सोगोद ग्रामसभा आया एक्शन मोड में, जेपीएल कंपनी का माईनिंग बंद कराने का प्रस्ताव पारीत, नोटिस किया जारी…..

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

सोगोद ग्रामसभा आया एक्शन मोड में, जेपीएल कंपनी का माईनिंग बंद कराने का प्रस्ताव पारीत, नोटिस किया जारी…..

रांचीः सोगोद गांव के ग्राम प्रधान, संदीप सांडिल पर फर्जी ग्रामसभा कर जे.पी.एल. इंटरप्राईजेज नामक कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप सोगोद गांव के ग्रामीणों ने लगाया है. ग्रामीणों के अनुशार ग्राम प्रधान और कंपनी के मालिक ने 10-15 ग्रामीणों को बरगला कर सफेद पेपर पर हस्ताक्षर करवा लिया फिर इस हस्ताक्षर को ग्रामसभा की रजिस्टर में दर्ज कर ग्रामसभा की सहमति बताया, जिसके आधार पर कंपनी को लीज दिया गया. रविवार को इसी फर्जी ग्रामसभा के खिलाफ सोगोद ग्राम सभा अन्तर्गत आने वाले सभी टोलों के ग्रामीणों ने मील कर ग्रामसभा की बैठक की, जिसकी अध्यक्षता गांव के प्रीति मुंडा ने की. प्रीति मुंडा ग्रामसभा संघ के अध्यक्ष भी है.

नामकुम प्रखंड विकास पदाधिकारी, उपायुक्त रांची और मुख्यमंत्री जनसंवाद में लिखित शिकायत के बावजुद कोई एक्शन नहीं लिया गयाः

ग्रामसभा की एस बैठक में सैंकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष सदस्य मौजुद रहें. बैठक में जेपीएल इंटरप्राईजेज पर अवैध उत्खनन करने का आरोप लगाते हुए पत्थर खनन अविलंब बंद करने का प्रस्ताव पारित करते हुए, एक पत्र कंपनी को निर्गत किया गया है, कि एक सप्ताह के अंदर अवैध पत्थर उत्खनन कंपनी बंद करे, अन्यथा हाईकोर्ट कूच करने के लिए ग्रामीण बाध्य हो जाएंगे. ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष प्रीति मुंडा ने बताया कि पूर्व में उपायुक्त, प्रखंड विकास पदाधिकारी और मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र में अवैध माईनिंग के बारे में लिखित शिकायत किया गया था, लेकिन कई माह गुजर जाने के बाद भी कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद सोगोद गांव की ग्रामसभा ने अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग कर कंपनी के खिलाफ नोटिस जारी करने के लिए बाध्य हुई है, और पूरे मामले को हाईकोर्ट भी ले जाया जाएगा.

कंपनी के अवैध उत्खनन पर बालिकट ग्रामसभा एक दिन पूर्व रोक लगा चुकी हैः

इस बैठक में राजा उलातु पंचायत स्थित बालिकट गांव के भी ग्रामीण मौजुद रहें. इन्होंने जानकारी दी कि, जेपीएल इंटरप्राईजेज द्वारा इनके गांव में भी अवैध तरीके से माईनिंग किया जा रहा था, जिसे एक दिन पूर्व ही ग्रामसभा में निर्णय लेकर बंद करवा दिया गया है, अगर कंपनी फिर से उत्खनन कार्य प्रारंभ करती है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए ग्रामीण किसी भी हद् तक जाने के लिए तैयारः

कूल मिला कर अनुसूचित क्षेत्र के ग्रामीण, अब अपने हक् अधिकारों को लेकर जागरुक होते दिख रहे हैं साथ ही ग्रामसभा को पेशा कानून के तहत मीलें अधिकारों का भी उपयोग कर अपने जल, जंगल और जमीन बचाने की मुहिम में जुट चुके है.

पत्थर खनन से प्रभावित ग्रामीणों की समस्याः

बताते चलें कि जेपीएल कंपनी पर सोगोद गांव के ग्रामप्रधान संदीप सांडिल के साथ साठगांठ कर फर्जीग्राम सभा कर पत्थर खनन लिज लेने का आरोप है। कंपनी द्वारा पिछले लगभग 1 वर्ष से सोगोद में पत्थर खनन किया जा रहा है, जिससे यहां के ग्रामीण काफी प्रभावित हो रहे हैं। किसानों की रैयती जमीन पत्थर गिरने से बंजर होते जा रहे हैं, क्षेत्र में स्थित कुसुम के पेड़ से लाह की खेती नही हो रही है, जिससे किसानों को लाखों रुपये का आर्थिक नुकशान हो रहा है। यहां हो रहे विस्फोट से कई घरों में दरारें आ चुकी है, गांव पूरी तरह प्रदुषण की चपेट में है। ग्रामीण सड़क पर लगातार दौड़ रही हाईवा से ग्रामीण सड़क भी पुरी तरह बर्बाद हो चुकी है। इन सभी मुद्दों को पूर्व में ही ताजा खबर झारखंड में प्रकाशित किया जा चुका है। उस दौरान कंपनी के अधिकारियों से भी उनका पक्ष लिया गया था, जिसमें उन्हों अपने खनन कार्य को सही ठहराया था।   

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