रिपोर्ट- संजय वर्मा, बिनोद सोनी….
रांचीः बिते 29 जुलाई को रांची जिला के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा एक विज्ञापन निकाला गया था, जिसमें रांची जिला प्रशासन द्वारा संचालित कोविड केयर सेंटर और कोविड अस्पतालों में कार्य करने हेतु निम्नलिखित अहर्ताधारी व्यक्तियों को दिनांक 4 अगस्त 2020 को सिविल सर्जन रांची के सभागार में पूर्वाह्न 10 बजे मूल प्रमाण पत्र एवं बायोडाटा के साथ इंटरब्यू में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था।
निम्नलिखित पदों के लिए इंटरब्यू आमंत्रित किया गया थाः
- Physician
- Pediatrician
- Anaesthesiologist
- Intensive Care Specialist
- Intencive Care Duty Doctors
- General Duty Medical Officers
- Lab Technicians
- Pharmacists
- GNM
- ANM
- P.T. Assistants
- Dressers
- Data Entry Operators
विज्ञापन के अनुशार निर्धारित तिथी 4 अगस्त को सैंकड़ों की संख्या में योग्यताधारी अभ्यर्थी सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचें, जो राजधानी रांची ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों से भी पहुंचे थें, जिसके बाद देखते ही देखते अभ्यर्थियों की संख्या 500 से भी उपर चली गई। यहां अभ्यर्थी कतारबद्ध तो जरुर हुएं, लेकिन सोशल डिस्टेन्सिंग की धज्जियां उड़ाते हुए। यहां सिविल सर्जन की ओर से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुशार कोई तैयारी नही की गई थी।
एनआरएचएम, एएनएम-जीएनएम सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठें, इंटरब्यू हुआ बाधितः
सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर जब इंटरब्यू को लिए लोग कतारबद्ध हो कर खड़े थें, उसी वक्त जिले में कार्यरत एएनएम, जीएनएम वहां पहुंच कर धरने में बैठ गए, जिससे यहां चल रहे इंटरब्यू का कार्य पूरी तरह बाधित हो गया। धरने पर बैठी, एएनएम प्रतिनिधि ने कहा कि पूर्व में ही सिविल सर्जन को 4 अगस्त को वार्ता करने के लिए नोटिस दिया गया था, हमलोग अपने निर्धारित समय और तिथि के अनुशार पहुंचे हैं, लेकिन सिविल सर्जन कार्यलय नही पहुंचें हैं। इसलिए इंटरब्यू कार्य बाधित किया गया है।
कोरोना से मौत होने पर पूरी जिम्मेवारी सरकार की होगीः एएनएम प्रतिनिधि
एएनएम प्रतिनिधि ने बताया कि, हम सभी सिर्फ शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी सेवा दे रहे हैं, लेकिन सरकार हमारी मांगों पर कोई ध्यान नही दे रही है। अगर जल्द ही वार्ता कर हम सभी का स्थायीकरण नहीं किया गया तो, हम सभी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान अगर कोरोना के कारन मरीजों की मौत होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेवारी सरकार की होगी।
इंटरब्यू देने पहुंचे अभयर्थी एएनएम,जीएनएम पर भड़केः
इंटरब्यू कार्य बाधित होने से यहां कतारबद्ध अभ्यर्थियों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। ये सभी दूर दराज के क्षेत्रों से भी पहुंचे अभ्यर्थि थें। इस दौरान धरने पर बैठे स्वास्थ्यकर्मी और अभ्यर्थियों के बीच थोड़ी देर के लिए नोकझोंक भी हुई, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी वार्ता की मांग को लेकर धरने पर बैठे रहें। दोपहर को 2 बजे तक सिविल सर्जन कार्यालय नही पहुंचे, जिसके बाद इंटरब्यू देने पहुंचे सैंकड़ों लोगों ने अपने-अपने आवेदन कार्यालय के बाहर ड्यूटी में तैनात सुरक्षा गार्ड को थमा कर वापस चले गएं और हड़ताली स्वास्थ्य कर्मी धरने में डटे रहें। दोपहर के 2 बजे तक सिविल सर्जन अपने कार्यलय में नहीं पहुंचे थें।