विख्यात हुआ है। जैसे खूंटी जिला का अड़की प्रखंड नक्सली और उग्रवादियों की शरण स्थली, अड़की प्रखंड में जम कर होती है अफिम की खेती, पत्थलगड़ी या फिर यहां से होने वाले लकड़ी की तस्करी।

खूंटी जिला का अड़की प्रखंड मुंडा जाति बहुल क्षेत्र है और यहां की 90 प्रतिशत जमीन खूंटकटी है, जिस पर ग्राम सभा का अधीकार होता है। इस प्रखंड के कई पंचायतों में पिछले कुछ वर्षों से जम कर लकड़ी की तस्करी हो रही है।

वृक्षों की कटाई कर लकड़ी तस्कर ग्रामसभा में देते हैं मामुली रकमः

जानकार बताते हैं कि लकड़ी तस्कर ग्रामसभा के अधीकार क्षेत्र में स्थित जंगलों से वृक्षों की कटाई ग्रामसभा को मामुली रकम देकर करते हैं, फिर उसे स्थानीय प्रशासन से मिली भगत कर रात के अंधेरे में ट्रकों से दूसरे जिलों में ले जाकर बेच देते हैं। वहीं वन विभाग के अंदर पड़ने वाले जंगलों से वृक्षों की कटाई लकड़ी तस्कर बेखौफ होकर कर रहे हैं, क्योंकि वन विभाग का कोई भी अधिकारी इन जंगलों में झांकने तक नही आता हैं।

रात के अंधेर में अड़की थाना के सामने से हर दिन ले जाया जाता है ट्रक से लकड़ी का बोटाः

“ताजा खबर झारखंड” की टीम, ने लकड़ी तस्करी के इस गोरखधंधे का उद्भेदन करने के लिए कई बार इस क्षेत्र का दौरा किया और पुरे प्रोसेस का कवरेज किया। इस दौरान हमारी टीम ने कई ग्रामप्रधानों के साथ स्थानीय जागरुक लोगों से भी बात की। नाम नहीं छापने के शर्त पर इन्होंने बताया कि ये लोग ग्रामीणों की गरीबी का फायदा उठाते हुए औन-पौने दामों पर पेड़ खरीद लेते हैं। फिर उसकी कटाई कर अड़की मौजा में स्थित पुल के पास चन्दुरा नामक स्थान पर जमा करते हैं, और रात के 10 से 12 बजे के बीच बड़े ट्रकों में लोड कर ले जाते हैं। ट्रक लकड़ी लेकर हर रात अड़की थाना के सामने से गुजरती है, लेकिन पुलिस द्वारा ना ही कोई पुछताछ किया जाता है, और ना ही ट्रक को रोका जाता है।

लकड़ी तस्करों से सीपीआई माओवादी और पीएलएफआई उग्रवादियों का अर्थतंत्र हो रहा है मजबुतः

वृक्षों की अवैध कटाई अड़की प्रखंड के कोचांग, मारंगबुरु, साकेसाली, टुयुगुट्टू, डोल्डा, मुचिया, कोरबा, चलकद, समेत बिरबांकी के कई ईलाकों में किया जा रहा है और इन सभी ईलाकों में सीपीआई माओवादी और पीएलएफआई उग्रवादी संगठन सक्रीय है। सुत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार लकड़ी तस्कर वृक्षों की अवैध कटाई करने के एवज में इन दोनों ही प्रतिबंधित संगठन को मोटी रकम देते हैं, जिससे इनका आर्थिक तंत्र मजबुत हो रहा है। चुंकि अड़की थाना द्वारा लकड़ी तस्करों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, उससे ये अनुमान लगाया जा सकता है कि नक्सली और उग्रवादियों का आर्थिक तंत्र मजबुत करने में पुलिस भी सहायक साबित हो रही है।

पूर्व में अनूप साहू करवाता था लकड़ी की तस्करी, वर्तमान में अड़की थाना के समीप रहने वाले चार-पांच लोग ही करवा रहे हैं तस्करीः

सुत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के अनुशार जब कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन का अड़की प्रखंड में एक छत्र राज था, उस दौरान अनूप साहू अड़की प्रखंड में लकड़ी का अवैध कारोबार कर रहा था। ये वही अनूप साहू है जिनके वाहन का उपयोग तमाड के विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में नक्सलियों ने किया था और पुलिस ने वाहन जप्त भी किया था। वहीं वर्तमान में अड़की थाना से महज कुछ ही दूरी पर रहने वाले चार-पांच लोग लकड़ी तस्करी से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।    

खूंटी डीएफओ को मामले की नही थी जानकारी, लकड़ी तस्करों पर कार्रवाई का दिया आश्वासनः

अड़की प्रखंड में लंबे समय से चल रहे लकड़ी तस्करी के संबध में “ताजा खबर झारखंड” की टीम ने खूंटी डीएफओ से बात की और व्हाट्सएप्प पर उन्हें सबूत भी उपलब्ध करवाया। उऩ्होंने हमारी टीम को आश्वासन दिया कि जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम तुरंत कार्रवाई करती है। एक दिन पूर्व ही अड़की प्रखंड के डोल्डा में छापेमारी कर वन विभाग की टीम लकड़ी का बोटा जप्त की है।  

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