जिला प्रशासन की लापरवाही से मधुवन में हजारों डोली मजदूर हो चुके हैं बेरोजगार, मजदूरों ने जिला प्रशासन के खिलाफ फूंका बिगुल..

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

गिरिडीहः गिरिडीह जिला के मधुवन स्थित पारसनाथ पहाड़ी पर पहुंचने वाले जैन श्रद्धालु और पर्यटको को 9 किलोमीटर उपर पारसनाथ पहाड़ी पर डोली से यात्रा करवा कर, वर्षों से यहां के स्थानीय डोली मजदूर अपना गुजर बसर करते चले आ रहे हैं, लेकिन सन् 2017 में सरकारी कार्यों के लिए सरकार द्वारा पारसनाथ पहाड़ी पर कच्ची सड़क का निर्माण करवाया गया है, जिसका उपयोंग बाईक चालक सवारी ढ़ोने में कर रहे हैं। तात्कालीन उपायुक्त ने स्पष्ट रुप से कहा था कि, सड़क का उपयोग सिर्फ और सिर्फ सरकारी कार्यों में किया जाएगा। बखुबी स्थानीय पुलिस द्वारा पारसनाथ पहाड़ी के मुख्य द्वार के समक्ष 18 अगस्त 2018 में बोर्ड भी लगाया गया है, जिसमें स्पष्ट रुप से लिखा गया है कि, पारसनाथ पर्वत पर दो पहिया वाहन से यात्रा करना वर्जित है। पकड़े जाने पर चालक के खिलाफ विधी सम्मत् कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस की मिली भगत से पहाड़ पर हो रही है बाईक का परिचालनः डोली मजदूर

डोली मजदूरों के अनुशार कानून का पालन करवाने वाले पुलिसकर्मियों की मिली भगत से बाईक चालकों द्वारा पहाड़ पर सवारी लेकर जाया जा रहा है। ये बाईक सवार दिनभर की कमाई से पुलिस को भी उनका हिस्सा देते हैं, यही कारन है कि इस अवैध कार्य पर पुलिस द्वारा प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है। इस अवैध कार्य में लगभग 200 मोटरसाईकिल का उपयोग किया जा रहा है।

झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के अध्यक्ष, अजीत राय आंदोलन की रणनीति बनाते हुए.

डोली मजदुर बताते हैं कि, बाईक से सवारी ढ़ोने के कारन पहले से ही मजदुरों को रोजगार नहीं मील रहा है और लोक डाउन के दौरान पर्यटक और श्रद्धालुओं का यहां आना बंद हो गया था, जिसके कारन हजारों डोली मजदूर रोजी-रोटी की जुगाड़ में महानगरो की ओर पलायन कर चुके हैं, और जो लोग अब भी यहां इस कार्य में डटे हुए हैं, उन्हें पहाड़ पर बाईक से सवारी ढ़ोने के कारन रोजगार नहीं मील पा रहा है।

प्रशासन की लापरवाही से खड़ी हो रही है बेरोजगारों की फौजः डोली मजदूर

पूर्व में स्थानीय मजदूर यूनियन में रजिस्टर्ड डोली मजदूरों की संख्या लगभग 12 हजार थी, जो वर्तमान में काफी घट चुकी है। डोली मजदूरों ने कहा कि अगर प्रशासन कड़ाई से पहाड़ पर बाईक परिचालन पर रोक नहीं लगाती है, तो डोली मजदूरों का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा, ऐसे में इस धंधे से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े लगभग 1 लाख लोगों के समक्ष जिविकोपार्जन की समस्या खड़ी हो जाएगी।

पहाड़ पर बाईक परिचालन के खिलाफ 17 मार्च को होगी बड़ी जनसभाः अध्यक्ष, मजदूर यूनियन

झारखँड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के अध्यक्ष अजीत राय ने बताया कि डोली मजदूरों की समस्या को देखते हुए एक दिवसीय धरना पारसनाथ पहाड़ी के मुख्य द्वार के समक्ष दिया गया है। अगर अब भी प्रशासन इस अवैध कार्य पर लगाम नहीं लगाती है, तो 17 मार्च को विशाल जनसभा किया जाएगा, जिसके बाद बड़ा आंदोलन करने का निर्णय लिया जाएगा। अजीत राय ने बताया कि पूर्व में इसी मांग को लेकर एक दिवसीय मधुवन बंद किया जा चुका है, लेकिन जिला प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। लेकिन अब मजदुरों के समक्ष जीने और मरने का सवाल है, ऐसे में डोली मजदूर अब कोई भी बड़ा कदम उठा सकते हैं।

स्थानीय प्रशासन उचित कदम उठा कर दूर कर सकती है स्थानीय डोली मजदूरों के बेरोजगारी की समस्याः

लोक डाउन के दौरान से देश में करोड़ों लोग बेरोजगार हुए हैं, जो वर्तमान में राष्ट्रीय मुद्दा बना हुआ है। लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही से अगर स्थानीय स्तर पर हजारों मजदूर बेरोजगार होतें है, तो सरकार को इस पर कड़ा एक्शन लेने की जरुरत है। स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन सही कदम उठा कर मजदूरों को रोजगार दिला सकती है।     

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