रिपोर्ट- वसीम अकरम…
रांचीः गुरुवार को झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ की वार्ता ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के साथ हुई। वार्ता में मनरेगा कर्मचारी संघ के 5 सूत्री मांगों पर विचार विमर्श किया गया। संघ की ओर से अपनी सेवा स्थाई करने की मांग रखी गई। जब तक स्थाईकरण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होती है तब तक ग्रेड पे के साथ वेतनमान की मांग की गई। इस पर मंत्री आलमगीर आलम की ओर से संघ को आश्वस्त किया गया कि ग्रेड पे के साथ भुगतान या स्थाई करण के लिए सरकार को कुछ समय चाहिए, लेकिन सरकार मनरेगा कर्मियों के भविष्य कैसे सुरक्षित हो इसके लिए 15 दिन के अंदर विचार करेगी और आपके पक्ष में अच्छे निर्णय लेगी। मनरेगा कर्मियों की बर्खास्तगी ना हो इस पर भी कानून बनाया जाएगा एवं वर्तमान में हुए बर्खास्तगी की पुनः जांच करायी जाएगी।
बैठक में चतरा, गिरिडीह, पाकुड़, धनबाद एवं अन्य सभी जिले में हुए बर्खास्तगी की विस्तृत जानकारी सरकार को दी गई। मंत्री की ओर से जो भी उचित संघ की मांग है उसको पूरा करने का आश्वासन दिया गया। सरकार के साथ सकारात्मक वार्ता होने एवं कोविड-19 में मजदूरों के हित को देखते हुए सरकार के आग्रह से संघ ने वर्तमान में अपने हड़ताल को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है, यदि सरकार वार्ता में किए गए वादों को पूरा नहीं करती है तो संघ फिर से आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
ज्ञात हो कि संघ की ओर से अभिभावक के रुप में पूर्व सांसद गोड्डा, फुरकान अंसारी उपस्थित थें। संघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडे, महासचिव मोहम्मद इम्तियाज, प्रदेश सचिव जॉन पीटर बागे, मीडिया प्रभारी गांगुली, रांची जिला अध्यक्ष संजय प्रमाणिक, प्रदेश उपाध्यक्ष महेश सोरेन, जितेंद्र झा देवघर जिला अध्यक्ष सत्यम सिंह, संतोष कुमार, अजीत महतो, अमितेश कुमार पंकज, कुमार कृष्णा एवं अन्य सभी जिलों से आए हुए मनरेगा प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।