तीन जुलाई को रचा जाएगा संघर्ष का नया ईतिहास: के.एन. रामचन्द्रन, केन्द्रीय महासचिव, भाकपा माले रेड स्टार

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः 3 जुलाई को भाकपा माले सीपीआई रेड स्टार पार्टी समेत तमाम वामपंथी दलों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इन संगठनों ने कूल 12 मांगों को लेकर हड़ताल का आह्वान किया है। भाकपा माले सीपीआई रेड स्टार के केन्द्रीय महासचिव कामरेड के.एन. रामचन्द्रन ने वीडियो जारी कर 12 मांगों के संबंध में जानकारी साझा की है। कॉमरेड रामचन्द्रन ने सभी मजदूर संगठनों से आह्वान किया है कि 3 जुलाई को सभी लोग एकजुटता के साथ सड़कों पर उतरें और मांगों के समर्थन में एकजुटता का प्रदर्शन करें।

चाईना के साथ 4000 कि.मी. लंबे एलएसी का स्थाई समाधान वार्ता से निकाला जाएः कॉमरेड रामचन्द्रन

देश एक खतरनाक स्थिति से गुजर रहा है। देश की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो चुकी है, इस हालात में अगर चाईना के साथ बॉर्डर वार होती है, तो इसका आर्थिक बोझ देश की जनता पर पड़ेगा। सरकार को चाहिए कि इस 4000 कि.मी. लंबे एलएसी का स्थाई समाधान वार्ता करके करे। वामपंथी दल इस समस्या का समाधान वार्ता से चाहती है, ताकि जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ ना पड़े।

जीडीपी का 5 प्रतिशत कोरोना योद्धाओं और स्वास्थ्य सुविधा पर खर्च करे सरकारः

कोविड-19 का प्रभाव देश में जारी है, वर्तमान में कोविड-19 प्रभावित मरीजों की संख्या 6 लाख से भी उपर जा चुकी है और लगभग 20 हजार लोग इस महामारी में मृत्यू को प्राप्त कर चुके हैं। वर्तमान में इस महामारी के खत्म होने की कोई संभावना भी नही है। इस लिए सरकार कोविड को रोकने के लिए जीडीपी का पांच प्रतिशत राशि कोरोना योद्धाओं और स्वास्थ्य सुविधा पर खर्च करे।

प्राईवेट अस्पतालों को केन्द्र सरकार अपने नियंत्रण में रखेः

देश में कोविड-19 का प्रकोप लगातार जारी है, प्रतिदिन हजारों लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं, लेकिन केन्द्र सरकार ने अब तक इसे रोकने को लेकर कोई साकारात्मक और ठोस पहल नही किया है। प्राईवेट अस्पताल वाले अब भी मनमानी कर रहे हैं। केन्द्र सरकार को चाहिए कि जब तक कोविड-19 खत्म नही हो जाता है, तब तक सभी प्राईवेट अस्पतालों को अपने नियंत्रण में रखे, वर्तमान में ये सभी मुनाफा कमाने में लगे हुए हैं। कॉमरेड रामचन्द्रन ने केन्द्र सरकार से ये भी मांग की है कि कोविड-19 की जांच देशभर में फ्री करे, ताकि गरीबों को राहत मील सके।

15 मार्च के बाद से 40 करोड़ कोन्ट्रेक्ट वर्कर्स तनख्वाह से वंचित हैः

कॉमरेड रामचन्द्रन ने ये भी जानकारी दी है कि देशभर में लगभग 40 करोड़ कोन्ट्रेक्ट कर्मचारियों को वेतन नही दिया जा रहा है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में काफी संख्या में लोग बेरोजगार हैं। सभी वामपंथी दल सरकार से मांग करती है कि प्रत्येक कोन्ट्रेक्ट मजदूर को 6 महीने तक 10,000 रुपये का भत्ता देने का काम करे। वहीं राज्य सरकारों से मांग की है कि जितने भी प्रवासी मजदूर वापस अपने राज्यों में लौटे हैं, वहां की सरकार मजदूरों को 200 दिन की गारंटी के साथ मनरेगा में रोजगार उपलब्ध करवाए और मजदूरी की दर 5 सौ रुपये निर्धारित करे।

