जुर्मू मोब लिंचिंग घटना में मारे गए प्रकाश उरांव के हत्यारे गवाहों को दे रहे हैं धमकी, पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता को भी दल विशेष द्वारा दिया जा रहा है प्रलोभन….  

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रिपोर्ट- संजय वर्मा….

10 अप्रैल 2019 को मोब लिंचिंग में हुई थी 50 वर्षीय प्रकाश उरांव की हत्या।

समुदाय विशेष के लोगों ने लाठी-डंडे से पीट-पीट कर की थी पुलिस के सामने हत्या।

घटना में  पीटर केरकेट्टा, बेलारियस मिंज और जेनेरियस मिंज गंभीर रुप से घायल हुए थें।

प्रकाश उरांव के हत्यारे गवाहों को दे रहे हैं जान मारने की धमकी।

दल विशेष के व्यक्ति द्वारा पीड़ितों के अधिवक्ता को दिया जा रहा है प्रलोभन।

 

गुमलाः 2019, 10 अप्रैल को गुमला जिला जुर्मू गांव निवासी प्रकाश लकड़ा की एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा पुलिस के सामने पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। इसी गांव के तीन और लोग, पीटर केरकेट्टा, बेलारियस मिंज और जेनेरियस मिंज की भी भीड़ द्वारा बेरहमी से पीटाई हुई थी। पीटाई के क्रम में इनसे जयश्री राम और जय बजरंग बली के धार्मिक नारे भी लगवाए गए थें।

समुदाय विशेष के लोगों ने हरवे-हथियार से लैस होकर घटना को दिया था अंजाम:

जिस समय साहु समुदाय के लोगों द्वारा प्रकाश उरांव, पीटर केरकेट्टा, बेलारियस मिंज और जेनेरियस मिंज की लाठी-डंडे से पीटाई की गई, उस दौरान ये सभी अन्य ग्रामीणों के साथ मिल कर पूर्व से रास्ते में मरे पड़े बैल के शव को हटा रहे  थें,  बैल के मालिक ने इन लोगों को वहां से हटाने के लिए कहा था  और हटाने के क्रम में ही  उक्त स्थल पर धावा बोला और बिना मामले की छानबीन किये मृतक बैल को रास्ते से हटा रहे लोगों पर हमला कर दिया था। हमले के दौरान कुछ लोग जान बचा कर भागने में सफल रहे थें, लेकिन 50 वर्षीय प्रकाश उरांव, पीटर केरकेट्टा, बेलारियस मिंज और जेनेरियस मिंज इनके हत्थे चढ़ गएं, जिसके बाद साहू समुदाय के संजय साहू संदीप साहू, संतोष साहू, और उनके बेटों के साथ अन्य लोगों ने लाठी और डंडे से इनकी जमकर पीटाई की। इसके बाद एक किलोमीटर दूर जैरागी तक इन्हें पीटते हुए ले गएं। फिर बस में बैठा कर इन्हें डुमरी थाना तक ले जाया गया। थाना प्रभारी के सामने भी इन्हें पीटा जाता रहा, लेकिन थाना प्रभारी ने पिटाई कर रहे लोगों को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। काफी देर तक ये लोग थाना के समिप ही दर्द से तड़पते रहें और यहीं पर 50 वर्षीय प्रकाश उरांव की मौत हो गई। काफी समय बीत जाने के बाद गंभीर रुप से घायल पीटर केरकेट्टा, बेलारियस मिंज और जेनेरियस मिंज को प्रकाश उरांव के शव के साथ पुलिस द्वारा अस्पताल भेजा गया। ये जानकारी पीड़ित बेलारियस मिंज ने दी।

साहू समुदाय के लोगों पर हत्या का मामला पीड़ितों द्वारा थाना में दर्ज करवाया गया था। ये मामला गुमला न्यायालय में चल रहा है। हत्या के सभी आरोपी जेल से जमानत पर रिहा हो चुके हैं और गवाहों पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं पीड़ितों के अधिवक्ता को भी कोर्ट परिसर में ही जा कर धमकी दी जा रही है। मोबलिंचिंग घटना के पीड़ित सह मुख्य गवाह जेनेरियस मिंज ने बताया कि वर्तमान में आरोपियों द्वारा हमलोगों को जान मारने की धमकी दी जा रही है। जब हम लोग शिकायत दर्ज करवाने थाना जाते हैं, तो वहां से हमलोगों को भगा दिया जाता है। पुलिस भी आरोपियों का ही साथ दे रही है।

दल विशेष के व्यक्ति द्वारा पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता को दिया जा रहा है प्रलोभनः

वहीं पीड़ित पक्ष की अधिवक्ता विमला ने बताया कि, प्रकाश उरांव केस के मुख्य गवाहों के साथ साथ मुझे भी आरोपियों द्वारा धमकी दी जा रही है। वे कहते हैं कि आप इस केस से हट जाएं, अन्यथा एक्सीडेंट और अपहरण होना आम बात है। अधिवक्ता विमला ने ये भी बताया कि एक दल विशेष के व्यक्ति द्वारा मुझे फोन कर गवाहों को बरगलाने की बात कही जा रही है। दल विशेष के व्यक्त का फोन नंबर मैंने सुरक्षित रख लिया है।

संविधान के रक्षक ही भक्षकों के साथ खड़ी हैः अशोक वर्मा

7 नवंबर को पूर्व जिला परिषद् सदस्य सरोज लकड़ा, वरिष्ठ पत्रकार सह सामाजिक कार्यकर्ता अशोक वर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता अफजल अनिश के साथ पीड़ित परिवार के सदस्य और मुख्य गवाहों ने जिले के एसपी एहतेशाम वकारिब से मुलाकात कर पुरे मामले की जानकारी दी। अशोक वर्मा ने बताया कि घटना के तीनों मुख्य गवाह आर्थिक रुप से काफी कमजोर हैं और अशिक्षित भी। आरोपी काफी दबंग हैं और पूर्व में हत्या जैसे मामलों में जेल भी जा चुके हैं। जिसके कारन गवाहों में भय का महौल है। घटना की अबतक जो जानकारी मिलि है, उसके अनुशार स्थानीय पुलिस भी दबंगों के ही पक्ष में ही खड़ी है, ऐसे में न्याय होता नही दिख रहा। संविधान के रक्षक भी संविधान के भक्षकों के साथ खड़ी है। इसलिए कुछ सामाजिक कार्यकर्ता पीड़ित गवाहों के साथ पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचें और न्याय के लिए सुरक्षा की गुहार लगाई गई है। पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि गवाहों को पुरी सुरक्षा दी जाएगी।

एस. पी. ने गवाहों को सुरक्षा का दिया आश्वासनः

इस बाबत एसपी से सवाल किये जाने पर उन्होंने बताया कि, पीड़ित परिवार और गवाहों को मामले की सुनवाई होने तक पूर्ण सुरक्षा दी जाएगी। सुरक्षा के लिए स्थानीय थाना के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है।

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