खूंटी और रांची जिला में जेसीबी मशीन लगाकर कांची नदी से हो रहा है बालू का अवैध उत्खनन, सरकार को प्रतिमाह करोड़ो का हो रहा है राजस्व का नुकशान

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रिपोर्ट संजय वर्मा…

रांचीः खूँटी जिला अंतर्गत अड़की प्रखंड से होकर गुजरने वाले कांची नदी से ग्राम चैनपुर, गुड़बेड़ा, सारगेया, कोटा आदि गाँव और दूसरी छोर पर रांची जिला अंतर्गत बारीडीह, कराम्बू और पांगूरा गांव से भारी मात्रा में बालू का अवैध खनन किया जा रहा है, जिसके कारन हर माह करोड़ों रुपये राजस्व का नुकशान सरकार को हो रहा है।

रात ही नहीं दिन के उजाले में भी जेसीबी मशीन से हो रहा है बालू खनन और उठावः

कांची नदी खूंटी और रांची जिला के बोर्डर से हो कर गुजरती है। कांची नदी के दोनों ही किनारे से बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। अवैध बालू खनन में रांची जिला अंतर्गत बुंडू प्रखंड के बालू माफिया ज्यादा सक्रिय है। अड़की प्रखंड अंतर्गत गांवों से जो बालू का उत्खनन हो रहा है, उसे सलगाडीह के रास्ते हाईवा और ट्रेक्टर के माध्यम से निकाल कर जमशेदपुर की ओर सप्लाई किया जा रहा है, जबकि रांची जिला अन्तर्गत बारीडीह, पांगूरा और कराम्बू से निकाले जा रहे बालू की आपूर्ति रांची और आसपास के क्षेत्रों में की जा रही है। बालू निकासी का ये कार्य सिर्फ रात के अंधेरे में ही नहीं, बल्कि दिन के उजाले में भी जेसीबी मशीन लगा कर किया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीण बताते है कि प्रतिदिन लगभग 6-700 ट्रैक्टर और लगभग 150 हाईवा के माध्यम से बालू उठाव हो रहा है।

ये बालू माफिया करवा रहे हैं अवैध उत्खननः

जब हमारी टीम ने इस मामले में स्थानीय ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया की काफी मात्रा में कांची नदी से बालू का खनन होने के कारन आसपास के क्षेत्रों में कुंवा, चापानल और तालाबों का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। अगर यही हाल रहा तो आने वाली गर्मी में इस क्षेत्र के लोग पानी के लिए तरस जाएंगे। वहीं जब हमने बालू के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी मांगी, तो ग्रामीण कैमरे पर बोलने के लिए तैयार नही हुएं, लेकिन ऑफ दी कैमरा इन्होंने बताया कि, बालू का अवैध खनन बुंडू प्रखंड अंतर्गत तुन्जू गांव में रहने वाले सुशील दास,फाल्गुनी दास, सिंगराय दास, सूरत दास, कलेश्वर महतो, परीक्षित महतो, परमेश्वर महतो और कृष्णा महतो समेत कई लोग करवा रहे हैं।

बरसात के पूर्व का स्टॉक बालू दिखा कर काटा जाता है चालान…

बालू माफिया वरसात के पूर्व काफी मात्रा में बालू का स्टॉक जमा कर चुके थें, जो स्टॉक काफी पहले ही खत्म हो चुका है। लेकिन वर्तमान में जो बालू की अवैध निकासी कांची नदी से हो रही है, उसे पुराना स्टॉक का ही बालू कागजातों में दिखाया जाता है।

थाना से लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों तक की है मिली भगतः

जानकार बताते हैं कि बालू का ये अवैध कारोबार प्रतिदिन करोड़ों का है। संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा कभी भी स्थल पर जा कर बालू का स्टॉक चेक नही किया जाता है। जब कभी मीडिया में इस अबैध कारोबार की खबर आती है, तो एक-दो दिनों के लिए अवैध उत्खनन बंद कर दिया जाता है। स्थानीय थाना और अधिकारी सिर्फ आईवॉश के लिए कुछ वाहनों को जप्त करते हैं, फिर उस वाहन के मालिक से मोटी रकम उगाही कर वाहनों को थाने से ही छोड़ देते हैं।

कुछ मजबुरियां, लेकिन सूचना पर जल्द होगी कार्रवाईः गौतम प्रसाद, बीडीओ, अड़की प्रखंड

इस पूरे मामले पर खूंटी जिला, अड़की प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी गौतम प्रसाद से बात की गई। गौतम प्रसाद ने बताया कि पूर्व में भी मुझे अवैध बालू उत्खनन की सूचना प्राप्त हुई थी, लेकिन नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारन उन स्थलों पर जाना टीम के लिए सुरक्षित है। वहां पुरी तैयारी के साथ जाना पड़ेगा, जिसमें स्थानीय पुलिस की भी सहयोग होनी चाहिए। मैने स्थानीय पुलिस से इस मामले को लेकर बातचीत की है, जल्द ही कार्रवाई करते हुए अवैध उत्खनन पर रोक लगाया जाएगा। इस मामले पर जिला खनन पदाधिकारी से भी बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने “ताजा खबर झारखंड” का फोन रिसिव नही किया, जिसके कारन उनका पक्ष नही आ सका।

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