हाल के दिनों में निकाले गए तीनों अध्यादेश सरकार वापस लेः

केन्द्र सरकार ने देश भर में 41 कॉल माईन्स की निलामी के लिए अध्यादेश जारी किया है। इस अध्यादेश का सभी वामपंथी संगठनों ने जोरदार तरीके से विरोध किया है। कॉमरेड रामचन्द्रन ने जारी वीडियों मे कहा है कि इस निलामी का सबसे ज्यादा प्रभाव किसान वर्ग और आदिवासियों पर पड़ेगा। इसलिए केन्द्र सरकार अविलंब इस अध्यादेश को वापस ले।

कोविड-19 को मजदूरों पर हंथियार के रुप में उपयोग कर रही है केन्द्र सरकारः

कॉमरेड रामचन्द्रन ने मोदी सरकार को मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि, केन्द्र सरकार कोविड-19 को मजदूरों के खिलाफ हंथियार के रुप में उपयोग कर रही है। मजदूरों के लिए काम का समय 8 घंटा निर्धारित है, लेकिन कोरोना काल में मोदी सरकार ने इस हंथियार का उपयोग करते हुए मजदूरों के लिए काम का समय 12 घंटे निर्धारित कर दिया है। मजदूर वर्ग ने लगभग 150 साल लंबा संघर्ष करके 8 घंटे काम करने का अधिकार प्राप्त किया है, लेकिन मोदी सरकार की बूरी नजर मजदूरों को लग चुकी है, जिसका सभी मजदूर संगठन पूरजोर विरोध करती है।

जम्मु कश्मीर से आर्टिकल 370 सरकार वापस लेः कॉमरेड के.एन. रामचन्द्रन

जम्मु कश्मीर में आर्टिकल 370 की आड़ में मोदी सरकार जनता के जनवादी अधिकारों को लगातार हनन कर रही है। मोदी सरकार जम्मु कश्मीर को एक जेल में परिवर्तित कर चुकी है। लगातार वहां जनता के अधिकारों पर हमला हो रहा है। वहां के नौजवानों में भय का माहौल पैदा कर चुकी है मोदी सरकार। सभी वामपंथी दल केन्द्र सरकार से मांग करती है कि जम्मु कश्मीर की जनता को आत्मनिर्णय का अधिकार मिलना चाहिए और वहां पुरानी व्यवस्था बहाल करे।

जनता के मुद्दों को लेकर संघर्ष करने वालों पर यूएपीए लगाना गलतः कॉमरेड के.एन. रामचन्द्रन

कॉमरेड के.एन. रामचन्द्रन ने आगे कहा कि सरकार एक सोंची समझी साजिश के तहत जनवादी अधिकारों को लेकर संघर्ष करने वालों पर लगातार अत्याचार कर रही है। जो लोग भी जनता के मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं उन्हें यूएपीए लगाकर सलाखों के अंदर भेज दे रही है। आदिवासी, दलितों पर माओवादी समर्थक होने का आरोप लगा कर उन्हें भी जेल में डाल दे रही है। वामपंथी दल सरकार से मांग करती है कि यूएपीए को खारीज करे और जितने भी राजनीतिक बंदी है, उन्हें अविलंब रिहा करे।

https://youtu.be/MoUW7G3y3Bk

कॉमरेड के.एन. रामचन्द्रन ने आगे कहा कि इन सभी मांगों को लेकर 3 जुलाई को देश भर में सभी वामपंथी दल मजदूर संगठन और सामाजिक संगठन के लोग सड़कों पर उतरेंगे। सरकार कोविड-19 के नाम पर जनता के संघर्षों को तोड़ने का प्रयास कर रही है, लेकिन अब संघर्ष तेज करने का समय आ चुका है और जनता का ये संघर्ष तीन जुलाई को देशभर में सड़कों पर देखने को मिलेगा।

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