सिमडेगा, भेड़िकुदर मामले के 4 नामजद अभियुक्तों ने थाने में किया सरेंडर, आरोपी भाजपा नेता ने सरेन्डर से पूर्व प्रेस ब्यान जारी कर कहा, न्यायालय में है विश्वास…

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः सिमडेगा जिला के बीरु पंचायत अंतर्गत भेड़िकुदर गांव में दिनांक 16 सितंबर को गौकशी करने का आरोप लगा कर गांव के पांच युवकों को बुरी तरह प्रताड़ित किया गया था। इस घटना को 60-70 की संख्या में पहुंचे भीड़ ने अंजाम दिया था। जिसके बाद पीड़ित राज सिंह की पत्नी, रोजलीन कुल्लू द्वारा सिमडेगा थाने में मामला दर्ज करवाया गया था।

मुझे फंसाया गया हैः तुलसी साहू, भाजपा नेता

इस मामले में कूल 9 लोगों पर नामजद और दर्जनों लोगों पर अज्ञात प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी। नामजद पांच आरोपियों को एसडीपीओ के नेतृत्व में गठीत एसआईटी द्वारा पूर्व में ही छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया गया था। फिर सिमडेगा पुलिस बाकि फरार 4 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कुर्की- जप्ती वारंट जारी करने की तैयारी में थी, लेकिन इसी बीच फरार चारो नामजद आरोपी, तुलसी साहू, अमन केशरी, दीपक प्रसाद और श्रीकांत प्रसाद ने 2 अक्टूबर को सिमडेगा थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। सरेण्डर करने से पूर्व, आरोपी भाजपा नेता तुलसी साहू ने मीडिया में प्रेस ब्यान जारी कर कहा है, कि मैं निर्दोष हूं, मुझे एक साजिश के तहत फंसाया गया है। मुझे न्यायालय पर विश्वास है।

सिमडेगा पुलिस अधीक्षक स्वयं मामले की कर रहे हैं मोनिटरिंगः
इससे पूर्व 1 अक्टूबर को सिमडेगा पुलिस अधीक्षक स्वयं भेड़िकुदर गांव पहुंच कर पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद करने का भरोषा दिएं। उन्होंने पीड़ितों को आश्वासन भी दिया कि, आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद दूसरे ही दिन 2 अक्टूबर को बाकि बचे 4 नामजद अभियुक्तों ने थाने में सरेण्डर कर दिया।

जुता का माला दिखाते पीड़ित, जो इन्हें पहना कर गांव में घुमाया गया था.

सिमडेगा पुलिस अधीक्षक की आम जनता से अपीलः

पुलिस अधीक्षक सिमडेगा ने आम जनता से अपील की है कि, अगर कोई भी विधि विरुद्ध कार्य करते हैं, कानून का उल्लंघन करते हैं, तो सिमडेगा पुलिस उनसे विधिवत् निपटने में सक्षम है। अगर वे कानून के दायरे में सिमडेगा पुलिस से किसी भी प्रकार का सहयोग एवं मदद चाहते हैं, तो सिमडेगा पुलिस 24×7 उनकी सेवे के लिए तत्पर है।

अभियुक्त राजेन्द्र महतो है भेड़िकुदर घटना का मुख्य मास्टर माइंडः भुक्तभोगी

बताते चलें कि दिनांक 29 सितंबर 2020 को इस घटना की फैक्ट फाईंडिंग के लिए रांची से एक टीम सिमडेगा गई थी, जिसमें वरीष्ठ पत्रकार अशोक वर्मा, राईट टू फूड के कार्यकर्ता बलराम, झारखंड मनरेगा वाच के प्रदेश संयोजक जेम्स हेरेंज, मानवाधिकार कार्यकर्ता दयामनी बारला, गुमला जिले से जिला परिषद् सदस्य सरोज हेम्ब्रोम, सामाजिक कार्यकर्ता तारामणी साहू, सामाजिक कार्यकर्ता दीपक बारा, सिमडेगा जिले से पूर्व जिप सदस्य नील जस्टीन बेक, युनाईटेड मिल्ली फोरम के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ओबेदुल्ला, मानवाधिकार संगठन एसीपीसीआर के स्टेट कन्वेंनर रजाउल्लाह और ताजा खबर झारखंड के वरीष्ठ पत्रकार संजय वर्मा शामिल थें। इस टीम के समक्ष पीड़ितों ने घटना की पूरी जानकारी दी और मोबाईल पर जिस व्यक्ति के वीडियो को दिखाकर राजेन्द्र महतो ने गौकशी करने का झुठा आरोप लगाया था, उसकी भी पुरी सच्चाई बताई। पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि 15 सितंबर की शायं 7 बजे मैं महतो टोला से हंडिया(राईस बीयर) पी कर लौट रहा था, तभी राजेन्द्र महतो ने अपने घर के समिप रोक लिया और मुझे पीटने की धमकी देकर मोबाईल से रिकार्डिंग किया। मुझे ये भी नही पता कि मैंने नशे में पिटाई के डर से क्या-क्या कहा था। पुछने पर पीड़ित व्यक्ति ने ये भी बताया कि उस दौरान राजेन्द्र महतो के साथ काफी ज्यादा लोग थें, जो गांव के बाहर के थें।  

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