हेमंत सरकार दलित और आदिवासी विरोधीः कमलेश राम, भाजपा नेता

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रिपोर्ट- वसीम अकरम…

रांचीः शुक्रवार को बीआईटी मेसरा स्थित शहीद निर्मल महतो प्रतिमा के समक्ष कांके विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी सह भाजपा नेता कमलेश राम के नेतृत्व में भूखल घांसी और उनके परिजनों की मौत को लेकर कैंडल मार्च निकाला गया। भाजपा नेता कमलेश राम ने मांग किया कि भूखल घासी व उनके  परिजनो के मौत के लिए दोषी अधिकारी पर अविलम्ब कार्रवाई हो। भाजपा नेता कमलेश राम ने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग सरकार से की।

बिते 7 मार्च को झारखंड के बोकारो जिले में भूखल घासी (42 वर्ष) की मौत भूख से हो गयी थी। बताया गया कि भूखल घासी के घर में चार दिनों से चूल्हा नहीं जला था। जिसके बाद इस मामले को भाजपा विधायक द्वारा विधानसभा सत्र में प्रमुखता से उठाया गया था। इस दौरान मौन प्रदर्शन,  विधान सभा का बहिष्कार तक किया गया, लेकिन राज्य सरकार के कानों पर जूं तक नही रेंगी। छः माह के अंतराल में भूखल घासी के तीन परिजनों की मौत हो गयी और आज उसके बेटी की भी मौत हो गयी। भूखल घासी के बेटी की मौत के बाद कमलेश राम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की बात भी कही। उन्होंने सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री एवं अधिकारियों से पूछा कि क्या यह सरकार दलित और आदिवासियों से जीने का अधिकार भी छीनना चाहती है।

बताते चलें कि भूखल घांसी की मौत की खबर 6 मार्च 2020 की शायं को ही कसमार प्रखंड के बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा को दी गई थी, लेकिन तीन चार घंटा बीत जाने के बाद भी कोई अधिकारी या कर्मी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा था। दूसरी तरफ क्षेत्र के ही कुछ दबंग लोगों के दबाव में भूखल घासी के शव को जला दिया गया। ऐसी हरकत से शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया।

मौके पर राजा महतो, सुंदर नायक, बिक्की कुमार, अर्जुन मंडल, अभिषेक कुमार के अलावे कई कार्यकर्ता शामिल रहें।

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