Categories
Corona मुद्दा

नामकुम बीडीओ ने प्रवासी मजदूरों को पं. सचिवालय में रखने से मुखिया को किया मना, मजदूर नही रहना चाहते हॉम क्वारंटीन…

4

रिपोर्ट- संजय वर्मा…  

रांचीः इन दिनों काफी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने-अपने गृह जिलों में लौट रहे हैं। जिसे देखते हुए जिलाधिकारियों द्वारा पत्र निर्गत कर प्रवासी मजदूरों को पंचायत सचिवालयों में ही क्वारंटीन करने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था, इसके तहत मजदूरों को क्वारंटीन सेंटर में खाना से लेकर अन्य जरुरी सामान मुखिया द्वारा मजदूरों को पंचायत सचिवालय में बने क्वारंटीन सेंटर में ही उपलब्ध करवाना था। सरकार ने पत्र निर्गत कर ये आदेश दिया था कि इस कार्य में 14वें वित्त आयोग का पैसा मुखिया खर्च करें। लेकिन ज्यादातर पंचायत के मुखिया पूर्व में ही 14वें वित्त आयोग का पैसा खर्च कर चुके हैं और वर्तमान में उनके अकाउंट में मात्र 10 प्रतिशत राशि ही बचा हुआ है, जो नियमानुशार उन्हें आकास्मिक सेवा के लिए बचा कर रखना है। जिलाधिकारियों ने अपने निर्गत पत्र में ये नही कहा है कि बचे हुए 10 प्रतिशत आकास्मिक राशि को भी खर्च कर सकते हैं, इस बात को लेकर मुखियाओं में उहापोह की स्थिति बनी हुई है और मुखिया इस राशि को मजदूरों के रख-रखाव में खर्च करने से कतरा रहे हैं।

पंचायत सचिवालयों में नही किया जा रहा है प्रवासी मजदूरों को क्वारंटीनः

रांची जिले के विभिन्न पंचायतों के पंचायत सचिवालयों में जिलाधिकारी के आदेश के बाद मुखियाओँ ने 15 से 20 बेड लगा तो जरुर दिया है, लेकिन भोजन, पानी और शौचालय जैसी सुविधाओँ का यहां घोर अभाव है। जिसके कारन गांव पहुंच रहे ज्यादातर प्रवासी मजदूरों को हॉम क्वारंटीन पर ही भेज दिया जा रहा है।

कुछ गांव में हॉम क्वारंटीन का ग्रामीण कर रहे हैं विरोधः

वर्तमान समय मे कोरोना पॉजिटिव के ज्यादातर मामले प्रवासी मजदूरों में ही देखे जा रहे हैं, जिसके कारन ग्रामीण मजदूरों को हॉम क्वारंटीन पर रखे जाने का विरोध कर रहे है। इसके अलावा प्रवासी मजदूरों के घर में इतनी सुविधा भी नही है कि वो अपने आप को परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रख सके, चाहे सोने का कमरा, शौचालय या फिर खाने पीने में, इसलिए प्रवासी मजदूर भी नही चाहते हैं कि वे अपने घरों में रहें। दो दिनों पूर्व हुआंगहातू पंचायत में 8 मजदूर कर्नाटक से अपने गांव पहुंचे थें, जिन्के हांथों में मेडिकल टीम द्वारा जांच के बाद एच क्यू लिखा गया था, यानि हॉम क्वारंटीन। लेकिन जब ये मजदूर अपने गांव पहुंचे तो वहां महिला समिति की महिलाओं द्वारा इन्हें हॉम क्वारंटीन पर रखे जाने का विरोध करते हुए पंचायत सचिवालय में भेज दिया गया।

बीच मझधार में फंसी मुखिया वीणा देवीः

मजदूरों के पंचायत सचिवालय पहुंचने की जानकारी मिलने के बाद मुखिया वीणा देवी, पंचायत सचिवालय पहुंची और सभी के लिए तत्काल में भोजन की व्यवस्था की, फिर मुखिया ने मामले की सूचना नामकुम प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी देवदत पाठक को दी। इस पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मुखिया को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने क्यों पंचायत सचिवालय में रखा है, सभी को उनके घरों में भेजिए, और अगर पंचायत में रखते हैं तो सारा खर्च आप ही वहन किजिए। बीडीओ द्वारा इस तरह फटकार मिलने से मुखिया थोड़ी घबरा गई, क्योंकि घरों में मजदूर रहना नही चाहते और बीडीओ पंचायत में रखे जाने से साफ मना कर रहे हैं।

