केन्द्र का गलत निर्णय, राज्य सरकार की वाहवाही, 1 जून को आंकड़ा था 664, 9 जून को हुआ 1330….

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

राँची: झारखंड में एक सप्ताह के अंदर कोरोना पोजिटिव मरीजों की संख्या में दोगुणी रफ्तार से वृद्धि हुई है। एक जून को आंकड़ा जहां 664 था वहीं 9 जून की सुबह तक ये आंकड़ा दोगुणी रफ्तार से बढ़ते हुए 1330 पर जा पहुंचा है। 8 जून की देर रात तक 16 जिलों में कुल 187 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। राज्य में अब तक कुल 1330 कोरोना संक्रमित मिले चुके हैं। नए मिले कोरोना पॉजिटिव मामले में सबसे अधिक सिमडेगा से 59, धनबाद से 19, गुमला से 18, चतरा से 17, लातेहार 14, लोहरदगा 13, पाकुड़ 12, जामताड़ा 9, देवघर 5, गढ़वा 5, पूर्वी सिंहभूम 4, खूंटी 3, हजारीबाग 3, रांची 3, रामगढ़ 2 और गिरिडीह से 1 शामिल है। वहीं राज्य भर में अब तक 519 कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ्य भी हो चुके हैं, जबकि 7 मरीजों की मौत हो चुकी है। फिलहाल राज्य में 804 एक्टिव मामले है।

झारखंड में जिलावार कोरोना की स्थितिः

जिला    पॉजिटिवमौतस्वास्थ्य
रांची153       3     123
बोकारो25120
हजारीबाग113065
धनबाद114052
गिरिडीह30120
कोडरमा62131
सिमडेगा172132
देवघर10005
गढ़वा86058
पलामू29026
लातेहार40007
जामताड़ा19002
गोड्डा1001
दुमका4004
पू. सिंहभूम182033
प. सिंहभूम22006
लोहरदगा31006
रामगढ़85010
गुमला58006
सरायकेला20006
चतरा18001
पाकुड़17003
खूंटी13002
साहेबगंज3000
कूल13307519

झारखंड में अब तक कुल 95,7,01 कोविड-19 सैंपल लिए गए हैं, जिसमें 92,3,65 सैंपल की जांच की जा चुकी है।  कुल 91,035 नेगेटिव पाए गए हैं। वहीं राज्य भर में कुल 3,03,2,96 होम क्वारंटीन  पर हैं और 66,2,53 लोग क्वारंटीन सेंटर में रखे गए हैं।

केन्द्र की गलती का खामियाजा भूगत रहे हैं मजदूर वर्गः प्रवासी मजदूर

दूसरे राज्यों से झारखंड पहुंच रहे मजदूरों की मानें तो केन्द्र सरकार के गलत निर्णय का खामियाजा मजदूर तबके के लोग भुगत रहे हैं। लॉक डाउन लागू करने से पूर्व अगर मजदूरों को घर लौटने का समय दिया गया होता तो ना ही मजदूरों को परेशानी झेलनी पड़ती और ना ही भूख-प्यास से मजदूरों की मौत हुई होती।

https://youtu.be/4OLJAtBZem8

राज्य सरकार सिर्फ वाहवाही लूटने के चक्कर में बढ़ा रही है कोरोना संक्रमितों की संख्याः

वहीं झारखंड सरकार मजदूरों को तब वापस ला रही है, जब रेड जोन में रह रहे मजदूर काफी संख्या में संक्रमित हो चुके हैं और और जहां हैं वहीं उनके लिए सुविधा प्रदान करने के बजाय मजदूरों को लाकर वाहवाही लूट रही है। जबकि राज्य सरकार द्वारा मजदूरों को लाने का निर्णय भी सिर्फ और सिर्फ राजनीति से प्रेरित है। राज्य सरकार ने मजदूरों को रखने के लिए क्वारंटीन सेंटर का जो ढांचा तैयार किया है, वो भी पूरी तरह गलत है। ज्यादातर क्वारंटीन सेंटरों में सुविधा का घोर अभाव है।

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