वर्चस्व की लड़ाई में पूर्व माओवादी मोहन यादव मारा गया….

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रिपोर्ट- अन्नू साहू…

रांचीः पिछले दो सालों से आतंक का पर्याय बने पूर्व माओवादी मोहन यादव की हत्या बुढ़मू थाना क्षेत्र के उमेडण्डा स्थित सहैदा जंगल, मनु नायक ईंट भट्टा के समीप कर दी गई। हत्या की जिम्मेवारी टीपीसी उग्रवादी संगठन के दिनेश जी ने ली है। हालांकि इस संबंध में ग्रामीण एसपी ने कहा कि जांच की जा रही है, प्रथम दृश्टया ये मामला वर्जस्व की लड़ाई का लगता है और किसी प्रतिबंधित संगठन ने ही घटना को अंजाम दिया है।

जानकारी देते चलें कि पूर्व में मोहन यादव भाकपा माओवादी संगठन से जुड़ा हुआ था, लेकिन बाद में माओवादी संगठन से अलग होकर स्वयं का संगठन चला रहा था। पिछले दो वर्षों से बुढ़मू, खेलारी, चान्हो, पिठौरिया क्षेत्र में सक्रिय था और लेवि वसूलने का काम कर रहा था। पुलिस को पिछले दो वर्षों से मोहन यादव की तलाश थी। इधर माओवादी मोहन यादव के मारे जाने के बाद पुलिस राहत की सांस ली है।

ही घटना के बारे में बताया जा रहा है कि रविवार की रात 10 बचे मोहन यादव का दस्ता और टीपीसी के दस्ते के साथ जमकर मुठभेड़ हुई थी, जिसमें मोहन यादव मारा गया। घटना को अंजाम देने के बाद टीपीसी का दस्ता घटना स्थल से निकल गया। मोहन यादव क्षेत्र में काफी तेजी से अपना विस्तार कर रहा था, जिस कारन टीपीसी उग्रवादी संगठन को लेवि मिलने में परेशानी हो रही थी। यही कारन है कि टीपीसी के दस्ते ने इस घटना को अंजाम दिया, ताकि टीपीसी का वर्चस्व क्षेत्र में बना रहे। मोहन यादव से पूर्व टीपीसी उग्रवादी सागर गंझू का दस्ता इस क्षेत्र में सक्रिय था, उसकी मुठभेड़ में हत्या के बाद से मोहन यादव इस क्षेत्र में काफी तेजी से अपना पकड़ कायम कर चुका था।

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