मुखिया वीणा देवी ने जिप सदस्य आरती कुजूर से मदद के लिए लगाई गुहारः

बीडीओ से फटकार मिलने के बाद बीच मझधार में फंसी मुखिया वीणा देवी ने नामकुम प्रखंड मध्य की जिप सदस्य, आरती कुजूर से मदद करने की गुहार लगाई, जिसके बाद आरती कुजूर 8 मजदूरों के लिए जरुरी खाद्य सामाग्री के साथ अन्य जरुरी सामान लेकर हुआंगहातू पंचायत पहुंची। यहां मजदूरों ने जिप सदस्य आरती कुजूर को अपने घरों की माली हालत की जानकारी दी, साथ ही ये भी बताया कि पंचायत सचिवालय में बेड को छोड़ कर कोई सुविधा नही है। शौचालय है लेकिन पानी की व्यवस्था नही, चापाकल है लेकिन खराब पड़ा हुआ है। जिसके कारन परेशानी हो रही है। मजदूरों की परेशानी जानने के बाद आरती कुजूर ने जल्द ही समस्या का समाधान निकालने की बात कही और मजदूरों को 50 किलोग्राम चावल, तेल, आलू, नमक, सोयाबीन बर्री, साबुन और नमों किट उपलब्ध करवाया जिसमें मास्क सेनिटाईजर और पतंजलि नहाने का साबुन भी मौजुद था।

बीडीओ कर रहे हैं मानवता की बात, जिम्मेवारी की नहीः

इस पूरे मामले पर बीडीओ देवदत्त पाठक से बात की गई जो निम्नलिखित हैः

सवालः सरकार ने पहले पंचायत सचिवालयों में ही क्वारंटीन करने की बात कही थी, और अब हॉम क्वारंटीन पर ही रखने के लिए क्यों कहा जा रहा है?

जवाबः मेडिकल टीम द्वारा जांचोपरांत मजदूरों के हांथ में लिख दिया जा रहा है कि किन्हें होम क्वारंटीन पर रखना है और किन्हें नहीं।

सवालः पंचायत सचिवालयों में सुविधाओं का अभाव है, मुखिया के पास फंड नही है?

जवाबः जहां भी पानी की सुविधा नही है, वहां चापाकल रिपेयर करवाया जा रहा है, कहीं कहीं टैकर से भी पानी की व्यवस्था की जा रही है।

सवालः जिलाधीकारी ने 14वें वित्त आयोग की राशि खर्च करने के लिए पत्र निर्गत किया है, लेकिन ज्यादातर पंचायत के अकाउंट में मात्र 10 प्रतिशत आकास्मिक खर्च की राशि बची हुई है, इस राशि को खर्च करने का कोई स्पष्ट निर्देश पत्र में नही है, जिसके कारण मुखिया राशि खर्च नही कर रहे है?

जवाबः इस मामले में जल्द ही बैठक कर मुखियाओं को निर्देश दिया जाएगा।

सवालः हुवांगहातू पंचायत सचिवालय में मजदूरों को रखने से मना क्यों किया?
जवाबः वहां पहुंचे सभी मजदूरों को मेडिकल टीम ने हॉम क्वारंटीन पर रखे जाने के लिए कहा है, लेकिन मुखिया वीणा देवी ने मुझे बताया कि मजदूर हॉम क्वारंटीन पर रहना नही चाहते हैं, इसके बाद मैं मानवता के आधार पर उन लोगों के लिए चावल, चुड़ा गुड़ भिजवा चुका हूं और टैंकर से पानी की सुविधा भी उपलब्ध करवाने का आदेश मुखिया को दिया हूं।  

By taazakhabar

"TAAZA KHABAR JHARKHAND" is the latest news cum entertainment website to be extracted from Jharkhand, Ranchi. which keeps the news of all the districts of Jharkhand. Our website gives priority to news related to public issues.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *